ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के मुताबिक, टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ओमेगा-2 फिश सप्लीमेंट लेने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाना चाहिए। दरअसल ऐसी कुछ संभावनाएं हैं कि इस स्थिति से गुजर रहे लोगों के लिए ओमेगा-3 नुकसानदेह साबित हो सकता है। लेकिन 80 से ज्यादा अध्ययनों की समीक्षा किए जाने के बाद भी इसका कोई पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगा है जबिक इससे होने वाले किसी प्रकार के फायदे के भी पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं।
डायबिटीज यूके का कहना है कि एक स्वस्थ डाइट के हिस्से के रूप में ऑयली फिश से मिलने वाला ओमेगा-3 बेहतर साबित हो सकता है। अध्ययन के मुताबिक, डायबिटीज से पीड़ित 90 फीसदी लोगों को टाइप-2 डायबिटीज है। टाइप-2 से मतलब है कि जब पैंक्रियाज पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में विफल साबित होता है या फिर बॉडी की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया देने में विफल रहती हैं।
अध्ययन के मुताबिक, जरूरत से ज्यादा वजन या मोटे होने का इस जोखिम की वृद्धि की संभावना को बढ़ा देता है। शोधकर्ताओं ने पाया कि फिश ऑयल से मिलने वाला ओमेगा-3 डायबिटीज के निदान या ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म की संभावना पर बहुत कम या कोई प्रभाव नहीं डालता है चाहे कितने समय तक अध्ययन किया गया हो।
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मुख्य शोधकर्ता डॉ. ली हॉपर का कहना है कि ऐसी संभावना है कि ओमेगा-3 सप्लीमेंट टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है क्योंकि यह ग्लूकोज के नियंत्रण को और मुश्किल बना देता है।
लेकिन वे लोग, जो इस स्थिति से गुजर रहे हैं या जिनमें इसके विकसित होने का खतरा है, उनमें ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर अधिक भी हो सकता है। ट्राइग्लिसराइड्स एक प्रकार का ब्लड फैट है, जिसे ओमेगा -3 कम कर सकता है। उन्होंने कहा, ''हमने न तो इसके नुकसान पाए हैं और न ही फायदे।''
उन्होंने कहा, ''यह वास्तव में एक बहुत ही महंगा उत्पाद है। अगर किसी को डायबिटीज का खतरा है तो उसे इन चीजों पर पैसे खर्चने के बजाए दूसरी चीजों पर पैसे खर्त करने चाहिए जैसे शारीरिक गतिविधियों या फिर ऑयली फिश।''
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डायबिटीज यूके के डिप्टी हेड केयर डगलस ट्विफोर ने कहा, ''स्वस्थ खानपान, अलग-अलग प्रकार की डाइट बेहद जरूरी है और हम सभी जानते हैं कि फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दही और चीज सहित कुछ विशेष फूड टाइप-2 डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद कर सकता है।''
उन्होंने कहा, ''ओमेगा -3 फैटी एसिड हमारे समग्र स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं, यह आम तौर पर टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों के लिए सप्लीमेंट्स की तुलना में कम से कम दो भागों में तैलीय मछली खाने से प्राप्त करने के लिए बेहतर है।''
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