
Symptoms Of Slipped Disc In Lower Back In Hindi: आजकल के समय में स्लिप डिस्क की समस्या युवाओं में काफी बढ़ रही है। आम भाषा में लोग स्लिप डिस्क को साइटिका भी कहते हैं। यह समस्या तब पैदा होती है, जब हमारी रीढ़ की हड्डियों के बीच में मौजूद जेल (डिस्क) अपनी जगह से स्लिप हो जाता है। जब यह जेल अपनी जगह से हट जाता है, तो इस स्थिति को ही स्लिप डिस्क कहा जाता है। आमतौर पर यह डिस्क दो हड्डियों के बीच में मौजूद गैप को बनाए रखने का काम करता है। इसके इलावा, यह शरीर को घुमाने और झुकने में भी मदद करता है। हड्डियों में चोट, गलत पॉश्चर में बैठने, खराब लाइफस्टाइल व भारी सामन उठाने की वजह से आपको स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है। स्लिप डिस्क होने पर व्यक्ति को गर्दन से लेकर लोवर बैक में किसी भी जगह गंभीर और असहनीय दर्द होता है। इससे व्यक्ति का लेटना, बैठना और खड़ा होना तक मुश्किल हो जाता है। अक्सर लोग स्लिप डिस्क को सामान्य कमर दर्द समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर इस समस्या का समय से इलाज नहीं किया गया, तो सर्जरी तक की नौबत आ सकती है। स्लिप डिस्क होने पर कमर और पैरों में कई लक्षण दिखाई देते हैं। इस लेख में न्यूरोलॉजिस्ट प्रियंका (एम्स, नई दिल्ली) से जानेंगे कमर के निचले हिस्से में दिखने वाले स्लिप डिस्क के लक्षणों के बारे में विस्तार से -
कमर के निचले हिस्से में स्लिप डिस्क के लक्षण - Symptoms Of Slipped Disc In Lower Back In Hindi
कमर में तेज दर्द
स्लिप डिस्क होने पर व्यक्ति को कमर में असहनीय दर्द होता है, जो लगातार बना रहता है। इसके अलावा, कमर की मांसपेशियों में जकड़न भी महसूस होती है।कई बार यह दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है, व्यक्ति को बैठने और लेटने में भी परेशानी होने लगती है। अगर आप भी ऐसे गंभीर कमर दर्द का अनुभव कर रहे हैं, तो इसे सामान्य समझकर नजरअंदाज करने भी भूल न करें।
घुटने, जांघों और हिप्स में दर्द होना
स्लिप डिस्क होने पर घुटनों, जांधों और कमर के पिछले हिस्से में तेज दर्द हो सकता है। ज्यादातर मामलों में एक पैर में दर्द होता है, लेकिन कई मामलों में दोनों पैरों में भी दर्द हो सकता है। दर्द की तीव्रता स्लिप डिस्क की इंजरी पर निर्भर करता है।
रात में अचानक तेज दर्द होना
स्लिप डिस्क होने पर रात में अचानक से बहुत तेज कमर दर्द होने लगता है। इसकी वजह से मरीज को सबसे ज्यादा परेशानी सोते समय होती है। ऐसी स्थिति में पीठ के बल सोना सबसे अच्छा माना जाता है। साथ ही, घुटनों या पैरों के नीचे तकिया लगाकर लेटना चाहिए, जिससे रीढ़ को सहारा मिलता है। इससे पीठ की मांसपेशियों भी रिलैक्स होती हैं और दर्द में आराम मिलता है।
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कमर और पीठ में झनझनाहट होना
स्लिप डिस्क की समस्या में पीठ और कमर के निचले हिस्सों में झनझनाहट और जलन महसूस हो सकती है। दरअसल, रीढ़ की हड्डियों के चारों तरफ मौजूद मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं, जिसकी वजह से झनझनाहट महसूस होती है।
पेशाब और स्टूल पास करने में दिक्क्त होना
स्लिप डिस्क होने पर पेशाब और मल त्याग करने में भी परेशानी हो सकती है। दरअसल, रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से में पेशाब और स्टूल कंट्रोल करने वाली नसें भी मौजूद होती हैं। स्लिप डिस्क की वजह से इन नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे पेशाब और स्टूल पास करते समय दर्द होता है। इस समस्या में बार-बार यूरिन पास करना पड़ता है और कब्ज की शिकायत भी रहती है।
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अगर आप ऊपर बताए गए लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें। स्लिप डिस्क के लक्षणों को पहचानकर सही समय पर इलाज लेने से समस्या को बढ़ने से रोका जा सकता है।