
जन्म के 6 महीने के बाद बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास सही तरीके से हो सके, इसके लिए उसे मां के दूध के साथ-साथ ठोस आहार भी खिलाया जाता है। 6 महीने के बाद शिशु को दलिया, दाल और पंजीरी खिलाने की सलाह दी जाती है। दलिया और पंजीरी एक ही तरह की होती है, इसलिए इसको लेकर न्यू मॉम के मन में किसी तरह का कंफ्यूजन नहीं होता है। लेकिन वहीं बात जब दाल की आती है, तो अक्सर मॉम समझ नहीं पाती हैं कि बच्चे के लिए क्या सही है। जब मेरे बेटे ने सॉलिड फूड खाना शुरू किया तब मैंने उसे अपने घर में बनने वाली रेगुलर अरहर की दाल देना शुरू किया। अरहर की दाल खाने से मेरे बेटे का पेट खराब हो गया। इतना ही नहीं वो तो उल्टी और दस्त भी करने लगा। जब मैंने इस बारे में डॉक्टर से बात की, तो उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों का पाचन तंत्र बहुत कमजोर होता है, ऐसे में उन्हें ऐसी चीजें देनी चाहिए जो आसानी से डाइजेस्ट हो जाए। इसके बाद डॉक्टर ने मुझे उन दालों के बारे में भी बताया जो बच्चों को 6 महीने के बाद देनी चाहिए। इन दालों का सेवन करने से न सिर्फ बच्चा हेल्दी रहता है, बल्कि उसका शारीरिक विकास भी तेजी से होता है। आज इस लेख में बच्चों के लिए कौन सी दालें बेस्ट हैं, इस विषय पर बात करेंगे। इस विषय पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने हैदराबाद स्थित बालाजी चिल्ड्रन हॉस्पिटल में बतौर में कंसलटेंट पीडियाट्रिशियन डॉक्टर संदीप बेलपत्रे से बातचीत की।
छोटे बच्चों को कौन सी दाल देनी चाहिए?- Which Pulses are Good for Babies
डॉ. संदीप बेलपत्रे का कहना है कि जिन पेरेंट्स ने कुछ वक्त पहले ही शिशुओं को ठोस आहार देना शुरू किया है, उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे का पाचन तंत्र अभी बनना शुरू हुआ है। इसलिए उन्हें सिर्फ ऐसी चीजें देनी चाहिए जो पचान में आसानी हो। शुरुआत में 15 से 20 दिनों में बच्चों को सिर्फ दाल का पानी ही देना चाहिए। 15 से 20 दिनों के बाद ही बच्चों को दाल देने की शुरुआत करनी चाहिए। आप बच्चों को नीचे बताई दालें दे सकते हैं।
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बच्चों के लिए चने की दाल के फायदे- Chana Dal Benefits for Babies
डॉक्टर का कहना है कि छोटे बच्चों के लिए चने की दाल बहुत फायदेमंद होती है। चने की दाल में प्रचुर मात्रा में फाइबर और प्रोटीन पाया जाता है। फाइबर पाचन को दुरुस्त बनाता है। साथ ही पेट में दर्द और कब्ज जैसी परेशानियों से भी राहत दिलाता है। चने की दाल बच्चों के शरीर को तंदुरुस्त बनाए रखने के साथ-साथ एनर्जी भी देती है। चने की दाल का सेवन करने से हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
बच्चों के लिए मूंग की दाल के फायदे - Moong Dal Benefits For Babies
मूंग की दाल बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद होती है। किसी भी अन्य दाल की तुलना में मूंग की दाल को पचाना काफी आसान होता है। मूंग की दाल में हाई प्रोटीन होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। इसके अलावा मूंग की दाल कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, फाइबर, फोलिक और प्रोटीन आदि भरपूर होती है। बच्चों को मूंग की दाल खिलाने से उनका दिमाग विकास सही तरीके से होता है। साथ ही यह इम्यूनिटी को भी स्ट्रांग बनाने में मदद करती है।
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बच्चों के लिए मसूर दाल के फायदे- Masoor Dal Benefits for Babies
बच्चों के लिए मसूर की दाल भी काफी फायदेमंद होती है। मसूर की दाल में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन बी, आयरन, जिंक और कैल्शियम से भरपूर होती है। बच्चों को नियमित तौर पर मसूर की दाल देने से हड्डियों को मजबूत बनाने, दिमागी विकास को बढ़ाने और हार्ट प्रॉब्लम को रोकने में मदद मिलती है। मसूर दाल में ऐसे पेप्टाइड्स पाए जाते हैं, जो शरीर में एंटीमाइक्रोबियल यानी जीवाणु रोधी गतिविधि को बढ़ा सकते हैं। इसकी वजह से संक्रमण का खतरा कम करने में मदद मिलती है।
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