ज्यादा शारीरिक काम करने के बाद आपको मांसपेशियों में थकान और कमजोरी महसूस होती है। अक्सर जिम जाने के बाद या हैवी कसरत के बाद मांसपेशियों में थकान होना एक आम बात मानी जाती है। इसके अलावा, कुछ लोगों को कई बार बिना कुछ काम किए भी मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle Weakness) महसूस होने लगती है। यह परेशानी किसी भी उम्र के व्यक्ति को महसूस हो सकती है। कई बार नींद की कमी और पोषण की कमी के कारण भी व्यक्ति को यह लक्षण महसूस होता है। लेकिन, हर बार मांसपेशियों की कमजोरी किसी साधारण समस्या का ही कारण नहीं होती है। कुछ मामलों में यह बीमारियों की ओर भी संकेत कर सकती है। इस लेख में अपोलो स्पेक्ट्रा इंटरनल मेडिसिन डॉ आदित्या देशमुख से जानते है कि मांसपेशियों में कमजोरी किन बीमारियों के कारण हो सकती है, इसके लक्षण, निदान और उपचार के तरीके क्या हैं।
कौन सी बीमारियों की कारण मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है? - Diseases That Can Cause Muscle Weakness?
जब शरीर की मांसपेशियां किसी कार्य को अपनी क्षमता केअनुसार नहीं करतीं, तो उसे मांसपेशियों की कमजोरी कहा जाता है। कई मामलों में यह कमजोरी अस्थायी भी हो सकती है (जैसे थकावट के कारण), और कुछ में यह स्थायी कारण जैसे बीमारियों की वजह से भी हो सकती है। आगे जानते हैं कि किन बीमारियों की वजह से आपको मांसपेशियों में कमजोरी महसूस हो सकती है।
डायबिटीज (Diabetes)
लंबे समय तक डायबिटीज होने पर नर्व डैमेज (न्यूरोपैथी) हो सकती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी और सुन्नता महसूस होती है। यह समस्या ज्यादातर मामलों में मरीज के पैरों में देखने को मिलती है।
हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism)
थायरॉइड हार्मोन की कमी से शरीर की मेटाबॉलिक क्रियाएं धीमी हो जाती हैं, जिससे मांसपेशियों में सुस्ती, भारीपन और कमजोरी महसूस होती है। ऐसे में आपको नियमित रूप से डॉक्टर से चेकअप कराना चाहिए।
मल्टीपल स्केलेरोसिस (Multiple Sclerosis)
यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें ब्रेन और रीढ़ की हड्डी की नसों पर असर पड़ता है। इससे शरीर का संतुलन, मांसपेशियों की गति और ताकत प्रभावित हो जाती है।
न्यूरोपैथी (Neuropathy)
हमारे शरीर में किसी तरह के कार्य के संकेत नर्वस सिस्टम द्वारा ही भेजे जाते हैंं। जब नर्वस सिस्टम में किसी भी तरह का डैमेज या सूजन होती है, तो इससे मांसपेशियों तक संदेशों पहुंचने की प्रक्रिया प्रभावित करती है, जिससे कमजोरी महसूस हो सकती है।
मायस्थीनिया ग्रेविस (Myasthenia Gravis)
यह एक न्यूरोमस्कुलर डिसऑर्डर है, जिसमें शरीर की मांसपेशियां धीरे-धीरे जवाब देना बंद कर देती हैं। इससे आंखें, चेहरे और हाथ-पैर की मांसपेशियां सबसे पहले प्रभावित होती हैं।
मांसपेशियों की कमजोरी को कैसे दूर करें? - How To Reduce Muscle Weakness In Hindi
- मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करने के लिए आप उसके कारण को समझें और उसका इलाज करें।
- मांसपेशियों को सक्रिय रखने में फिजियोथेरैपी आपकी मदद कर सकती है।
- योग और एक्सरसाइज नियमित करने से मांसपेशियों की ताकत धीरे-धीरे लौटने लगती है।
- संतुलित आहार का सेवन करें। प्रोटीन, विटामिन डी और कैल्शियम युक्त भोजन करने पर जोर दें।
- जरूरत के अनुसार डॉक्टर द्वारा सुझाए गए सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।
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मांसपेशियों में कमजोरी को केवल थकान या उम्र से जुड़ी सामान्य बात समझकर अनदेखा करना खतरनाक हो सकता है। कई बार यह किसी गंभीर बीमारी की शुरुआत हो सकती है। यदि कमजोरी लंबे समय तक बनी रहती है या बढ़ती जा रही है, तो तत्काल डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है। सही समय पर जांच और इलाज से बड़ी परेशानियों से बचा जा सकता है।
FAQ
क्या विटामिन बी12 की कमी से भी मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है?
हां, विटामिन बी12 की कमी से नसों में कमजोरी आती है जिससे मांसपेशियों में दर्द और थकान महसूस हो सकती है।क्या केवल एक्सरसाइज की कमी से मांसपेशियों में कमजोरी आ सकती है?
अगर लंबे समय तक निष्क्रियता बनी रहे, तो मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं। नियमित हल्की एक्सरसाइज भी मांसपेशियों को सक्रिय बनाए रखने में सहायक होती है।मांसपेशियों की कमजोरी का इलाज घर पर संभव है या डॉक्टर की जरूरत होती है?
अगर कमजोरी सामान्य थकावट या पोषण की कमी से है तो घरेलू उपाय और खानपान से ठीक हो सकती है, लेकिन अगर यह किसी बीमारी का लक्षण है तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।