What is Herniated Disc: आज की तेज रफ्तार और लगातार बैठकर काम करने वाली जीवनशैली में कमर दर्द और रीढ़ से जुड़ी समस्याएं आम होती जा रही हैं। लेकिन जब यह दर्द हर्नियेटेड डिस्क (स्पाइन की नस पर दबाव) के कारण होता है, तो स्थिति गंभीर हो सकती है। हर्नियेटेड डिस्क की समस्या तब होती है जब हमारी रीढ़ की हड्डियों के बीच की सॉफ्ट डिस्क किसी कारण से बाहर की ओर खिसक जाती है और नस पर दबाव डालने लगती है। इससे दर्द, झनझनाहट और कमजोरी जैसे लक्षण उभरने लगते हैं। यह समस्या ज्यादातर कमर या गर्दन में होती है। अगर समय पर पहचान और इलाज न किया जाए, तो यह साइटिका जैसे दर्द या स्थायी नर्व डैमेज का कारण भी बन सकती है। इसलिए जरूरी है कि आप इसके लक्षण, कारण और इलाज को समझें ताकि समय रहते सही कदम उठाया जा सके। आइए डॉक्टरों से जानें कि हर्नियेटेड डिस्क क्या है, इसके लक्षण और कारण क्या हैं और इसका इलाज कैसे किया जा सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के अपोलो हॉस्पिटल के वरिष्ठ ऑर्थो सर्जन डॉ संजय कुमार श्रीवास्तव से बात की।
हर्नियेटेड डिस्क क्या है?- What is Herniated Disc
रीढ़ की हड्डियों के बीच मौजूद डिस्क एक नरम जैली जैसी चीज होती है, जो शॉक को एब्सॉर्ब करती है। जब यह डिस्क फट जाती है या अपनी जगह से खिसककर नस पर दबाव डालती है, तो इसे हर्नियेटेड डिस्क (Herniated Disc) कहते हैं। यह दबाव नर्व को प्रभावित करता है और दर्द, सुन्नता या कमजोरी जैसे लक्षण पैदा कर सकता है।
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हर्नियेटेड डिस्क के लक्षण- Symptoms of Herniated Disc
- कमर या गर्दन में लगातार दर्द होना।
- एक तरफ के हाथ या पैर में झनझनाहट होना।
- मांसपेशियों में कमजोरी होना।
- खड़े होने, झुकने या बैठने पर दर्द बढ़ना।
- कभी-कभी चलने में मुश्किल होना या बैलेंस बिगड़ना।
- गंभीर मामलों में ब्लैडर की समस्या होना।
हर्नियेटेड डिस्क के कारण- Causes of Herniated Disc
- उम्र बढ़ने से डिस्क का कमजोर होना।
- भारी वजन उठाने की गलत तकनीक का इस्तेमाल करना।
- लगातार खराब पॉश्चर में बैठना।
- रीढ़ में चोट या झटका लगना।
- मोटापा (Obesity)।
- धूम्रपान, जिस वजह से डिस्क को पोषण नहीं मिल पाता।
हर्नियेटेड डिस्क का जोखिम किन लोगों को ज्यादा होता है?- Who Is at Higher Risk of Herniated Disc
- 30 से 50 वर्ष की उम्र के लोग।
- ऑफिस वर्कर्स या ड्राइवर जो घंटों बैठते हैं।
- वजन उठाने वाले मजदूर या जिम करने वाले लोग।
- जिनका पॉश्चर सही नहीं होता।
- जिनके परिवार में पहले भी यह समस्या रही हो।
हर्नियेटेड डिस्क की जांच कैसे होती है?- Diagnosis of Herniated Disc
- डॉक्टर आपकी मूवमेंट और रिफ्लेक्स चेक करने के लिए फिजिकल एग्जामिनेशन करते हैं।
- डिस्क की स्थिति देखने के लिए एमआरआई किया जाता है।
- हड्डियों की संरचना देखने के लिए सीटी स्कैन या एक्स-रे किया जाता है।
- नर्व डैमेज का लेवल चेक करने के लिए नर्व टेस्ट किया जाता है।
हर्नियेटेड डिस्क का इलाज- Treatment of Herniated Disc
- हर्नियेटेड डिस्क का इलाज करने के लिए पेन रिलीवर और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं दी जाती हैं।
- मसल रिलैक्सेंट्स दिए जाते हैं।
- स्पाइन स्ट्रेचिंग और फिजियोथेरेपी की जाती है ताकि नस का दबाव कम हो सके।
- बर्फ या गर्म पानी की सिंकाई करने की सलाह भी डॉक्टर देते हैं।
- गंभीर मामलों में माइक्रोडिस्केक्टॉमी (Microdiscectomy) सर्जरी की जाती है।
हर्नियेटेड डिस्क से बचाव के उपाय- Prevention Tips for Herniated Disc
- भारी चीजें उठाते समय सही तरीका अपनाएं।
- लंबे समय तक एक ही पोजीशन में न बैठें।
- पीठ और कोर मसल्स को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए रेगुलर एक्सरसाइज करें।
- अपना पॉश्चर ठीक रखें।
- वजन कंट्रोल में रखें और स्मोकिंग से दूर रहें।
हर्नियेटेड डिस्क को नजरअंदाज करना आपकी स्पाइन हेल्थ के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। शुरुआती लक्षणों को पहचानें और डॉक्टर से सलाह लेकर सही जांच और इलाज को जल्द से जल्द शुरू करें। जीवनशैली में बदलाव और सही एक्सरसाइज से इस समस्या से काफी हद तक बचा जा सकता है।
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FAQ
हर्नियेटेड डिस्क के दर्द से छुटकारा कैसे पाएं?
दवाओं, फिजियोथेरेपी, सिंकाई और आरामदायक पॉश्चर से दर्द कम किया जा सकता है। हल्के मामलों में एक्सरसाइज और सही देखभाल से काफी राहत मिलती है।क्या हर्नियेटेड डिस्क ठीक हो सकती है?
हां, ज्यादातर मामलों में यह बिना सर्जरी के ठीक हो सकती है। दवा, फिजियोथेरेपी और जीवनशैली में बदलाव से धीरे-धीरे डिस्क का दबाव कम हो जाता है और लक्षण खत्म होने लगते हैं।हर्नियेटेड डिस्क कब गंभीर हो जाती है?
जब दर्द लगातार बढ़े, पैर में सुन्नता या कमजोरी हो या पेशाब–मल पर कंट्रोल न रहे, तो यह मेडिकल इमरजेंसी बन जाती है और तुरंत इलाज जरूरी हो जाता है।