कहीं पीएमएस के लक्षणों को आप प्रेग्नेंसी तो नहीं समझ रहीं? एक जैसे हैं दोनों के सामान्य लक्षण

प्रेग्नेंट यानी गर्भवती होने के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जिन्हें महसूस करके महिलाएं इस बात का अंदाजा लगाती हैं कि वो प्रेग्नेंट हैं। अगर आपको बिना पर्याप्त कारण के ये लक्षण महसूस हों, तो आप घबरा सकती हैं। मगर आपको बता दें कि पीएमएस (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) के कुछ सामान्य लक्षण प्रेग्नेंसी से मिलते हैं। इसलिए महिलाओं को पता होना चाहिए कि दोनों स्थितियों में क्या अंतर है।
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कहीं पीएमएस के लक्षणों को आप प्रेग्नेंसी तो नहीं समझ रहीं? एक जैसे हैं दोनों के सामान्य लक्षण

प्रेग्नेंट यानी गर्भवती होने के कुछ सामान्य लक्षण होते हैं, जिन्हें महसूस करके महिलाएं इस बात का अंदाजा लगाती हैं कि वो प्रेग्नेंट हैं। अगर आपको बिना पर्याप्त कारण के ये लक्षण महसूस हों, तो आप घबरा सकती हैं। मगर आपको बता दें कि पीएमएस (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) के कुछ सामान्य लक्षण प्रेग्नेंसी से मिलते हैं। इसलिए महिलाओं को पता होना चाहिए कि दोनों स्थितियों में क्या अंतर है। दरअसल पीएमएस में भी महिला के शरीर में कई हार्मोन्स में परिवर्तन आता है, जिससे उन्हें प्रेग्नेंसी जैसे लक्षण महसूस होते हैं। आइए आपको बताते हैं क्या है दोनों में अंतर।

पीएमएस के कौन से लक्षण मिलते हैं प्रेग्नेंसी से

पीएमएस के ऐसे कई लक्षण हैं, जो पीएमएस से मिलते हैं। जब किसी लड़की को पहली बार माहवारी होती है तो उसमें कुछ हार्मानल बदलाव आते हैं जो कि माहवारी आरंभ होने से लगभग 2 सप्तासह पहले आते हैं। इन आने वाले बदलावों को ही पीएमएस कहा जाता है। इसी कारण से लड़कियां अक्सर दोनों में अंतर नहीं कर पाती हैं और घबरा जाती हैं।

  • प्रेग्नेंसी और पीएमएस दोनों ही स्थितियों में महिला को चटपटा, खट्टा, मीठा या चॉकलटे खाने का मन करता है।
  • दोनों स्थितियों में महिला को चक्कर आते हैं और बार-बार पेशाब लगती है।
  • पीएमएस होने या प्रेग्नेंट होने, दोनों में ही महिला को नींद न आने की समस्या हो जाती है।
  • प्रेग्नेंसी और पीएमएस दोनों में महिलाओं को पेट में दर्द की समस्या होती है।
  • दोनों स्थितियों में महिला के स्तनों में सूजन आ जाती है और स्तन बड़े हो जाते हैं।
  • पीएमएस और प्रेग्नेंसी दोनों में महिला में थकान और आलस बढ़ जाते हैं।
  • दोनों ही स्थितियों में महिला को कब्ज की समस्या हो जाती है।
  • प्रेग्नेंसी और पीएमएस दोनों में महिला का मूड तेजी से बदलता है और चिड़चिड़ापन आ जाता है।

गर्भवती होने के कौन से लक्षण हैं, जो पीएमएस में नहीं दिखते

  • गर्भवती होने पर आपके पीरियड्स बंद हो जाते हैं जबकि पीएमएस में पीरियड्स होते हैं मगर ब्लीडिंग थोड़ा कम हो सकती है।
  • गर्भवती होने पर आमतौर पर आपको जी मिचलाने और उल्टी की शिकायत होती है, जबकि पीएमएस में ऐसा नहीं होता है।
  • गर्भवती होने पर आपके स्तनों के निप्पलों का रंग गहरा हो जाता है और जबकि पीएमएस में निप्पल का रंग नहीं बदलता है।
  • प्रेग्नेंट होने पर योनि (वजाइना) से थोड़ी मात्रा में खून निकलता है (ब्लीडिंग होती है) जबकि पीएमएस में ऐसा आमतौर पर नहीं होता है।
  • प्रेग्नेंसी में कई बार महिलाओं को सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या भी होती है जबकि पीएमएस में ऐसा नहीं होता है।

पीएमस में रोजाना धूप में गुजारें थोड़ा समय

कई बार सूर्य की रोशनी की कमी के कारण सेरोटोनिन के स्तर में कमी हो सकती है, जिसकी वजह से उन्‍हें भूख और कुछ खाने की प्रबल इच्‍छा होने लगती है। जब आपके साथ ऐसा हो, तो कुछ भी अनाप-शनाप खाने के स्‍थान पर बाहर धूप में घूम लें, इससे उनके शरीर में सेरोटोनिन स्तर बढ़ जाता है और आपकी भूख नियंत्रित हो जाती है।

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पीएमएस में खानपान का रखें ध्यान

ऐसे आहार का सेवन कीजिए जिससे तनाव, पेट में ऐंठन, सिरदर्द और एक्‍ने की समस्‍यायें न हों। इसके लिए आप पूरक आहार का सेवन कीजिए। ऐसे आहार खायें जिसमें विटामिन ई और फैटी एसिड की भरपूर मात्रा हो। एक शोध में यह बात सामने आयी है कि इन पूरक आहार का सेवन करने से पीएमएस में सुधार होता है।

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