
6 महीने के बाद शिशु के स्वस्थ शारीरिक विकास के लिए मां के दूध के साथ सॉलिड फूड दिया जाता है। सॉलिड फूड की शुरुआत करवाने के लिए बच्चों को फलों की प्यूरी, दाल का पानी, खिचड़ी और रस वाले फल दिए जाते हैं। बच्चों को दाल का पानी देते वक्त अक्सर न्यू पेरेंट्स के मन में एक ही सवाल आता है कि क्या ये बच्चे के लिए पर्याप्त आहार है? इस सवाल का जवाब जाने बगैर ही पेरेंट्स बच्चों को दाल का पानी के बजाय उबली की हुई दाल को मैश करके देने लगते हैं।
बच्चों को मैश्ड दाल देते वक्त एक बार फिर पेरेंट्स के दिमाग में यह सवाल घूमता है कि दाल का पानी और मैश्ड दाल में से कौन सी चीज बच्चे के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होती है? इन दिनों अगर आप भी इस सवाल से जूझ रही हैं, तो आइए जानते हैं इसका जवाब हैरदाबाद स्थित चाइल्ड केयर हॉस्पिटल के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप बेलपत्रे से।
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मैश्ड दाल vs दाल का पीना, शिशु के लिए क्या है फायदेमंद?
डॉ. संदीप बेलपत्रे के अनुसार, 6 महीने के बाद शिशु को जब मां के दूध के साथ सॉलिड आहार दिया जाता है, तो उसे शुरुआत में दाल का पानी देना चाहिए। लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है बच्चे को मैश की हुई दाल देना ज्यादा फायदेमंद होता है। दरअसल, दाल के पीने में दाल जितनी मात्रा में पोषक तत्व नहीं पाए जाते हैं। दाल के पानी में बहुत की कम मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। वहीं, जब बात मैश की हुई दाल की आती है, तो इसमें हाई प्रोटीन, कैल्शियम, फाइबर, विटामिन बी1 और बी3, पोटैशियम, आयरन, फास्फोरस, मैग्नीशियम और जिंक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह पोषक तत्व बच्चों के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। डॉक्टर का कहना है कि 6 महीने के बाद शिशु को दाल का पानी देना चाहिए, लेकिन 7 से 8 महीने के बाद बच्चों के विकास के लिए उबली हुई मैश की हुई दाल ज्यादा फायदेमंद होती है।
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बच्चों को दाल खिलाने के फायदे- Dal Benefits For Babies
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो 7 महीने की उम्र के बाद बच्चे थोड़ा मुंह चलाना सीख जाते हैं। बच्चों को दाल खिलाने से सेहत को कई तरह के फायदे मिलते हैं।
1. दाल में पर्याप्त मात्रा में आयरन पाया जाता है। रोजाना बच्चों को दाल खिलाने से आयरन की कमी को दूर किया जा सकता है। जानकारी के लिए बता दें कि बच्चों में आयरन की कमी होने से एनीमिया नामक बीमारी हो सकती है।
2. बढ़ते बच्चों की हड्डियों के विकास के लिए भी दाल बहुत फायदेमंद होता है। दाल में कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है, जो बढ़ती हड्डियों को मजबूती प्रदान करता है।
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3. छोटे बच्चों को अक्सर पेट में दर्द, कब्ज और डायरिया की समस्या देखी जाती है। इस समस्या से राहत दिलाने में भी दाल बहुत फायदेमंद होती है। दाल में फाइबर होता है, जो बच्चों के मल को मुलायम बनाकर पेट की परेशानियों से राहत दिलाता है।
4. दाल के पोषक तत्व बच्चों की इम्यूनिटी को स्ट्रांग बनाकर बीमारियों और संक्रमण के खतरे को कम करते हैं।
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