महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुछ महिलाओं को गर्भाशय में सूजन की समस्या के कारण पेट दर्द हो सकता है। महिलाओं को हर माह आने वाले पीरियड्स और प्रेग्नेंसी के दौरान थोड़ी बहुत सूजन होना आम बात है। गर्भाशय में सूजन होने पर महिलाओं को रोजाना के काम करने में परेशानी हो सकती है। जबकि उनकी लाइफस्टाइल भी प्रभावित होती है। गर्भाशय में सूजन आने के कई कारण हो सकते हैं। इस समस्या को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। इससे महिलाओं को आने वाले समय कई गंभीर रोग हो सकते हैं। महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से जानते हैं कि गर्भाशय में सूजन के क्या कारण होते हैं और इस समस्या से कैसे बचा जा सकता है।
गर्भाशय में सूजन के क्या कारण हो सकते हैं? - Uterus Swelling Causes in Hindi
- फाइब्रॉइड होना
- दवाओं का ज्यादा सेवन करना
- अधिक मात्रा में भोजन करना
- ज्यादा टाइट कपड़े पहनना
- गर्भाशय से संबंधित रोग
- यौन संबंध के दौरान सावधानी न बरतना
- डिलीवरी के समय होने वाला जोखिम, आदि।
गर्भाशय में सूजन में क्या लक्षण महसूस हो सकते हैं? - Symptoms Of Swellin in Uterus In Hindi
- पेट में दर्द महसूस होना
- प्राइवेट पार्ट में जलन होना
- बार-बार यूरिन आना
- पाचन क्रिया प्रभावित होना
- गैस की समस्या का बढ़ना, आदि।
गर्भाशय में सूजन से बचाव के उपाय | Tips To Prevent Swelling In Uterus In Hindi
डाइट में करें बदलाव
गर्भाशय में सूजन को रोकने के लिए आप डाइट में बदलाव कर सकते हैं। ऐसी चीजों को डाइट में शामिल करें जो सूजन को कम करने में मदद करती है। इसके लिए आप फल, सब्जियां, साबुत अनाज, व लीन प्रोटीन का सेवन अधिक मात्रा में करें। इन खाद्य पदार्थों में आवश्यक पोषक तत्व, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो गर्भाशय सहित पूरे शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
हाइड्रेटेड रहें
सही मात्रा में पानी पीने से महिलाओं का कई तरह की समस्या से बचाव होता है। डिहाईड्रेशन की वजह से गर्भाशय पर दबाव पड़ता है। जिसकी वजह से सूजन आ सकती है। इसलिए शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए आप पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें। दिनभर में कम से कम 7 से 8 गिलास पानी अवश्य पिएं।
स्ट्रेस को कम करें
स्ट्रेस और तनाव का शरीर पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह गर्भाशय में होने वाली सूजन को भी बढ़ा सकता है। दरअसल, स्ट्रेस होने पर हार्मोन का स्तर अनियंत्रित होता है। जिससे शरीर में सूजन बढ़ सकती है। गर्भाशय की सूजन को कम करने के लिए आप स्ट्रेस को कम करने का प्रयास करें। इसके लिए आप योगा और प्राणायाम कर सकती हैं।
मोटापे को करें नियंत्रित
मोटापा आपके शरीर में रोग का एक मुख्य कारक माना जाता है। पेट के आसपास का फैट पाचन क्रिया को प्रभावित करता है। जिससे पोषक तत्वों का अवशोषण प्रभावित हो सकता है। ऐसे में गर्भाशय की सूजन बढ़ सकती है। इससे रोकने के लिए आप मोटापे को कंट्रोल करें।
गर्भाशय से जुड़ी समस्या का इलाज कराएं
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस), फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रियोसिस जैसी हार्मोनल स्थितियां गर्भाशय की सूजन में योगदान कर सकती हैं। यदि आपको किसी अंतर्निहित हार्मोनल समस्या है तो इसका जल्द इलाज शुरू कराएं। इन समस्याओं का इलाज कर गर्भाशय में आने वाली सूजन को कम किया जा सकता है या उससे बचाव किया जा सकता है।
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डॉक्टर के अनुसार महिलाओं को यदि पेट में लगातार दर्द महसूस हो रहा है तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से मिलें। इसके साथ ही, बाहर का जंक फूड खाने से दूर रहें और नियमित एक्सरसाइज करें। इससे स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।