आज के समय में, अपने लुक्स को लेकर महिलाएं काफी जागरूक हो गई हैं। खासतौर पर ब्रेस्ट साइज से जुड़ी असंतुष्टि कई महिलाओं के आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन सर्जरी, जिसे आमतौर पर ब्रेस्ट इम्प्लांट या ब्रेस्ट वृद्धि सर्जरी कहा जाता है, एक लोकप्रिय विकल्प बन गया है। महिलाएं इस प्रक्रिया का सहारा उन स्थितियों में लेती हैं जब वे अपने ब्रेस्ट के आकार को लेकर खुश नहीं होती हैं, जैसे कि गर्भावस्था के बाद ब्रेस्ट का ढीलापन और असमान ब्रेस्ट साइज को संतुलित करना। इस सर्जरी के जरिए महिलाएं न केवल अपने ब्रेस्ट का आकार बढ़ा सकती हैं, बल्कि अपने फिगर को भी बेहतर बना सकती हैं। इस लेख में प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर शिवप्रसाद (Consultant Plastic Cosmetic and Reconstructive Surgeon, Dr. Shivprasad Date) से जानिए, ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए होने वाली सर्जरी कितने प्रकार की होती हैं।
ब्रेस्ट ऑगमेंटेशन सर्जरी के प्रकार - Types Of Breast Augmentation Surgery
1. सिलिकॉन इम्प्लांट्स - Silicone Breast Implants
सिलिकॉन इम्प्लांट्स ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के विकल्पों में से एक है। इसमें सिलिकॉन जेल से भरे हुए इम्प्लांट्स को स्तन के भीतर डाला जाता है। यह इम्प्लांट्स नेचुरल स्तनों की तरह महसूस होते हैं और लंबे समय तक टिकाऊ होते हैं। हालांकि इस बात का ध्यान रखें कि नियमित रूप से डॉक्टर की निगरानी में रहें, क्योंकि इम्प्लांट्स में लीकेज का जोखिम हो सकता है।
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2. सलाइन इम्प्लांट्स - Saline Implants
सलाइन इम्प्लांट्स में सलाइन घोल डाला जाता है। अगर इम्प्लांट्स लीक करते हैं, तो शरीर आसानी से सलाइन को अवशोषित कर लेता है। इससे ब्रेस्ट के आकार में आसानी से परिवर्तन किया जा सकता है। यह सिलिकॉन की तुलना में कम नेचुरल महसूस होता है।
3. फैट ट्रांसफर ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन - Fat Transfer Breast Augmentation
यह प्रक्रिया शरीर के अन्य हिस्सों से फैट निकालकर स्तनों में डालने की होती है। लिपोसक्शन तकनीक से पेट, जांघ या कूल्हों से फैट लिया जाता है और उसे स्तनों में इंजेक्ट किया जाता है। यह प्रक्रिया नेचुरल दिखने वाले परिणाम देती है और इसमें कोई इम्प्लांट्स की जरूरत नहीं होती।
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4. आइडियल इम्प्लांट्स - Ideal Implants For Breast
आधुनिक तकनीक पर आधारित यह इम्प्लांट्स सलाइन और सिलिकॉन इम्प्लांट्स का मिश्रण है। इसमें सलाइन और सिलिकॉन की कई परतें होती हैं, जो लीक का जोखिम कम करती हैं। यह ज्यादा नेचुरल दिखते हैं और लीक होने का जोखिम कम होता है।
5. कॉम्पोजिट ब्रेस्ट ऑग्मेंटेशन - Composite Breast Augmentation
यह प्रक्रिया सिलिकॉन या सलाइन इम्प्लांट्स और फैट ट्रांसफर का संयोजन है। इसमें इम्प्लांट्स और फैट दोनों का उपयोग करके स्तनों का आकार बढ़ाया जाता है और इसका परिणाम ज्यादा नेचुरल होता है। इससे स्तनों का आकार और घनत्व दोनों बढ़ाया जा सकता है।
ब्रेस्ट सर्जरी के बाद देखभाल
- सर्जरी के बाद आराम करें और डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।
- सर्जरी के स्थान पर संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखें।
- हैवी एक्सरसाइज और भार उठाने से बचें।
- नियमित रूप से डॉक्टर से परामर्श लें।
निष्कर्ष
स्तन साइज बढ़ाने वाली सर्जरी आत्मविश्वास बढ़ाने और शरीर के संतुलन को बेहतर बनाने का एक बेहतरीन विकल्प है। हालांकि, इस सर्जरी के बारे में पूरी जानकारी डॉक्टर से लेनी बेहद जरूरी है। चाहे आप सिलिकॉन इम्प्लांट्स चुनें, फैट ट्रांसफर या आइडियल इम्प्लांट्स, सही निर्णय आपको बेहतर परिणाम देगा।
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