Tips for Travelling with Irritable Bowel Syndrome : इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) के साथ यात्रा करना बहुत मुश्किल काम हो सकता है। इस स्थिति में आपकी यात्रा का सरा मजा किरकिरा होने का खतरा कई गुना ज्यादा बढ़ जाता है। दरअसल, यात्रा के दौरान आईबीएस के लक्षणों का ट्रिगर होना बहुत आसान और आम बात है। ऐसे में आपको यात्रा मजा से ज्यादा सजा लग सकती है। इसके अलावा, आप बाहर घूमते हुए नए-नए खाने को ट्राई करने से पहले भी कई बार सोचने के लिए मजबूर हो जाते हैं। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यात्रा के दौरान कुछ आईबीएस लक्षण आसानी ट्रिगर हो सकते हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि आप इन लक्षणों से निपट सकते हैं। जी हां, आज के इस आर्टिकल में हम डॉ. सुदीप खन्ना, वरिष्ठ सलाहकार, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल (Dr Sudeep Khanna, Sr Consultant, Gastroenterology, Indraprastha Apollo Hospitals) से जानेंगे कि आईबीएस के साथ यात्रा करते हुए आपको किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए?
आईबीएस के साथ ट्रेवल करना मुश्किल क्यों?- Why is it Difficult to Travel With IBS
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) के साथ ट्रेवल करना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि यह एक पाचन तंत्र की समस्या है। स्थिति में व्यक्ति को पेट में दर्द, ऐंठन, गैस, दस्त और कब्ज जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। बता दें कि ट्रेवल के दौरान ये सभी समस्याएं कई ज्यादा बढ़ सकती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि आईबीएस का सामना कर रहे व्यक्ति ट्रेवल के दौरान किन बातों का ध्यान रख सकते हैं:
1. आपको लोकल खाना खाने से बचना चाहिए
आईबीएस का सामना कर रहे लोगों को नयी खाने की चीजें ट्राई करने से बचना चाहिए। इससे आईबीएस के लक्षण ट्रिगर होने के चांस कई गुना बढ़ जाते हैं। आपको अपनी यात्रा के दौरान खाने की चीजों पर एक्स्ट्रा ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसे में आप नए खाने को ट्राई करने की जगह अपने साथ ऐसी चीजें ले जा सकते हैं, जो आपको नुकसान नहीं पहुंचाएगी। साथ ही, बाहर जाकर भी जानी-पहचानी चीजें खाने की कोशिश करें। ऐसे में आप अपने साथ कुछ ऐसे स्नैक्स ले जा सकते हैं, जिनके बारे में आपको पता है कि वे हर जगह सुरक्षित ऑप्शन साबित होंगे।
2. कब्ज की समस्या है, तो स्टूल सॉफ्टनर है जरूरी
आईबीएस से पीड़ित लोग, जो लंबी दूरी की यात्रा करते हुए कब्ज के प्रति ज्यादा संवेदनशील हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप आसानी से बाथरूम का इस्तेमाल करने में समर्थ नहीं हैं, तो कब्ज को रोकने में मदद के लिए आपको डॉक्टर की सलाह पर यात्रा से पहले स्टूल सॉफ्टनर दवाओं या इसी तरह की अन्य चीजों का इस्तेमाल करना चाहिए।
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3. डायरिया की समस्या है, तो स्ट्रेस कम करें
आईबीएस से पीड़ित कई लोग विमान या ट्रेन में चढ़ने के बाद स्ट्रेस महसूस करते हैं, क्योंकि उन्हें डर होता है कि वह बाथरूम का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे। ऐसे में आपको स्ट्रेस कम करने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए आप डॉक्टर की सलाह पर दवाएं ले सकते हैं। वहीं, अगर आप दवा नहीं लेना चाहते हैं, तो मेडिटेशन या म्यूजिक की मदद ले सकते हैं।
4. यात्रा से कुछ दिन पहले प्रोबायोटिक लेना शुरू करें
आईबीएस से पीड़ित लोगों के सामने एक बड़ी चुनौती भोजन विषाक्तता (Food Poisoning) की होती है। भोजन विषाक्तता के संपर्क में आने से आईबीएस के लक्षण ट्रिगर हो सकते हैं। ऐसे में व्यक्ति को दस्त और कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आप यात्रा से पहले ही प्रोबायोटिक लेना शुरू कर सकते हैं। आपको यात्रा से कुछ दिन पहले और यात्रा के दौरान प्रोबायोटिक्स का सेवन करना चाहिए। ऐसे में आप प्रोबायोटिक्स युक्त डाइट का सेवन कर सकते हैं। इसके लिए आप अनुभवी डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह लें।
5. अपनी स्वस्थ आदतें बनाए रखें
आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि स्ट्रेस और लाइफस्टाइल में बदलाव से आईबीएस बढ़ सकता है। अगर आप घर पर नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं, तो यात्रा के दौरान भी इस लाइफस्टाइल को बनाए रखने का प्रयास करें। आईबीएस से ग्रस्त लोगों के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी होती है। इसके साथ ही, आपको अपने स्लीप शेड्यूल को भी सही तरह से फॉलो करना चाहिए। आप घर पर जितनी नींद लेते हैं, उतनी ही नींद लेने की कोशिश करें।
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अगर आप यात्रा के दौरान ऊपर बताई टिप्स को फॉलो करते हैं, तो आईबीएस के साथ भी आसानी से ट्रेवल कर सकते हैं। इस दौरान आपको हेल्दी लाइफस्टाइल और डाइट पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। इसके अलावा, आप पर्सनल टिप्स के लिए किसी अनुभवी डॉक्टर को अपनी समस्याएं और लक्षण बताकर सलाह ले सकते हैं।