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Brain Tumor पीड़िता ने KBC में जीते 50 लाख रुपए, जानें यह बीमारी मानसिक क्षमता को कैसे करती है प्रभाव‍ित

KBC 16: हाल ही में महानायक अमिताभ बच्‍चन के सामने KBC 16 गेम में सवालों के जवाब देते हुए ब्रेन ट्यूमर पीड़िता नरेशी मीना ने 50 लाख रुपए जीते।
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Brain Tumor पीड़िता ने KBC में जीते 50 लाख रुपए, जानें यह बीमारी मानसिक क्षमता को कैसे करती है प्रभाव‍ित


Kaun Banega Crorepati 2024: आजकल बेटियां हर क्षेत्र में देश का नाम ऊंचा कर रही हैं। 27 साल की नरेशी मीणा, जो ब्रेन ट्यूमर से पीड़ित हैं, ने हाल ही में प्रसिद्ध टीवी शो 'कौन बनेगा करोड़पति' के 16वें सीजन में 50 लाख रुपये जीते। SI की परीक्षा पास करने के बाद, मेडिकल परीक्षण के दौरान उन्हें ब्रेन ट्यूमर का पता चला। इसके बाद, आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद, उनके परिवार ने प्राइवेट अस्पताल में उनका इलाज करवाया। हालांकि, ट्यूमर का कुछ हिस्सा अभी भी उनके द‍िमाग में मौजूद है, जिसे ऑपरेशन से निकालने में जान का खतरा हो सकता है। शारीर‍िक समस्‍याओं के बावजूद नरेशी ने यह साब‍ित क‍िया है क‍ि अगर व्‍यक्‍त‍ि चाहे, तो कुछ भी कर सकता है। ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर जानलेवा बीमारी है और इससे पीड़ि‍त व्‍यक्‍त‍ि की मानस‍िक क्षमता और मेमोरी पर बीमारी का बुरा असर पड़ता है। इस लेख में हम जानेंगे क‍ि ब्रेन ट्यूमर, मानस‍िक क्षमता को कैसे प्रभाव‍ित करता है। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्‍प‍िटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन से बात की।   

kon bnega crorepati

अमिताभ बच्चन ने ब्रेन ट्यूमर के इलाज के ल‍िए दी आर्थि‍क सहायता 

नरेशी को ब्रेन ट्यूमर के इलाज के ल‍िए प्रोटॉन थेरेपी करवाने की जरूरत है। महानायक अम‍िताभ बच्‍चन ने शो के दौरान नरेशी के जज्बे को सलाम करते हुए उन्‍हें वित्तीय सहायता करने की बात कही। नरेशी राजस्थान के महिला अधिकारिता विभाग में सुपरवाइजर के पद पर कार्यरत हैं। एसआई की परीक्षा पास करने के बाद, मेडिकल जांच के दौरान नरेशी को ब्रेन ट्यूमर का पता चला, जिससे वह काफी आहत हुईं। उनके माता-पिता ने उन्हें इस कठिन समय में सहारा दिया। नरेशी की मां ने बेटी के इलाज के लिए अपने गहने तक बेच दिए। परिवार के समर्थन और अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर, नरेशी ने पढ़ाई जारी रखी और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। नरेशी की केबीसी (KBC 16) में शानदार जीत के बाद, उनके गांव ने उनका भव्य स्वागत किया। 

ब्रेन ट्यूमर से मेमोरी और मानस‍िक क्षमता पर क्‍या असर पड़ता है?- How Brain Tumor Affects Mental Ability

ब्रेन ट्यूमर का द‍िमाग पर गहरा असर पड़ सकता है, जो मेमोरी और मानसिक क्षमता पर कई तरह से असर डाल सकता है। ये प्रभाव इस बात पर निर्भर करते हैं कि ट्यूमर द‍िमाग के किस हिस्से में मौजूद है, उसका आकार कितना बड़ा है और कितनी तेजी से वह बढ़ रहा है। ब्रेन ट्यूमर के प्रभाव को आगे समझेंगे- 

ब्रेन ट्यूमर का मेमोरी पर प्रभाव- Brain Tumor Affects Memory

  • ट्यूमर द‍िमाग के उन हिस्सों को प्रभावित कर सकता है जो शॉर्ट-टर्म मेमोरी से जुड़े होते हैं, जैसे कि टेम्पोरल लोब। इससे व्यक्ति को क‍िस्‍से, घटनाएं, बातचीत या नई जानकारी को याद रखने में मुश्‍क‍िल होती है।
  • अगर ट्यूमर दि‍माग के लॉन्ग-टर्म मेमोरी से संबंधित हिस्सों पर दबाव डालता है, तो व्यक्ति को पुरानी यादों को याद रखने में भी मुश्किल हो सकती है।
  • मेमोरी पर इस गंभीर बीमारी से पड़ने वाले प्रभाव, ट्यूमर के स्थान और बढ़ने की दर पर निर्भर करता है। गंभीर मामलों में, व्यक्ति अपनी पहचान या परिवार के सदस्यों को भी भूल सकता है।

इसे भी पढ़ें- ब्रेन ट्यूमर का इलाज कैसे क‍िया जाता है? डॉक्‍टर से जानें

ब्रेन ट्यूमर का मानसिक क्षमता पर प्रभाव- Brain Tumor Affects Mental Ability 

  • ब्रेन ट्यूमर का मानसिक प्रक्रियाओं जैसे कि सोचने, निर्णय लेने, समस्या हल करने और एकाग्रता पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
  • ट्यूमर ब्रेन के फ्रंटल लोब पर असर डाल सकता है, जिससे ध्यान केंद्रित करने और किसी कार्य पर लंबे समय तक याद रखने में मुश्‍क‍िल हो सकती है।
  • ब्रेन ट्यूमर से पीड़ि‍त व्यक्ति में मूड स्विंग्स, अवसाद, चिड़चिड़ापन और चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • ट्यूमर से संबंधित सूजन, मस्तिष्क पर दबाव बनाती है ज‍िससे व्‍यक्‍त‍ि को भ्रम हो सकता है या उसे स्थिति को समझने या सही तरीके से प्रतिक्रिया करने में समस्या हो सकती है।

ब्रेन ट्यूमर का भाषा और दृष्टि पर प्रभाव- Brain Tumor Affects Language and Vision 

  • ब्रेन ट्यूमर से जूझ रहे व्यक्ति को बोलने, समझने या सही शब्द चुनने में कठिनाई हो सकती है।
  • व्यक्ति के बोलने की गति धीमी हो सकती है और वाक्यों को बनाने में कठिनाई हो सकती है।
  • अगर ट्यूमर ऑप्टिक नर्व पर दबाव डालता है, तो दृष्टि धुंधली हो सकती है या डबल विजन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • अगर ट्यूमर मोटर कॉर्टेक्स या सेरिबैलम पर दबाव डालता है, तो शारीरिक संतुलन, गति और कोऑर्डिनेशन प्रभावित हो सकते हैं।
  • ब्रेन ट्यूमर के इलाज के ल‍िए सर्जरी, रेडियोथेरेपी और कीमोथेरेपी की मदद ली जाती है। साथ ही, काउंसलिंग, फिजियोथेरेपी और दवाओं की मदद भी ली जाती है। 

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image credit: koimoi, amarujala

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