प्रेग्नेंसी में विटामिन D की कमी के क्या खतरे हैं? डॉक्टर से जानें कैसे करें विटामिन डी की कमी पूरी

गर्भावस्था में विटामिन डी की कमी से मां और बच्चे को कई समस्याएं हो सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते है।
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प्रेग्नेंसी में विटामिन D की कमी के क्या खतरे हैं? डॉक्टर से जानें कैसे करें विटामिन डी की कमी पूरी


गर्भावस्था हर महिला के जीवन में  एक संवेदनशील समय होता है और इस दौरान जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों का महत्व बढ़ जाता है। आमतौर पर गर्भवती महिलाएं सभी तरह के पोषक तत्वों का तो ध्यान रखती है लेकिन विटामिन डी से भरपूर पोषक तत्व अपने आहार में शामिल नहीं कर पाती है। विटामिन टी की कमी से प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह की समस्याएं हो सकती है। साथ ही यह बच्चे को भी प्रभावित कर सकता है। दरअसल विटामिन डी कैल्शियम और फास्फोरस के अवशोषण और चयापचय के लिए आवश्यक है। साथ ही विटामिन डी के सेवन से ऑटोइम्यून बीमारी, तंत्रिका संबधी रोग और इंसुलिन से संबंधित परेशानियां और हृदय रोगों को कम करने में सहायता करता है। प्रेग्नेंसी में मां और बच्चे के विकास के लिए D2 और D3 यौगिक सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। साथ ही इसके सेवन से हड्डियों में भी मजबूती आती है। इसके लिए आप कई खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकते है, जिससे विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सके।

प्रेग्नेंसी में विटामिन डी क्यों जरूरी है (Vitamin D in Pregnancy)

गर्भावस्था में विटामिन डी की सही मात्रा बनाए रखना बेहद जरूरी है। इससे भ्रूण का विकास प्रभावित हो सकता है। साथ ही इसकी कमी से प्री-एक्लेम्पसिया (हाई ब्लड प्रेशर), जन्म के समय बच्चे का वजन कम और इससे हड्डियां भी कमजोर हो सकती है। इससे शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे नर्वस सिस्टम और नसों में आराम मिलता है। 

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Image Credit- Freepik

प्रेग्नेंसी में विटामिन डी की कमी के कारण (Cause of  Vitamin D deficiency )

कई बार प्रेग्नेंसी में महिलाएं धूप में निकलने से बचना चाहती है या फिर कम बाहर निकलने का प्रयास करती है। इन सब कारणों से वह धूप के संपर्क में नहीं आ पाती है, जिसकी वजह उनके शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। साथ ही इससे गर्भावस्था में मूड स्विंग की समस्या भी हो सकती है। कई बार त्वचा को हमेशा ढककर रखने की आदत भी आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकती है। दरअसल इससे आपकी त्वचा पर्यावरण के संपर्क में नहीं आ पाती है। साथ ही पसीना स्किन में सूख जाने के कारण रैशेज भी हो सकते है। इसके अलावा अगर आपके शरीर में मेलानिन की मात्रा अधिक होती है, तो उस स्थिति में भी आपकी स्किन सूर्य के प्रकाश का अवशोषण सही ढंग से नहीं कर पाता है। इसके अलावा अधिक सनस्क्रीन का इस्तेमाल और विटामिन डी युक्त पोषक तत्वों के अभाव भी कमी के कारण हो सकते है। 

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विटामिन डी की कमी के लक्षण (Vitamin D deficiency Symptoms)

विटामिन डी की कमी से गर्भवती महिलाओं में कई लक्षण देखने को मिल सकते है। जैसे

1. हड्डियों में दर्द

2. जोड़ों में दर्द और सूजन

3. मांसपेशियों में थकान और दर्द की समस्या

4. शरीर में थकान का अनुभव

5. नसों में सूजन 

6. बालों का झड़ना

7. मूड में बदलाव

प्रेग्नेंसी में विटामिन डी के फायदे (Vitamin D benefits in Pregnancy)

1. डायबिटीज के लक्षणों को कम करे

गर्भावस्था के दौरान विटामिन डी की कमी के कारण डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है। दरअसल रक्त में विटामिन डी की कमी के कारण ग्लूकोज का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इस स्थिति में शरीर में उतना इंसुलिन नहीं बन पाता है, जितनी शरीर को जरूरत होती है। जिससे डायबिटीज की समस्या बो सकती है। यह खतरा स्तनपान कराने वाली मां में भी हो सकता है इसलिए अपने आहार में विटामिन डी की मात्रा जरूर शामिल करें। 

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2. प्री-एक्लेम्पसिया से बचाव 

दरअसल गर्भावस्था में अचानक हाई ब्लड प्रेशर की समस्या और पेशाब में प्रोटीन आना जैसी स्थिति विटामिन डी की कमी के कारण हो सकती है। इससे पैर और हाथ में सूजन की समस्या हो सकती है। इससे प्री-एक्लेम्पसिया कहते है और कई महिलाओं में यह प्रेग्नेंसी के 20 हफ्ते में भी देखा जा सकता है। इससे बच्चे को भी नुकसान हो सकता है। 

3. लो बर्थवेट से बचाव 

कई बार जन्म के समय बच्चे का वजन बहुत कम होता है, जिससे नवजात को कई शारीरिक समस्याएं हो सकती है। यह विटामिन डी की कमी के कारण हो सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, जिन बच्चों का जन्म के समय वजन 2500 ग्राम से कम होता है, उन्हें लो बर्थवेट की श्रेणी में रखा जाता है। इसलिए बच्चे के सही वजन और विकास के लिए विटामिन डी की भरपूर मात्रा लेना बेहद जरूरी है। 

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4. हड्डियों के लिए फायदेमंद

गर्भावस्था में विटामिन डी के सेवन से आपकी हड्डियां और दांत मजबूत रहते है। साथ ही इससे बोन मेटाबॉलिज्म में भी सुधार होता है। दरअसल बोन मेटाबॉलिज्म हड्डियों से जुड़ी वो निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसमें पुराने बोन टिशू हड्डियों से अलग हो जाते हैं और नए बोन टिशू का निर्माण होता है। इससे रिकेट्स की परेशानी भी नहीं होती है। 

5. समय से पहले बच्चे का जन्म

विटामिन डी की कमी की वजह से बच्चे का जन्म समय से पहले हो सकता है। समय से पहले होने वाले बच्चों में कई तरह की समस्या देखी जा सकती है। इससे बच्चे का विकास और स्वस्थ प्रभावति हो सकता है इसलिए अपने स्वस्थ में आप विटामिन डी सप्लीमेंट भी शामिल कर सकते है। 

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बच्चे पर विटामिन डी की कमी का प्रभाव

गर्भावस्था के दौरान अगर आप सही मात्रा में विटामिन डी नहीं लेते है, तो इससे बच्चे पर प्रभाव पड़ सकता है। 

1. जन्म के समय बच्चे का वजन कम होना

2. नवजात में रिकेट्स की समस्या

3. बच्चे के शरीर में कैल्शियम की कमी

4. डायबिटीज 

5. इम्यून सिस्टम में कमजोरी

6. नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं

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विटामिन डी के लिए इन फूड्स का करें सेवन

1. विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आप मशरूम का सेवन कर सकते है। इससे आप सलाद या सब्जी की तरह इस्तेमाल कर सकते है।

2. पनीर और अंडे के सेवन से शरीर को कई लाभ मिलते है। इससे आप उबालकर या ऑमलेट बनाकर भी आहार में शामिल कर सकते है। 

3. सोया मिल्क के सेवन से भी विटामिन डी की कमी को पूरा किया जा सकता है। 

4. फैटी फिश के सेवन से भी आपको विटामिन डी की कमी नहीं होती है। इसेक लिए आप टूना, सैल्मन और मैकेरल का सेवन कर सकते है। 

5. संतरे का रस या दही का सेवन भी विटामिन डी से भरपूर होता है। इससे भी आपको कई लाभ मिलते है। 

6. इसके अलावा आप सुबह 11 बजे से पहले तक की धूप जरूर लें। इससे भी आपको विटामिन डी भरपूर मात्रा में मिल सकता है। 

प्रेग्नेंसी में विटामिन डी अधिक लेने के नुकसान

आपको पता है कि किसी भी चीज का इस्तेमाल संतुलित मात्रा में करने से उसका लाभ मिलता है। ऐसे में गर्भावस्था में विटामिन डी का अधिक इस्तेमाल करने से आपको कई नुकसान भी हो सकते है। इससे शरीर में हाइपरविटामिनोसिस डी की समस्या हो सकती है। इससे हाइपरकैल्सीमिया मतलब शरीर में कैल्शियम की मात्रा बढ़ सकती है और हाइपरकैल्शियूरिया मतलब यूरिन में भी कैल्शियम की मात्रा अधिक हो सकती है। इससे किडनी स्टोन का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए अपने स्वास्थ स्थिति के अनुसार अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही विटामिन डी का सेवन करे।

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