Expert

क्या छोटी सी बात भी आपको बेचैन और परेशान कर देती है? जानें ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे निपटें

Tips To Overcome Restlessness In Hindi: जब हर छोटी बात परेशान करने लगते और मूड को इफेक्ट करे, तो समझ लीजिए कोई गंभीर मानसिक समस्या हो रही है।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या छोटी सी बात भी आपको बेचैन और परेशान कर देती है? जानें ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे निपटें


Tips To Overcome Restlessness In Hindi: कई बार ऐसा होता है कि हम न चाहते हुए भी छोटी-छोटी बात पर परेशान हो जाते हैं। जरा-जरा सी बात का हम राई का पहाड़ बना देते हैं। जिस बात पर नाराज नहीं होना होता है, उस बात पर नाराज हो जाते हैं। किसी भी बात पर मन खराब हो जाता है और किसी से भी बेवजह लड़ने लगते हैं। असल में, ऐसा होने के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जिसका जानना व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है। दरअसल, आप वजह जानने के बाद ही अपनी समस्या का समाधान कर सकते हैं। सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर, क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और साइकोथैरेपिस्ट दीपाली बेदी से बातचीत पर आधारित।

कमजोर शारीरिक स्वास्थ्य - Physical Weakness

Physical Weakness

अगर आप छोटी-छोटी बात पर चिड़चिड़ी हो जाते हैं या किसी भी बात पर लड़ पड़ते हैं, तो एक बार नोटिस करें कि कहीं अचानक से आपकी तबियत तो खराब नहीं हो गई है? कहीं बहुत दिनों से आप दर्वायों पर निर्भर तो नहीं हैं? दरअसल, जब स्वस्थ आदमी अचानक ऐसी परिस्थिति से गुजरता है, तो इससे उसका मनोबल कमजोर हो जाता है, वह खुद को शारीरिक रूप से दुर्बल महसूस करने लगता है। इसलिए, उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। इससे निपटने के लिए जरूरी है कि आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर करने की कोशिश करें। जैसे-जैसे स्वास्थ्य बेहतर होगा, आपका मनोबल भी बेहतर होता रहेगा।

इसे भी पढ़ें: अपनी मेंटल हेल्थ को सुधारने के लिए जीवन में शामिल करें ये 4 आदतें, मन रहेगा शांत

बिगड़ती आर्थिक स्थिति - Financial Crisis

Financial Crisis

कभी-कभी व्यक्ति को अचानक आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। जैसे, अगर किसी ने शेयर मार्केट में पैसा लगाया या किसी का बिजनेस अचानक ठप्प हो गया है। ऐसे में एकाएक बहुत बड़ा घाटा हो सकता है, जिसकी भरपाई करना आसान नहीं होता है। ऐसी स्थिति में अक्सर व्यक्ति चिड़चिड़ा, कमजोर आत्मविश्वास को हो जाता है। इससे निपटने के लिए व्यक्ति को काफी समय लगता है। यहां तक कि ऐसे लोगों को कई बार काउंसलिंग की जरूरत होती है। अगर किसी के साथ ऐसा हो, तो उन्हें प्रोफेशनल की मदद लेने में हिचकिचाना नहीं चाहिए।

इसे भी पढ़ें: Mental Health: अकेले रहते हैं, तो इन 5 तरीकों से रखें अपनी मानस‍िक सेहत का ख्‍याल

दवाईयों के कारण - Medication

कई बार यह देखने में आया है कि कुछ खास किस्म की दवाईयां लेने के कारण व्यक्ति का मूड काफी ज्यादा प्रभावित हो जाता है। यहां तक कि अपने इमोशंस को वह कंट्रोल नहीं कर पाता है। लोगों की छोटी-छोटी बात भी उन्हें बुरी लग जाती है और हर बात पर ये लो रो देते हैं। अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है, तो बेहतर होगा कि आप एक बार अपने डॉक्टर को संपर्क करें और अपने बार-बार मूड स्विंग के बारे में जानकारी दें

पीरियड्स की वजह से - Periods Problem

महिलाओं में कई बार, पीरियड्स होने के एक सप्ताह पहले काफी ज्यादा मूड स्विंग होने लगता है। हालांकि, ज्यादातर महिलाएं एक समय बाद इस स्थिति को संभालना सीख जाती है। लेकिन, कुछ महिलाएं इस कंडीशन के साथ डील नहीं कर पाती हैं और बात-बात गुस्सा हो जाती हैं, अकेले रहने लगती हैं और यार-दोस्तों से बचना शुरू कर देती है। इसके साथ ही महिलाओं को शारीरिक समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को चाहिए कि वे अपनी डाइट का ख्याल रखें, जरूरत पड़ने पर दोस्तों से बातचीत करें और जरूरी हो तो डॉक्टर के पास जाएं।

image credit: freepik

Read Next

रात में बार-बार लगती है पेशाब? हो सकते हैं इस बीमारी के शिकार

Disclaimer