Difference Between Irritable Bowel Syndrome and Inflammatory Bowel Disease: जीवनशैली, खानपान और फिजिकल वर्कआउट न करने की वजह से आजकल कई लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हो रही हैं। गैस, एसिडिटी, पेट में दर्द और खट्टी डकार जैसी परेशानियां पाचन संबंधी मानी जाती है। पाचन संबंधी समस्याओं में इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) भी शामिल हैं। इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) के लक्षण अक्सर मिलते-जुलते नजर आते हैं। लक्षण मिलने के कारण अक्सर लोग इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) को ही मान लेते हैं।
आज लेख में हम आपको बताने जा रहे हैं इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) के बीच क्या अंतर है, ताकि आप इसे पहचान सकें और सही समय पर इन बीमारियों का इलाज करवा सकें। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए ओनलीमॉय हेल्थ की टीम ने मुंबई के वाशी स्थित फोर्टिस हीरानंदानी अस्पताल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट के कंसल्टेंट डॉ. रौनक टेट (Dr Ronak Tate, Consultant-Gastroenterology, Fortis Hiranandani Hospital, Vashi, Navi Mumbai) से बात की।
इसे भी पढ़ेंः 15 दिन में घट सकता है शुगर लेवल, एक्सपर्ट ने बताए 4 स्टेप्स
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) क्या है?- What is Irritable Bowel Syndrome
डॉ. रौनक टेट के अनुसार, इरिटेबल बाउल सिंड्रोम को आसान भाषा में परिभाषित किया जाए, तो इसका मतलब है आंतों का सही तरीके से काम न करना शामिल है। हालांकि ये आंतों की संरचना को किसी प्रकार से नुकसान नहीं पहुंचाता है। IBS के लक्षण हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकते हैं।
टॉप स्टोरीज़
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of Irritable Bowel Syndrome
- पेट में दर्द या ऐंठन
- कब्ज, दस्त होना
- पेट फूलना और गैस
- मल त्याग में बदलाव
IBS के कारण वजन कम होना, मलाशय से खून बहना, आयरन की कमी से एनीमिया या बिना किसी कारण के उल्टी जैसे खतरनाक लक्षण आपको नजर आते हैं, तो इस विषय पर तुरंत डॉक्टर से बात करें।
इसे भी पढ़ेंः सर्दियों में पाचन को दुरुस्त रखेंगे ये 5 फूड्स, आज ही बनाएं डाइट का हिस्सा
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम का इलाज क्या है?- Treatment of Irritable Bowel Syndrome
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम अगर शुरुआती स्टेज का है, तो इसे आहार में बदलाव करके जैसे हाई फाइबर या लो-फोडमैप डाइट के जरिए ठीक किया जा सकता है। इस बीमारी में डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा मात्रा में प्रोबायोटिक्स का सेवन करने की सलाह देते हैं, ताकि आंतों में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाया जा सके।
इसे भी पढ़ेंः डिलीवरी के बाद 75 Kg हो गया था इस महिला का वजन, इन 4 टिप्स से घटाया 22 किलो वजन
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज (IBD) क्या है?- What is Inflammatory Bowel Disease
डॉक्टर का कहना है कि इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें आंतों में सूजन हो जाती है। आंतों की सूजन के कारण पाचन तंत्र के किसी भी कई हिस्से प्रभावित होते हैं। IBD के कारण लोगों को बार-बार गंभीर पेट में दर्द होता है, जिसे अगर नजरअंदाज किया जाए, तो यह गंभीर हो सकता है और बड़ी बीमारी के कारण हो सकता है। IBD के गंभीर मामलों में यह बड़ी आंत (कोलन) और मलाशय को प्रभावित करता है।
इसे भी पढ़ेंः वजन घटाने के लिए बेस्ट माने जाते हैं सब्जा सीड्स (तुलसी के बीज) , ऐसे करें सेवन
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज के लक्षण क्या हैं?- Symptoms of Inflammatory Bowel Disease
पेट में गंभीर दर्द और ऐंठन
लगातार दस्त, कभी-कभी खून के साथ दस्त होना
अचानक से वजन कम होना
थकान और कमजोरी
बुखार और भूख में कमी
अगर आपको यह लक्षण नजर आते हैं, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज का इलाज क्या है?- Treatment of Inflammatory Bowel Disease
इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज जैसी बीमारी को ठीक करने के लिए जीवनशैली में बदलाव, कुछ बेसिक दवाएं, एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाइयां और गंभीर लक्षण होने पर सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
इसे भी पढ़ेंः वजन घटाने के लिए बेस्ट है ये ओट्स सूप, डायटीशियन से जानें आसान रेसिपी
इरिटेबल बाउल सिंड्रोम और इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज में क्या अंतर है?- Difference Between Irritable Bowel Syndrome and Inflammatory Bowel Disease
कारण: IBS कार्यात्मक है और अक्सर तनाव, आहार या आंत की संवेदनशीलता से ट्रिगर होता है, जबकि IBD इम्यून सिस्टम की शिथिलता, जेनेटिक और पर्यावरणीय कारकों के कारण होता है।
लक्षण : IBS में मुख्य रूप से सूजन के बिना असुविधा शामिल होती है। हालांकि, IBD सूजन का कारण बनता है और जठरांत्र संबंधी मार्ग को दिखाई देने वाला नुकसान हो सकता है।
इलाज : IBS का इलाज जीवनशैली में बदलाव करके किया जा सकता है। जबकि IBD में अक्सर सूजन को कम करने या इम्यून सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए दवाओं की जरूरत होती है।
इसे भी पढ़ेंः न्यूट्रिशनिस्ट सिमरन चोपड़ा ने 5 महीनों में घटाया 23 किलो वजन, शेयर किया वेट लॉस सीक्रेट
निष्कर्ष
आईबीएस और आईबीडी एक गंभीर समस्या है। अगर आपको इसके लक्षण नजर आते हैं, तो इस विषय पर अपने डॉक्टर से बात करें और इलाज शुरू करवाएं।