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पूरी रात सोने के बाद भी नींद आना हो सकता है Paradoxical Insomnia का संकेत, जानें इसेक लक्षण और कारण

कई बार रात में सोने के बाद भी आपको ऐसा महसूस होता है कि आपने पूरी रात जाग कर गुजारी है। यह स्थिति पैराडॉक्सिक्ल इनसोम्निया का संकेत होती है। आगे जानते हैं इसके लक्षण और कारण के बारे में।
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पूरी रात सोने के बाद भी नींद आना हो सकता है Paradoxical Insomnia का संकेत, जानें इसेक लक्षण और कारण

Paradoxical Insomnia in Hindi: आज की भागती-दौड़ती जिंदगी में लोगों को खुद के लिए समय ही नहीं मिल पाता है। समय के साथ काम का बढ़ता प्रेशर लोगों की मानसिक समस्याओं का कारण बनता है। आज हर व्यक्ति अपने भविष्य को बनाने के लिए दिनरात मेहनत करने में लगा हुआ है, ऐसे में कई लोगों को देर रात तक काम करना पसंद होता है। डॉक्टर्स और हेल्थ एक्सपर्ट्स बताते हैं कि देर रात तक जागने, लगातार काम करने और चिंता की वजह से आपको अनिद्रा की समस्या हो सकती है। नींद न आना शहरी युवाओं की एक आम समस्या बनती जा रही हैं। इस स्थिति में कुछ लोगों को पूरी रात सोने के बावजूद ऐसा महसूस होता है कि वह रातभर सोये नहीं है। इस तरह की विशेष स्थिति को पैराडॉक्सिकल इनसोम्निया (Paradoxical Insomnia) कहते हैं। यह एक मनोवैज्ञानिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति अपनी नींद की मात्रा और गुणवत्ता को लेकर भ्रमित रहता है। इस लेख में यशोदा सुपरस्पेशलिटी अस्पताल (yashoda super speciality hospital) के सीएमडी डॉक्टर पीएन अरोड़ा से जानते हैं कि पैराडॉक्सिल इनसोम्निया क्या होता है? साथ ही, इसके लक्षण और कारण के बारे में भी जानेगें। 

पैराडॉक्सिल इनसोम्निया क्या है? - What is Paradoxical Insomnia in Hindi

पैराडॉक्सिल इनसोम्निया को क्रोनिक इनसोम्निया का एक ही एक प्रकार माना जाता है। पैराडॉक्सिल इनसोम्निया में, व्यक्ति ऐसा लगता है कि वह सो नहीं पा रहा हैं या पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं, और यह महीनों या सालों तक बना रह सकता है। पैराडॉक्सिल इनसोम्निया पर हुई स्टडी में इस स्थिति के मरीजों के ब्रेन की बनावट को देखा गया। साथ ही, इसमें व्यक्ति के सोने और जागने के चक्र के नियंत्रित करने में शामिल मस्तिष्क के प्रमुख हिस्सों में परिवर्तन देखा गया।

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पैराडॉक्सिल इनसोम्निया के लक्षण क्या होते हैं? - Symptoms Of Paradoxical Insomnia in Hindi

नींद न आने का अनुभव होना 

इसमें व्यक्ति को सोने के बाद ऐसा महसूस होता है कि वह रात भर सोया नहीं है। साथ ही, व्यक्ति को सुबह भी नींद आती है। 

थकान और बेचैनी होना 

व्यक्ति को दिनभर थकावट महसूस होती है और ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है। ऐसे में व्यक्ति दिन के समय चिड़चिड़ा और तनावग्रस्त रहता है।

नींद की क्वालिटी पर भ्रम में रहना

व्यक्ति सोचता है कि उसकी नींद गहरी और सुकूनदायक नहीं है। साथ ही, वह हर समय नींद न आने के विचार से परेशान रहता है। 

शारीरिक और मानसिक दबाव महसूस करना 

नींद न आने के भ्रम में व्यक्ति को दिनभर सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, दिमाग में भारीपन महसूस होता है। साथ ही, धीरे-धीरे व्यक्ति को अवसाद होने लगता है। 

पैराडॉक्सिकल इनसोम्निया के कारण - Causes of Paradoxical Insomnia in Hindi

मासनिक कारण 

लंबे समय तक तनाव और चिंता में रहने के चलते व्यक्ति के ब्रेन में दबाव महसूस होता है। साथ ही, कुछ लोग अपने नींद को लेकर सचेत रहते हैं। ऐसे में उनको लगता है कि उनकी नींद की क्वालिटी कम हो गई है। 

शारीरिक कारण 

नींद को कंट्रोल करने वाले हिस्सो में बदलाव व समस्या होने के चलते व्यक्ति को पैराडॉक्सिकल इनसोम्निया की समस्या हो सकती है। साथ ही, नींद से जुड़े हार्मोन जैसे मेलाटोनिन में बदलाव की वजह नींद की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है। 

इसे भी पढ़ें: नींद की कमी (अनिद्रा) क्यों होती है? डॉक्टर से आसान भाषा में समझें इसके कारण

पैराडॉक्सिकल इनसोम्निया को मैनेज किया जा सकता है। इसके इलाज में व्यक्ति की लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करने के साथ ही डॉक्टर थेरेपी और दवाए देते हैं। साथ ही, योग और मेडिटेशन से इस समस्या को काफी हद तक कम किया जा सकता है। 

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