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बार‍िश में इंफेक्‍शन की वजह से खराब हो गए हैं फेफड़े, र‍िकवरी के ल‍िए अपनाएं ये आसान ट‍िप्‍स

बार‍िश में सूक्ष्‍मजीवों के हमले से फेफड़ों की सेहत को नुकसान पहुंचता है। लंग्‍स की र‍िकवरी के ल‍िए डाइट और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल की मदद ले सकते हैं।
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बार‍िश में इंफेक्‍शन की वजह से खराब हो गए हैं फेफड़े, र‍िकवरी के ल‍िए अपनाएं ये आसान ट‍िप्‍स


Recovery Tips For Lung Damage During Rain: बार‍िश के द‍िनों में कई तरह के इंफेक्‍शन का खतरा बढ़ जाता है, जो फेफड़ों को प्रभावित करता है। बार‍िश के द‍िनों में नमी और तापमान में बदलाव बैक्टीरिया, वायरस और फंगस के बढ़ने के लिए अनुकूल वातावरण बनाते हैं। यह इंफेक्‍शन फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है। बार‍िश के द‍िनों में सर्दी और फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं। ये वायरस श्वसन प्रणाली को प्रभावित करते हैं, जिससे खांसी, गले में खराश और बुखार होता है। अगर ये संक्रमण फेफड़ों में फैलता है, तो इससे ब्रोंकाइटिस या निमोनिया हो सकता है, जो फेफड़ों में सूजन और नुकसान का कारण बनता है। कुछ मामलों में, वायरस फेफड़ों की नलिकाओं (एयरवेज) और वायु कोशिकाओं (एयर सैक्स) को संक्रमित कर सकते हैं, जिससे वायरल निमोनिया होता है। इसमें फेफड़ों में सूजन और तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जिससे श्वास लेने में मुश्‍क‍िल होती है।

बारिश के मौसम में बैक्टीरियल निमोनिया का खतरा भी बढ़ जाता है। यह तब होता है जब बैक्टीरिया, जैसे कि स्ट्रेप्टोकॉकस निमोनिया, फेफड़ों में प्रवेश करते हैं और संक्रमण का कारण बनते हैं। इस स्थिति में, फेफड़ों की वायुकोशिकाओं में मवाद और तरल पदार्थ भर जाता है, जिससे श्वास लेने में मुश्‍क‍िल और फेफड़ों को नुकसान होता है। इस लेख में हम जानेंगे क‍ि बार‍िश के द‍िन, लंग्‍स के स्‍वास्‍थ्‍य को कैसे प्रभाव‍ित करते हैं और डैमेज हो रहे लंग्‍स की र‍िकवरी के ल‍िए क‍िन ट‍िप्‍स की मदद ले सकते हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।      

बार‍िश के द‍िन लंग्‍स को कैसे डैमेज करते हैं?- How Lungs are Damaged by Rain

recovery tips for lung damage

  • बार‍िश के द‍िनों में बैक्टीरियल संक्रमण हो जाता है और इससे ब्रोंकाइटिस हो सकता है। यह स्थिति तब होती है जब श्वसन नलिकाओं में सूजन हो जाती है।
  • बारिश के द‍िनों में नमी के कारण फंगल संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह संक्रमण फेफड़ों में गांठ या कैविटी का कारण बन सकता है, जिससे गंभीर फेफड़ों की समस्याएं हो सकती हैं।
  • बारिश के द‍िनों में बढ़ी हुई नमी और धूल के कणों के कारण अस्थमा और एलर्जी के लक्षण बढ़ सकते हैं। अस्थमा के अटैक से फेफड़ों की वायु कोशिकाओं में सूजन आ सकती है और फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है।
  • बार‍िश के द‍िनों में पानी के जमाव से बैक्टीरिया और वायरस का प्रसार बढ़ सकता है। दूषित पानी में रहने वाले रोगाणु वायु के जर‍िए श्वसन प्रणाली में प्रवेश करते हैं और फेफड़ों में संक्रमण पैदा कर सकते हैं, जिससे निमोनिया या अन्य गंभीर श्वसन रोग हो सकते हैं।

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बार‍िश के द‍िनों में डैमेज हुए फेफड़ों के ल‍िए र‍िकवरी ट‍िप्‍स- Damaged Lungs Recovery Tips

बारिश के दिनों में अगर फेफड़ों को किसी संक्रमण या अन्य कारणों से नुकसान पहुंचा है, तो उन्हें ठीक करने और उनकी कार्यक्षमता को बहाल करने के लिए कुछ आसान र‍िकवरी ट‍िप्‍स की मदद ले सकते हैं- 

  • विटामिन-सी और ई जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स फेफड़ों की सूजन को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए संतरे, नींबू, कीवी, बेरीज़ और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। 
  • प्रोटीन शरीर की मरम्मत में मदद करता है। अंडे, मछली, दालें, और नट्स का सेवन करें।
  • पर्याप्त पानी पीना फेफड़ों से बलगम को साफ करने में मदद करता है और उन्हें स्वस्थ रखता है।
  • योग में प्राणायाम की तकनीकें जैसे अनुलोम-विलोम और कपालभाति, फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने और उसे साफ करने में मदद करते हैं।
  • दिन में कुछ समय गहरी श्वास लेने की प्रैक्टिस करें। इससे फेफड़ों में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है और फेफड़ों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।
  • बारिश के द‍िनों में भी वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ सकता है। जब भी संभव हो, बाहर जाने से बचें, खासकर सुबह और शाम के समय जब प्रदूषण का स्तर अधिक हो सकता है।

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