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स्मोकिंग की वजह से सिर्फ फेफड़े ही नहीं रीढ़ की हड्डी में भी होती हैं दिक्कतें, जानें बचाव

Smoking And Spinal Disorder Risk: स्मोकिंग के कारण रीढ़ की कोशिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचता है, जिसकी वजह से स्पाइनल कॉलम प्रभावित होता है।
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स्मोकिंग की वजह से सिर्फ फेफड़े ही नहीं रीढ़ की हड्डी में भी होती हैं दिक्कतें, जानें बचाव


Smoking And Spinal Disorder Risk: स्मोकिंग का चलन आज के समय में तेजी से बढ़ रहा है। युवाओं में स्मोकिंग का बढ़ता क्रेज स्टेटस सिंबल बन गया है। स्मोकिंग करने से न सिर्फ फेफड़ों को बल्कि शरीर के कई अन्य अंगों को भी गंभीर नुकसान पहुंचते हैं। कैंसर से लेकर हार्ट से जुड़ी बीमारियों का जोखिम स्मोकिंग की वजह से तेजी से बढ़ रहा है। आमतौर पर लोगों को लगता है कि  स्मोकिंग करने से कोई जानलेवा बीमारी नहीं होती है, जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। स्मोकिंग की वजह से फेफड़े, हार्ट, पेट समेत शरीर के कई आंतरिक अंगों को नुकसान पहुंचता है। कुछ शोध और अध्ययन में यह बात भी निकलकर सामने आई है कि स्मोकिंग करने की वजह से रीढ़ की हड्डी से जुड़ी गंभीर बीमारी हो सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से समझते हैं, आखिर स्मोकिंग रीढ़ की हड्डी को कैसे प्रभावित कर सकता है?

स्मोकिंग से खराब हो सकती है रीढ़ की हड्डी- Smoking And Spinal Disorder Risk in Hindi

स्मोकिंग को शराब और अन्य नशों से ज्यादा खतरनाक माना जाता है। बहुत ज्यादा स्मोकिंग करने वाले लोगों के स्पाइनल कॉर्ड को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "स्मोकिंग की वजह से स्पाइनल कॉर्ड से जुड़ी गंभीर और लाईलाज बीमारी हो सकती है। स्मोकिंग के कारण रीढ़ की कोशिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचता है, जिसकी वजह से स्पाइनल कॉलम प्रभावित होता है।"

Smoking And Spinal Disorder Risk

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स्मोकिंग से रीढ़ की हड्डियों को ये नुकसान पहुंचते हैं-

1. रीढ़ पर अधिक दबाव: धूम्रपान करने वाले व्यक्तियों के, रीढ़ के कई हिस्सों में अधिक दबाव हो सकता है। यह दबाव रीढ़ की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और स्पाइनल कॉलम को प्रभावित कर सकता है।

2. स्पाइनल डिस्क को नुकसान: धूम्रपान करने से, रीढ़ की हड्डियों के बीच वह संरचना जो डिस्क कहलाती है, पर बहुत दबाव पड़ता है। इसकी वजह से डिस्क को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है, जो स्पाइनल कॉलम के संरचनात्मक स्थिरता को प्रभावित करता है।

3. स्पाइनल स्टेनोसिस: धूम्रपान के नुकसानों में एक और संभावित समस्या है स्पाइनल स्टेनोसिस। यह रीढ़ के किसी हिस्से में नसों या स्पाइनल कॉर्ड में दबाव की वजह से हो सकती है, जिससे रीढ़ के माध्यम से प्रवाहित रक्त की मात्रा में कमी हो सकती है।

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कैसे करें बचाव?

स्मोकिंग के कारण रीढ़ की हड्डी को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए-

1. धूम्रपान छोड़ना: इसी वजह से होने वाले नुकसान से बचने के लिए सबसे पहले स्मोकिंग बंद करने की कोशिश करें।

2. व्यायाम करें: नियमित व्यायाम करना धूम्रपान को छोड़ने में मदद कर सकता है और स्वस्थ रीढ़ के लिए लाभकारी होता है। योग, पायलेट्स, और अन्य एक्सरसाइज कुछ अच्छे विकल्प हो सकते हैं।

3. सही बॉडी पोस्चर: सही बॉडी पोस्चर रीढ़ की हड्डी को नुकसान से बचाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। सही बॉडी पोस्चर के लिए आप एक फिजियोथेरापिस्ट की सलाह ले सकते हैं।

4. स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार लेना भी धूम्रपान के नुकसान को कम करने में मददगार हो सकता है। आहार में फल, सब्जियां, अनाज, और प्रोटीन युक्त आहार शामिल करना चाहिए।

स्मोकिंग के नुकसान से बचने के लिए सबसे पहले स्मोकिंग से दूरी बहुत जरूरी है। इसके अलावा हेल्दी डाइट और नियमित एक्सरसाइज से आप इसके गंभीर दुष्प्रभावों से बच सकते हैं। इसके अलावा नुकसान के लक्षणों को पहचान कर समय पर इलाज लेना चाहिए। इन उपायों का पालन करके, आप धूम्रपान के नुकसानों से बच सकते हैं।

(Image Courtesy: freepik.com)

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