Symptoms of Thyroid and Menopause in Hindi: महिलाओं में हार्मोन्स में बड़े बदलावों की बात करें, तो सबसे पहले पीरियड्स होने के बाद लड़कियों में तेजी से बदलाव होते हैं, फिर प्रेग्नेंसी में बड़े बदलाव होते हैं, ब्रेस्टफीडिंग के दौरान भी महिलाएं शरीर में कई तरह के चेंज महसूस करती हैं। इसके बाद मेनोपॉज के दौरान कई बड़े बदलावों से महिलाओं को गुजरना पड़ता है और इसी दौर में हार्मोनल चेंज के कारण थायराइट की समस्या होना भी आम होता है। ऐसी स्थिति में महिलाएं कई बार शरीर में हो रहे चेंज को मेनोपॉज के लक्षण मान लेती हैं लेकिन बाद में वे थायरॉइड डिसऑर्डर निकलता है। इसकी वजह दोनों के कई लक्षण एक जैसे होना और इसी भ्रम की स्थिति कई मामलों में गंभीर बीमारी का रूप भी ले लेती है। थॉयराइड और मेनोपॉज के लक्षणों की पहचान कैसे करें, इसे जानने के लिए हमने नई दिल्ली के विकासपुरी स्थित क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के स्त्रीरोग विशेषज्ञ विभाग की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सीमा शर्मा ( Dr Seema Sharma, Senior Consultant - Obestrics and Gynecology at Cloudnine Group of Hospitals, Vikas Puri, New Delhi) से बात की।
थायरॉइड और मेनोपॉज के एक जैसे लक्षण
इस बारे में डॉ. सीमा कहती हैं कि कई मामलों में देखा है कि महिलाओं में थायरॉइड की बीमारी गंभीर हो जाती है और इसकी वजह होती है कि वे मेनोपॉज और थायरॉइड के लक्षणों की पहचान नहीं कर पाती। इस वजह से थायरॉइड काफी चिंताजनक स्थिति में होता है। अगर महिलाओं को नीचे दिए लक्षण नजर आए तो इसे सिर्फ मेनोपॉज मानकर न बैठे, बल्कि डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
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- एकदम वजन बढ़ना या कम होना - थायरॉइड में मेटाबॉल्जिम काफी धीमा हो जाता है और इससे वजन बढ़ने लगता है, और इसी तरह से मेनोपॉज में हार्मोनल बदलावों की वजह से भी महिलाओं का वजन बढ़ सकता है। इसलिए अगर अचानक वजन बढ़ें, तो एक बार डॉक्टर से जरूर मिलें।
- लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना - अगर दिनभर थकान महसूस हो लेकिन इसकी कोई खास वजह न हो, तो हो सकता है कि थायरॉइड या मेनोपॉज में से एक हो।
- मूड स्विंंग्स और डिप्रेशन - अगर किसी महिला को बिना वजह चिड़चिड़ापन और गुस्सा आता रहे या फिर डिप्रेशन से परेशान हो, तो भी हार्मोनल बदलाव की वजह से थायरॉइड या मेनोपॉज हो सकता है।
- नींद की समस्या - जिन महिलाओं को पहले अच्छी नींद आती थी, लेकिन बढ़ती उम्र में नींद की समस्या रहने लगे, तो दोनों बीमारियां होने की वजह हो सकती है।
- बाल झड़ना या स्किन ड्राई होना - कुछ महिलाओं के हार्मोन में बदलाव के कारण बाल काफी कमजोर हो जाते हैं और त्वचा में भी काफी सूखापन आ जाता है, तो इसका कतई मतलब नहीं है कि ये सिर्फ मेनोपॉज का लक्षण है।
- भूलने की आदत- फोकस न कर पाने या भूलने को महिलाएं उम्र से जोड़ लेती हैं। लेकिन यह समस्या भी दोनों में से किसी एक का लक्षण हो सकती है।
थायरॉइड या मेनोपॉज की पहचान कैसे करें
डॉ. सीमा कहती हैं, “आमतौर पर महिलाओं की शिकायत होती है कि वे कैसे पहचान करें कि ये लक्षण थायरॉइड के है या फिर मेनोपॉज के, तो मैं हमेशा उन्हें इन चार बातों पर ध्यान रखने की सलाह देती हूं।”
उम्र है महत्वपूर्ण - आमतौर पर मेनोपॉज 45 से 55 साल के बीच में होता है और अगर ऊपर दिए लक्षण 45 या 40 की उम्र से पहले दिखें, तो हो सकता है कि थायरॉइड की समस्या न हो। इसलिए चेकअप जरूर कराएं।
- पीरियड्स चेक रखें - मेनोपॉज में पीरियड्स पहले अनियमित होते हैं, और फिर बंद हो जाते हैं, जबकि थायरॉइड में पीरियड्स रेग्लुर नहीं रहते लेकिन बंद भी नहीं होते। अगर ऐसा पैटर्न हो तो डॉक्टर से सलाह लें।
- गर्दन में सूजन- अगर किसी महिला को गले में गांठ जैसा महसूस हो, तो यह थायरॉइड की निशानी है। थायरॉइड में ग्लैंड में सूजन आने लगती है। गले की गांठ को नजरअंदाज न करें।
- ब्लड टेस्ट कराएं - थायरॉइड में TSH, T3 और T4 टेस्ट होते हैं और मेनोपॉज की जांच में एस्ट्रोजन का लेवल चेक किया जाता है, जिसके लिए FSH कराने की सलाह देते हैं।
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थायरॉइड और मेनोपॉज को मैनेज करने के तरीके
डॉ. सीमा ने महिलाओं को कुछ टिप्स फॉलो करने की सलाह दी हैं -
- 6 से 12 महीने में हार्मोन प्रोफाइल चेक कराएं।
- डाइट में ताजी सब्जियों और फलों की मात्रा बढ़ा दें।
- प्रोसेस्ड फूड और जंक फूड को बिल्कुल अपनी डाइट से हटा दें।
- रोजाना योग या कसरत करें और यह सब न हो पाए तो कम से कम 30 मिनट वॉक जरूर करें।
- स्ट्रेस न लें और इसे कम करने के लिए अपनी मनपसंद हॉबी अपनाएं।
- डॉक्टर ने जो दवाइयां दी है, उसे समय पर लें और खुद से मेडिकेशन बिल्कुल न करें।
- नींद पूरी करने की कोशिश करें। इसके लिए मेडिटेशन का सहारा भी ले सकते हैं।
निष्कर्ष
डॉ. सीमा कहती हैं कि मेनोपॉज और थायरॉइड दोनों ही स्थितियों में लक्षण एक जैसे हो सकते हैं, जो महिलाओं को कन्फ्यूज कर सकता है। इसलिए जब भी कोई लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें और समय पर इलाज कराएं।