किडनी शरीर का एक खास अंग है, जो खून को शुद्ध करने, शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने और तरल पदार्थों का संतुलन बनाए रखने का काम करता है। किडनी में ट्यूमर तब विकसित होते हैं जब कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और एक गांठ या मांस बना लेती हैं। किडनी में ट्यूमर आमतौर पर दो प्रकार के होते हैं- कैंसर (मैलिग्नेंट) और गैर-कैंसर (बिनाइन)। कैंसर वाले ट्यूमर में कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और शरीर के अन्य हिस्सों में फैल सकती हैं, जबकि बिनाइन ट्यूमर में कोशिकाओं की ग्रोथ धीमी होती है और वे शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं फैलती हैं। किडनी के ट्यूमर का समय पर पता लगाना और इलाज कराना जरूरी होता है, क्योंकि अगर इनका इलाज नहीं किया जाता है, तो ये जानलेवा खतरे का कारण बन सकते हैं। इस लेख में हम आपको बताएंगे किडनी में होने वाले 5 तरह के ट्यूमर के बारे में। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. रिनल सेल कार्सिनोमा- Renal Cell Carcinoma
रिनल सेल कार्सिनोमा किडनी का सबसे कॉमन टाइप का कैंसर है। यह किडनी की कोशिकाओं से बनता है और आमतौर पर एक किडनी में पाया जाता है। आरसीसी की पहचान की प्रक्रिया में शुरुआती लक्षण अक्सर साफ होते हैं, जैसे कि पेट में दर्द, खून आना या वजन में अचानक गिरावट। यह कैंसर शरीर के अन्य अंगों में फैल सकता है, जैसे लंग्स और हड्डियों में।
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2. पेल्विक ट्यूमर- Pelvic Tumour
पेल्विक ट्यूमर किडनी के निचले हिस्से में स्थित पेल्विस (जहां यूरिन इकट्ठा होती है) में बनते हैं। यह किडनी के छोटे ट्यूबों या संरचनाओं में बन सकते हैं, जो यूरिन के फ्लो में रुकावट डाल सकते हैं। ये ट्यूमर अन्य अंगों तक फैलने से पहले किडनी के अंदर ही सीमित रहते हैं, लेकिन इनकी पहचान में देरी हो सकती है।
3. रिनल ब्लास्टोमा- Renal Blastoma
रिनल ब्लास्टोमा बच्चों में किडनी के कैंसर का एक दुर्लभ प्रकार है। यह किडनी के विकासशील टिशूज से बनता है और ज्यादातर 5 साल से कम उम्र के बच्चों में पाया जाता है। इसका इलाज समय रहते किया जाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह बहुत तेजी से फैल सकता है।
4. एडेनोमा- Adenoma
किडनी के एडेनोमा बिनाइन (गैर-कैंसर) ट्यूमर होते हैं, जो किडनी की ग्रंथियों में बनते हैं। आमतौर पर, ये ट्यूमर बिना किसी लक्षण के होते हैं और अक्सर नियमित जांच में ही सामने आते हैं। हालांकि, अगर इनका आकार बढ़ता है, तो ये ब्लीडिंग या दर्द का कारण बन सकते हैं।
5. हाइपरनेफ्रोमा- Hypernephroma
यह एक दुर्लभ प्रकार का किडनी ट्यूमर होता है जो रिनल कोशिकाओं से बनता है। यह ट्यूमर ज्यादातर बिनाइन होते हैं, लेकिन कभी-कभी ये कैंसर का रूप ले लेते हैं और किडनी के अन्य हिस्सों में फैल सकते हैं। हाइपरनेफ्रोमा की पहचान आमतौर पर अल्ट्रासोनोग्राफी या सीटी स्कैन के जरिए की जाती है।
ट्यूमर न केवल किडनी के काम को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि पूरे शरीर के स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। अगर आपको किडनी के ट्यूमर के संकेत जैसे पेट में दर्द, ब्लीडिंग या अचानक वजन घटने के लक्षण दिखाई दें, तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
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