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लंबे समय तक IBS की समस्या रहने से सेहत को क्या खतरे हो सकते हैं? जानें डॉक्टर से

Can IBS Cause Long-Term Damage : इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) की परेशानी लंबे समय तक रहने पर सेहत को कौन-सी परेशानियां हो सकती हैं?
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लंबे समय तक IBS की समस्या रहने से सेहत को क्या खतरे हो सकते हैं? जानें डॉक्टर से

Can IBS Cause Long-Term Damage :  आजकल खराब खानपान और बिगड़े हुए लाइफस्टाइल की वजह से पाचन से जुड़ी समस्याएं होना आम बात है। इन्हीं समस्याओं में से एक  इरिटेबल बाउल सिंड्रोम की समस्या भी है। बता दें कि इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) एक पाचन विकार है, जिससे पेट दर्द, कब्ज और दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। यह एक आम और लॉन्ग-टर्म तक चलने वाली स्थिति है। हालांकि, कई लोगों के मन में यह सवाल आ सकता है कि लंबे समय तक इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के साथ जीवन बिताते हुए व्यक्ति की सेहत पर कैसा असर हो सकता है? आइए इस सवाल का जवाब हम डॉ. दीपांशु खन्ना - एसोसिएट कंसलटेंट - गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, मैक्स हॉस्पिटल, गुरुग्राम (Dr Deepanshu Khanna – Associate Consultant – Gastroenterology, Max Hospital, Gurugram) से जान लेते हैं।

क्या है इरिटेबल बाउल सिंड्रोम क्या है?- What is Irritable Bowel Syndrome

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अगर आसान शब्दों में इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) को समझने की कोशिश करें, तो यह एक पेट से जुड़ी समस्या है। इसमें व्यक्ति को आंतों (Intestines) के सही से काम न करने, पेट में दर्द, गैस, कब्ज या दस्त जैसी समस्या बनी रहती है। बता दें कि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन आईबीएस की यह समस्या डेली रूटीन और पाचन की सेहत पर बुरा असर डाल सकती है।

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण- Symptoms of Irritable Bowel Syndrome

अगर इस बीमारी के लक्षणों की बात करें, तो यह बहुत ही कॉमन लक्षण होते हैं:

  • पेट दर्द और ऐंठन की समस्या
  • पेट में गैस बनना और पेट फूलना
  • कब्ज या दस्त की समस्या
  • भूख कम लगना और खाने के बाद भारीपन
  • पेट में गड़गड़ाहट या बेचैनी होना

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लॉन्ग-टर्म में आईबीएस के कारण होने वाली समस्याएं- Problems Caused by IBS in the Long Term

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) एक लॉन्ग-टर्म फंक्शनल गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर है, जो आंत्र की आदतों (Bowel Habits) पर असर डालता है। इससे पेट की परेशानी बढ़ सकती है। हालांकि, यह आंतों को संरचनात्मक क्षति (Structural Damage) नहीं पहुंचाता है या कैंसर जैसी गंभीर स्थितियों के जोखिम को बढ़ने नहीं देता है। आइए आईबीएस के लॉन्ग-टर्म में दिखने वाले स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जानते हैं:

1. पोषण संबंधी समस्याएं

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) से संबंधित आहार प्रतिबंध (Dietary Restrictions) या कुपोषण (Malnutrition) के कारण व्यक्ति के शरीर में आयरन, विटामिन-B12 और विटामिन-D जैसे प्रमुख पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इस स्थिति में शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता है।

2. मेंटल हेल्थ पर असर  

इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) की स्थिति एंग्जायटी, डिप्रेशन और तनाव में योगदान कर सकती है। इस वजह से शरीर में दिखने वाले ये लक्षण और भी ज्यादा खराब हो सकते हैं।

3. गट डिस्बिओसिस की समस्या  

IBS अक्सर परिवर्तित आंत माइक्रोबायोटा (Altered Gut Microbiota) से जुड़ा होता है। इससे ओवरऑल हेल्थ, आंत और इम्यून सिस्टम पर बुरा असर पड़ सकता है।

4. लाइफ की क्वालिटी में कमी  

आईबीएस के क्रोनिक लक्षण व्यक्ति की रोजमर्रा की एक्टिविटीज, काम और सामाजिक संपर्कों (Social Interactions) पर असर डाल सकते हैं। इससे जिंदगी की क्वालिटी पर बुरा असर होता है।

5. अन्य स्थितियों का जोखिम  

कुछ शोधों से पता चलता है कि आईबीएस रोगियों को छोटी आंत (Small Intestine) के बैक्टीरियल ओवरग्रोथ (SIBO), फाइब्रोमायल्जिया और कार्यात्मक अपच (Functional Dyspepsia) जैसी स्थितियों का थोड़ा ज्यादा जोखिम हो सकता है।

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जैसा हमने आपको बताया कि आईबीएस जीवन के लिए खतरा नहीं है, लेकिन डाइट, लाइफस्टाइल में बदलाव और दवाओं के माध्यम से लॉन्ग-टर्म में होने वाली समस्याओं से भी बचा जा सकता है। इससे जीवन की क्वालिटी में सुधार होता है। साथ ही, ओवरऑल हेल्थ को भी फायदा होता है। 

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