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फूड लेबल को डिकोड करते समय इन बातों का रखें ध्यान, शुद्ध सामान चुनने में मिलेगी मदद

अपने पैकेज्ड फूड्स को हेल्दी रखने और उसमें कैलोरी की सही मात्रा जानने के लिए आप फूड लेबल को पढ़ते समय इन बातों का ध्यान रखें।
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फूड लेबल को डिकोड करते समय इन बातों का रखें ध्यान, शुद्ध सामान चुनने में मिलेगी मदद


आज के बिजी लाइफस्टाइल में लोगों के पास सुकून के दो पल निकालना भी बहुत मुश्किल हो गया है। ऐसे में लोग घर पर खाना बनाकर खाने के स्थान पर बाहर के पैरेज्ड फूड्स, मसाले या अन्य प्रोडक्ट्स को खरीदना पसंद करते हैं। ताकि वह कम समय में अपना खाना टेस्टी और हेल्दी तैयार कर सके। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो डाइटिंग के दौरान या डायबिटीज के कारण पैकेज्ड फूड्स लेने से पहले उस पर लिखी सामग्रियों के बारे में पढ़ते हैं और उसके बाद उन्हें हेल्दी समझकर उन फूड्स का सेवन करते हैं। पैक्ड फूड बनाने वाली कंपनियां अक्सर यह दावा करती हैं कि उनके फूड्स पूरी तरह नेचुरल, फ्रैश, शुगर फ्री और फैट फ्री हैं, लेकिन क्या ये वास्तव में सही होता है। न्यूट्रिशनिस्ट अंजलि मुखर्जी ने फूड्स लेबल को पढ़ते समय कुछ ऐसी बातों को ध्यान में रखने की सलाह दी है, जो आपके फूड्स को हेल्दी बनाने में मदद करेंगे। 

फूड लेबल पढ़ते समय किन बातों का ध्यान रखें?

1. लो फैट खाद्य पदार्थ की सही जांच

कई कम फैट वाले खाद्य पदार्थों में एडड शुगर और रिफाइंड आटे के कारण भी हाई कैलोरी की मात्रा हो सकती है। कम फैट वाले खाद्य पदार्थों को स्वादिष्ट बनाने के लिए इन फूड्स में अक्सर चीनी या रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट मिलाते हैं, जो आपके फूड में कैलोरी की मात्रा बढ़ा देते हैं। इसलिए  कोई भी पैकेट वाला फूड लेते समय उसके पोषण लेबल पर हमेशा कुल कैलोरी सामग्री की जांच करें। 

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2. शुगर फ्री के दावे की जांच

शुगर फ्री खाद्य पदार्थों में फैट और रिफाइंड अनाज ज्यादा हो सकते हैं, जिससे इन फूड्स को खाने से ज्यादा कैलोरी का सेवन हो सकता है। "शुगर फ्री" के रूप में लेबल किए गए खाद्य पदार्थ आपको भटकाने वाले हो सकते हैं क्योंकि उनमें चीनी की कमी पूरी करने के लिए ज्यादा मात्रा में वसा या रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट मिलाएं जा सकते हैं। इसके अलावा, कुछ शुगर-फ्री उत्पादों में शुगर अल्कोहल या आर्टिफिशियल मिठास का उपयोग किया जाता है, जो कुछ लोगों में पाचन संबंधी समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए शुगर फ्री फूड्स लेते समय हमेशा पोषण लेबल पर कुल कार्बोहाइड्रेट सामग्री की जांच करें। 

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3. फूड्स में कोलेस्ट्रॉल न होने के दावे की जांच

पौधे आधारित तेलों में स्वाभाविक रूप से कोई कोलेस्ट्रॉल नहीं होता है, लेकिन वे 100 प्रतिशत फैट होते हैं, इसलिए उनका सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए। कोलेस्ट्रॉल केवल पशु उत्पादों में पाया जाता है, इसलिए पौधे आधारित तेल स्वाभाविक रूप से कोलेस्ट्रॉल मुक्त होंगे। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि वे वसा या कैलोरी में कम हैं। इसलिए प्रोडक्ट में फैट के प्रकार और मात्रा पर ध्यान दें। 

फूड लेबलिंग की इन बातों को समझकर, आप अपने फूड्स के बारे में सही जानकारी पा सकेंगे और अपने खाद्य पदार्थों को ज्यादा हेल्दी और पौष्टिक बना पाएंगे। 

Image Credit: Freepik 

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