प्रेगनेंसी के बाद अक्सर महिलाओं में वजन बढ़ जाने की समस्या देखने को मिलती है। इस बढ़ते वजन पर गौर न करने से फैट, मोटापे का रूप ले लेता है और जिन्दगी भर आपके साथ रहता है। कुछ महिलाएं, अपने शरीर के प्रति जागरूक होकर वजन कंट्रोल कर लेती हैं। क्या आप भी बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो ये लेख आपके लिए है। ओनलीमायहेल्थ की खास सीरीज 'फैट टू फिट' में आज हम आपको बताने जा रहे हैं पुणे की रहने वाली 35 वर्षीय श्रुति पवार की कहानी जिन्होंने करीब 8 महीने के समय में 20 किलो वजन घटाया है। आईटी प्रोफेशनल होने की जिम्मेदारी, दो बच्चों की मां होने का फर्ज और साथ में घर के दायित्व के बावजूद श्रुति ने खुद को नजरअंदाज नहीं किया और इसका नतीजा है कि वो अपना वजन घटा पाईं। जानते हैं श्रुति की वेट लॉस जर्नी।
दूसरी प्रेगनेंसी के बाद वजन अचानक बढ़ गया
श्रुति ने बताया, ''मेरी बड़ी बेटी 8 साल की है और दूसरी बेटी 2 साल की है। दूसरी प्रेगनेंसी के बाद मेरा वजन अचानक बढ़ने लगा।मेरी दूसरी बेटी पहले लॉकडाउन के दौरान हुई थी। उस दौरान कई समस्याएं हो रही थीं। स्वास्थ्य चिंता के अलावा घर के काम बढ़ गए थे। घर का काम खुद से करती थी। बड़ी बेटी का ऑनलाइन स्कूल भी था। जब मेरी छोटी बेटी 6 माह की थी, तो ऑफिस दोबारा शुरू करने का समय हुआ। मैंने उस दौरान वर्क फ्रॉम होम किया। तब मुझे समझ आया कि मेरा सेल्फ कॉन्फिडेंस कम हो गया था क्योंकि मैं हमेशा से पतली रही हूं, लेकिन खुद को मोटापे से घिरा पाकर मुझे अच्छा नहीं लग रहा था। वजन के कारण मैं जल्दी थक जाती थी। मेरी फिटनेस कोच और दोस्त वृषाली ने कहा कि मैं कुछ न करने के बजाय थोड़ी कसरत से शुरुआत करूं।''
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कैसे हुई वेट लॉस जर्नी की शुरुआत?
श्रुति ने बताया, ''फिटनेस कोच वृषाली अपने चैनल के जरिए कसरत की पूरी जानकारी लोगों के साथ साझा करती हैं। मैंने उन्हें देखकर कसरत करना शुरू किया। पहले दिन मुझे सुबह के समय उठने और कसरत करने में परेशानी हो रही थी। उस समय लग रहा था कि मेरी बेटी उठ जाएगी, तो मैं उसे कैसे संभाल पाऊंगी। लेकिन मैंने फिर भी हिम्मत करके कसरत करने की शुरुआत की। मुझे कोई कपड़े फिट नहीं हो रहे थे। मैं उस समय XL साइज के कपड़े पहनती थी। इतने बड़े कपड़े मैंने कभी नहीं पहने थे। पहले दिन कसरत शुरू किए कुछ मिनट ही हुए थे कि मेरी बेटी नींद से उठ गई। लेकिन मैंने उसके पास कुछ खिलौने रख दिए और कसरत जारी रखी। उस दिन मुझे समझ आया कि अगर आप कुछ तय कर लेते हैं, तो उसे पूरा करने की हिम्मत जरूरी मिलेगी। शुरू के 15 दिन शरीर में दर्द होता था लेकिन मैंने हार नहीं मानी और कसरत करती रही।''
ये है मेरा वेट लॉस रूटीन
श्रुति ने बताया, ''सुबह 6 बजे उठ जाती हूं। फिर करीब 6:45 से 7:45 तक कसरत करती हूं। सुबह के समय मैं कसरत को 1 घंटा देती हूं। उसके बाद प्रोटीन शेक का सेवन करती हूं। ब्रेकफास्ट में प्रोटीन रिच डाइट लेती हूं। खाने में रोटी सब्जी, सलाद, दही खाती हूं। शाम को चाय के साथ मखाना या चना खा लेती हूं। डिनर जल्दी करती हूं। 7 30 तक खा लेती हूं। चावल के साथ सोया चंक्स या उबले हुए अंडे खाती हूं। इसके साथ ढेर सारा सलाद भी खाती हूं।''
कसरत करने से शरीर की ऊर्जा लौट आई
श्रुति ने बताया, ''कसरत करने से मुझे ये महसूस होने लगा कि खुद के बारे मुझे अच्छा महसूस होने लगा था। वेट लॉस के साथ-साथ खुश रहना भी जरूरी है। कसरत और डाइट के सहारे मैं खुद को खुश रख पाती थी और ये बड़ी जीत थी। इसके अलावा मेरा स्टैमिना बढ़ गया था, बच्चों की जिम्मेदारी और ऑफिस के काम के बावजूद मेरे शरीर में ऊर्जा बच जाती थी। मैंने शुरू के एक महीने केवल कसरत किया लेकिन डाइट नहीं लिया। दूसरे महीने में डाइट शुरू किया। एक बार घर की महिला हेल्दी रहने लगती है, तो धीरे-धीरे सब हेल्दी रूटीन फॉलो करने लगते हैं। जब मुझे वृषाली से डाइट के बारे में पता चला, तो मैंने अपने परिवार को भी हेल्दी डाइट की जानकारी दी। मेरे साथ-साथ बाकि लोग भी अब हेल्दी खाने लगे हैं।''
20 किलो वजन घटा लिया
श्रुति ने बताया, ''मैंने 4 महीने डाइट फॉलो किया। फिर मैंने कसरत को जारी रखा और फिटनेस कोच की सलाह लेने के 2 साल बाद भी मैं कसरत कर रही हूं। मेरा टार्गेट था कि मेरी बेटी के पहले जन्मदिन पर मुझे 54 किलो का होना था जो कि मैंने कर लिया। मैंने 20 किलो वजन कम किया। पहले मेरा वजन 70 था और अब 50 है। 11 साल पहले जब मेरी शादी हुई तब मेरा वजन 49 के आसपास था और मैं प्रेगनेंसी के बाद फिर से उस वजन को कायम कर पाई। ऐसा नहीं है कि मेरा वजन नहीं बढ़ा। खास मौकों पर अक्सर पकवान खाने के कारण वजन बढ़ता भी है लेकिन हेल्दी डाइट लेने से आप अपना वजन आसानी से कंट्रोल कर सकते हैं। अगर मैं किसी कारण से कसरत नहीं कर पाती हूं, तो आलस्य महसूस होता है। मेरी सलाह यही है कि अगर रोज कसरत नहीं कर पा रहे हैं, तो आप हफ्ते में 5 दिन ही कसरत करें। इससे आपको बड़ा फर्क देखने को मिलेगा।''
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग से मसल्स टोन्ड हुईं
श्रुति ने बताया, ''वेट लॉस को लेकर कई गलत धारणाएं समाज में मौजूद हैं जिनमें से एक है कि महिलाओं को डंबल्स को नहीं उठाना चाहिए। लोगों को लगा है कि ऐसा करने से वो पुरुषों की तरह नजर आएंगी। ये सोच गलत है। हड्डियों की मजबूती के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जरूरी है। प्रेगनेंसी से पहले मैं कोई न कोई कसरत जरूर करती थी। लेकिन मसल्स बिल्डिंग का महत्व मुझे बाद में समझ आया।स्ट्रेंथ ट्रेनिंग के सहारे मेरा पॉश्चर भी बेहतर हो गया है। अगर आप बिना डाइट के कार्डियो कर रहे हो, तो मसल्स लॉस की समस्या होगी। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से महिलाएं कभी भी पुरुषों की तरह नहीं नजर आएंगी। ऐसा न सोचने वालों को अपनी सोच बदलनी चाहिए।''
श्रुति की वेट लॉस जर्नी जानकर आपको भी वजन घटाने की प्रेरणा मिली होगी। तो जल्दी अपनी वेट लॉस जर्नी शुरू करें और हमसे अपना अनुभव साझा करना न भूलें।