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मोटापे से पीड़ित लोगों में ज्यादा रहता है स्पाइन से जुड़ी समस्याओं का जोखिम, डॉक्टर से जानें दोनों में संबंध

Obesity and Spine Problems: मोटापे के कारण शरीर में स्‍पाइन की समस्‍याओं का जोख‍िम बढ़ जाता है क्‍योंक‍ि वजन का दबाव रीढ़ की हड्डी पर पड़ता है।
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मोटापे से पीड़ित लोगों में ज्यादा रहता है स्पाइन से जुड़ी समस्याओं का जोखिम, डॉक्टर से जानें दोनों में संबंध


Obesity and Spine Problems: आजकल मोटापा सबसे बड़ी शारीर‍िक समस्‍या बनता जा रहा है। मोटापा और स्पाइन की समस्याएं अक्सर एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं। मोटापा, जिसे ज्‍यादा बॉडी मास इंडेक्स (BMI) के रूप में मापा जाता है, शरीर में एक्‍सट्रा फैट के जमा होने को दर्शाता है। यह स्थिति कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देती है, जिनमें से एक मुख्य समस्या है रीढ़ की हड्डी से संबंधित समस्याएं। आइए विस्तार से समझते हैं कि कैसे मोटापा और स्पाइन की समस्याएं एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।      

ज्‍यादा वजन से रीढ़ की हड्डी पर भार पड़ता है- Obesity Cause Extra Load on Spine

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मोटापे के कारण शरीर का वजन बढ़ जाता है, जिससे रीढ़ की हड्डी पर अतिरिक्त भार पड़ता है। हमारी रीढ़ की हड्डी (स्पाइन) का काम शरीर को सीधा रखने और गति में संतुलन बनाए रखने का होता है। जब वजन सामान्य से ज्‍यादा हो जाता है, तो रीढ़ की हड्डी को शरीर को सीधा रखने के लिए ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ती है। इससे समय के साथ रीढ़ की हड्डी की संरचना पर बुरा प्रभाव पड़ता है और कमर दर्द, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस और स्लिप डिस्क जैसी समस्याएं होने लगती हैं।

डिस्क पर मोटापे का नकारात्‍मक प्रभाव- Impact of Obesity on Discs

रीढ़ की हड्डी में स्थित डिस्क्स, जो हड्डियों के बीच कुशन का काम करती हैं, मोटापे के कारण ज्‍यादा दबाव में आ जाती हैं। इन डिस्क्स के दबने या खिसकने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, डिस्क डि‍जेनरेशन और हर्नियेटेड डिस्क जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।

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मोटापे से सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस हो सकता है- Obesity Cause Cervical Spondylitis 

मोटापे के कारण शरीर के ऊपरी हिस्से, खासकर गर्दन और कंधों पर अधिक भार पड़ता है। इससे सिरवाइकल स्पॉन्डिलाइटिस (गर्दन के आसपास की हड्डियों में सूजन) और सर्वाइकल पेन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस स्थिति में व्यक्ति को गर्दन में जकड़न, दर्द, सिर दर्द और चक्कर जैसी समस्याएं होती हैं।

मांसपेशियों और लिगामेंट्स पर मोटापे का प्रभाव- Impact of Obesity on Muscles and Ligaments

स्पाइन को सहारा देने वाली मांसपेशियों और लिगामेंट्स पर मोटापे का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अतिरिक्त वजन के कारण मांसपेशियों को ज्‍यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं। इसके परिणामस्वरूप, मांसपेशियों में खिंचाव, दर्द और सूजन की समस्याएं हो सकती हैं।

मोटापे से पीठ के निचले हिस्से में दर्द होता है- Obesity Cause Lower Back Pain

मोटापे से पीड़ित लोगों में लोअर बैक पेन (कमर के निचले हिस्से में दर्द) की समस्या आम है। ज्‍यादा वजन के कारण लोअर बैक पर दबाव बढ़ता है, जिससे लम्बर स्पॉन्डिलोसिस और साइट‍िका जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

मोटापे और स्‍पाइन की समस्याओं से बचने के उपाय- How to Prevent Obesity and Spine Problems 

  • मोटापे और स्पाइन से संबंध‍ित समस्याओं से बचने के लिए संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रण और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है। डॉक्टर की सलाह से योग, फिजियोथेरेपी और उचित व्यायाम किया जा सकता है।
  • रीढ़ की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाए रखने के लिए स्ट्रेचिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की प्रैक्‍ट‍िस करें। योग और बैक स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ रीढ़ की हड्डी को सहारा देने वाली मांसपेशियों को मजबूत बनाती हैं।
  • रोज कम से कम 30 मिनट तेज चलना, साइकिल चलाना या तैराकी जैसी एरोबिक गतिविधियों की प्रैक्‍ट‍िस करें, जो शरीर के वजन को कंट्रोल करने और रीढ़ पर दबाव को कम करने में मदद करेंगी।
  • अपने आहार में ऐसी चीजें शामिल करें जो पोषक तत्वों से भरपूर हों, लेकिन कैलोरी कम हो। फल, सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन और हेल्‍दी फैट्स का सेवन बढ़ाएं।
  • लंबे समय तक बैठने से बचें और सही मुद्रा में बैठें। पीठ को सपोर्ट देने वाला कुशन का इस्‍तेमाल करें, जिससे रीढ़ की हड्डी पर ज्‍यादा दबाव न पड़े।

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