इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS)समस्या पेट से जुड़ी होती है। जिसमें पेट के खराब होने, मरोड़ होने के साथ तेज दर्द, और मल त्यागने में समस्या होती है। लेकिन ये समस्या तब और बढ़ जाती है जब, पीएमएस ( PMS) सिंड्रोम भी इसके साथ हिट करने लगता है। PMS और आईबीएस (IBS) का एक साथ हिट करना काफी बड़ी चुनौती बन सकती है। काफी महिलाओं के लिए आईबीएस सिंड्रोम से जुड़े लक्षण काफी तकलीफ देने वाले होते हैं। पीरियड्स के दौरान ये समस्या बद से बदतर हो जाती है। आगर आप भी इस तकलीफ से गुजरती हैं, और उपाय या उपचार को लेकर काफी डरती हैं, तो आप इतना समझ लीजिये कि, समय पर इसका उपचार ना करने से परेशानी और भी बढ़ सकती है। आज का हमारा ये खास लेख इसी विषय पर आधारित है, जहां आप कुछ छोटे छोटे उपचार कर इस समस्या को कम कर सकती हैं।
1. बर्थ कंट्रोल पिल्स ना लें (Contraceptive Is Helpful)
शोध के मुताबिक बर्थ कंट्रोल पिल्स यानि की गर्भ निरोधक गोलियां हार्मोन्स को काफी प्रभावित करती हैं। जो महिलाएं बर्थ कंट्रोल पिल्स का सेवन करती हैं, तो उस दौरान लगभग 20 फीसदी आईबीएस(IBS) के लक्षणों में सुधार किया जा सकता है। वहीं पीएमएस (PMS) के लक्षणों को कम करने की बात करें तो, इस दौरान बर्थ कंट्रोल पिल्स के सेवन का मिला जुला असर देखने को मिला है। काफी पिल्स ऐसी होती हैं, जो IBS और पीएमएस ( PMS) दोनों के लिए फायदेमंद मानी जाती हैं और दोनों को ही बराबर से ट्रिगर करती हैं।
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2. ना होने दें कैल्शियम की कमी (Calcium Intake is Effective)
महिलाओं में कैल्शियम की कमी तेजी से होती है। पीएमएस ( PMS) के लिए ओवर-द-काउन्टर प्रोडक्ट्स में कैल्शियम, विटामिन डी के प्रभावशाली तत्व होते हैं। इससे दर्द, शरीर से जुड़ी किसी भी तरह की परेशानी, और पेट से जुड़ी समस्याओं को हल करने में सहायक है। अगर आईबीएस(IBS) परेशानी बन रहा है तो भी आप कैल्शियम और विटामिन डी ले सकती हैं।
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3. चेस्टबेरी खाएं (Don't Eat Chasteberry)
आपने जामुन को तो देखा ही होगा, और साथ में उसका बीज भी। चेस्टबेरी भी उसी जामुन के बीज की तरह दिखता है। शोध के मुताबिक पीएमएस ( PMS) सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने के लिए भी चेस्टबेरी काफी फायदेमंद है। ये पीरियड्स के दौरान महिलाओं में चिड़चिड़ापन, ब्रेस्ट की समस्या, सर में दर्द जैसी परेशानियों से राहत दिलाता है। अगर आप IBS से ग्रसित हैं, तो चेस्टबेरी आपकी परेशानी को और भी बढ़ा सकता है। चेस्टबेरी भी एक तरह का बर्थ कंट्रोल पिल्स का काम करता है। अगर आप प्रेग्नेंट हैं, स्तन से जुड़ी किसी तरह की समस्या से जूझ रही हैं, या फिर बच्चे को ब्रेस्ट फीड करवाती हैं तो इसका सेवन ना करें।
4. आहार में करें बदलाव (Change Your Diet)
पीएमएस ( PMS) सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने के लिए आपको अपने आहार में बदलाव करने चाहिए। क्योंकि पीएमएस ( PMS) के लक्षणों को कम करने के लिए जिस आहार का सेवन करने की सलाह दी जाती है, उस आहार से आईबीएस(IBS) के लक्षणों से भी छुटकारा मिलता है। आप अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा फल, ब्रोकली, पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। अगर आपको आईबीएस(IBS) और पीएमएस ( PMS) दोनों ही समस्याएं एक साथ परेशान कर रही हैं, यो आपको कुछ चीजों का ख्याल रखना होगा।
- अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा फाइबर को शामिल करें।
- अगर आप शराब, कैफीन और फैट का सेवन करती हैं, तो इसे बंद कर दें।
- दिन भर में थोड़ा थोड़ा मील दो तीन बार खाएं।
- तनाव कम लें और पर्याप्त नींद लें।
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5. योग करें (Practice Yoga)
योग पीएमएस ( PMS) और आईबीएस(IBS) दोनों के लक्षणों से राहत दिलाने में अच्छी मदद करता है। शोधकर्ताओं की मानें तो एरोबिक योग काफी फायदेमंद है। योग ही मात्र एक ऐसा संसाधन है जब आपको पीएमएस ( PMS) और आईबीएस(IBS) एक साथ हिट करता है तो उससे बचाता है।
देखा जाए तो ऐसे कई तरह के उपाय हैं, जिनकी मदद से आप पीएमएस (PMS) और आईबीएस (IBS) का उपचार कर सकती हैं। वहीं आप एक्यूप्रेशर की मदद भी ले सकती हैं। इसके अलावा आपको फिर भी आराम ना मिले तो किसी विशेषज्ञ की सलाह भी ले सकती हैं।
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