What Triggers IBS in the Morning : इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम यानी आईबीएस की समस्या आजकल बहुत आम होती जा रही है। यह पाचन से जुड़ी समस्या है, जो लंबे समय तक चल सकती है। अगर आप आईबीएस के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं, तो आज का यह आर्टिकल आपके लिए है। यहां हम आपको आईबीएस से जुड़े कई अहम सवालों के जवाब बताएंगे। साथ ही, हम जानेंगे कि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण सुबह के समय ज्यादा ट्रिगर क्यों करते हैं? इस सवाल का जवाब डॉ. राकेश कुमार जगदीश कंसल्टेंट - हेपेटोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मेट्रो हॉस्पिटल, नोएडा (Dr. Rakesh Kumar Jagdish Consultant - Hepatology, Gastroenterology, Metro Hospital, Noida) ने दिया है।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम क्या है?- What is Irritable Bowel Syndrome
जैसा हमने आपको बताया कि इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) एक आम आंत संबंधी समस्या है। अगर आपको आईबीएस की समस्या है, तो पेट में दर्द, बेचैनी, मल त्याग करने में परेशानी हो सकती है। बता दें कि अगर आप बिगड़ी हुई डाइट लेते हैं या तनाव में रहते हैं, तो आपको आईबीएस की समस्या हो सकती है। इस स्थिति को कभी-कभी "नर्वस पेट" या "स्पास्टिक कोलन" भी कहा जाता है।
इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण?- Symptoms of Irritable Bowel Syndrome
आईबीएस की समस्या होने पर शरीर में कई लक्षण नजर आ सकते हैं। आइए जानते हैं कि आप किन संकेतों की मदद से इस बीमारी का पता लगा सकते हैं:
- पेट में दर्द की शिकायत
- मल त्यागने में परेशानी
- पेट साफ नहीं होना
- पैर और हाथों में सूजन
- दस्त या कब्ज की समस्या
- आलस और चिड़चिड़ापन
आमतौर पर आईबीएस की वजह से व्यक्ति को इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कई लोगों को सुबह के समय आईबीएस के लक्षण ज्यादा ट्रिगर करते हैं। आइए डॉक्टर से जानते हैं कि व्यक्ति को सुबह के समय ये परेशानियां ज्यादा क्यों होती है?
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सुबह में क्यों ज्यादा ट्रिगर होते हैं आईबीएस के लक्षण?- Why IBS Triggers in Morning
डॉ. राकेश के मुताबिक, आईबीएस के लक्षण सुबह के समय कई कारणों से ट्रिगर कर सकते हैं। आइए इन कारकों के बारे में जानते हैं:
- हार्मोनल उतार-चढ़ाव: सुबह के समय शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है। ऐसे में आंत की गतिशीलता (Gut Mobility) और सेंसिटिविटी पर असर पड़ सकता है। ऐसे में आईबीएस के लक्षण बढ़ जाते हैं।
- तनाव का स्तर: कई लोग डेली एक्टिविटीज के कारण सुबह के समय ज्यादा तनाव या चिंता का अनुभव करते हैं। बता दें कि तनाव आईबीएस के लक्षणों को ट्रिगर या खराब कर सकता है।
- खाली पेट: रात भर कुछ नहीं खाने की वजह से पेट और आंतें ज्यादा सेंसिटिव हो जाती हैं। इससे भोजन के सिस्टम में प्रवेश करने पर ऐंठन और सूजन जैसी कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
- सर्कैडियन लय: शरीर की नेचुरल घड़ी यानी सर्कैडियन लय इंटेस्टाइन के कामों पर बुरा असर डाल सकती हैं। यह आंतरिक घड़ी पाचन क्रिया को नियंत्रित करती है। कुछ लोगों में सुबह के समय गतिशीलता में वृद्धि देखी जाती है, जिससे दस्त जैसे कई लक्षण दिख सकते हैं।
- भोजन का सेवन और पाचन: बता दें कि दिन का पहला भोजन कभी-कभी आईबीएस के लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है। खासकर, अगर भोजन में फैट, फाइबर या पचाने में मुश्किल खाद्य पदार्थ ज्यादा होते हैं। रात भर आराम करने के बाद पाचन-तंत्र भोजन के प्रति ज्यादा सेंसिटिव हो सकता है। इस स्थिति में आईबीएस के लक्षण बढ़ सकते हैं।
- गट-ब्रेन इंटरेक्शन: बता दें कि गट-ब्रेन इंटरेक्शन आईबीएस में एक अहम भूमिका निभाती है। सुबह में शरीर जब पूरे दिन के लिए तैयार हो रहा होता है, तो दिमाग उत्तेजनाओं के प्रति ज्यादा तेज प्रोग्रेस करने के लिए इंटेस्टाइन को प्रभावित कर सकता है। इससे सूजन, बेचैनी या दस्त जैसी परेशानी हो सकती है।
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इससे स्थिति से बचाव के लिए तनाव को मैनेज करना, हाइड्रेटेड रहना, अच्छा खाना और अपनी डाइट का ख्याल रखना जरूरी होता है। ये सभी हेल्दी आदतें आईबीएस के सुबह के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकती हैं। इसके बाद भी आपको कोई फायदा नहीं होता है, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।