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बारिश के मौसम में सेहत को फायदा नहीं नुकसान पहुंचाती है मछली, एक्सपर्ट से जानिए इसका कारण

Side Effects of Eating Fish in Monsoon: मानसून यानी की बारिश के मौसम में अक्सर मछली न खाने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दौरान मछली दूषित होकर बीमारियों का खतरा बढ़ाती है।
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बारिश के मौसम में सेहत को फायदा नहीं नुकसान पहुंचाती है मछली, एक्सपर्ट से जानिए इसका कारण


Side Effects of Eating Fish in Monsoon: भारत एक ऐसा देश है जहां विभिन्न ऋतुओं के अनुसार खानपान और जीवनशैली में बदलाव लाया जाता है। बारिश के मौसम में खासतौर पर जुलाई से सितंबर के बीच, जब पर्यावरण में कई प्रकार के बदलावों का समय होता है, तब शरीर को भी बदलाव की जरूरत होती है। बारिश के मौसम में पाचन तंत्रिका कमजोर हो जाती है। इसलिए बारिश में मौसम में कई प्रकार के फूड खाने (Sea food Side effect in monsoon) के लिए मना किया जाता है।

विशेषकर बारिश के मौसम में मछली और सीफूड खाने के लिए मना किया जाता है। मेरी मम्मी अक्सर कहती हैं कि बारिश के मौसम में मछली खाई जाए, तो ये सेहत को फायदे की बजाय नुकसान पहुंचाती है। आइए जानते हैं बारिश में मछली क्यों नुकसानदायक (Side Effects of Fish) होती है।

मानसून में मछली क्यों नहीं खाते- Why don't we eat fish during monsoon

आयुर्वेद के अनुसार बारिश के मौसम में पाचन शक्ति यानी 'जठराग्नि' कमजोर हो जाती है। इस दौरान शरीर का वात और कफ दोष बढ़ जाता है। ये मौसम पाचन क्रिया को भी धीमा कर देती है। मछली एक तामसिक और भारी भोजन है, जिसे पचाने में अधिक ऊर्जा लगती है। बारिश में मछली खाने से पाचन तंत्रिका पर बुरा प्रभाव पड़ता है और ये कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है।

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1. मछली खाने से बीमारी

इस मौसम में बारिश का पानी नदी, नाले और समुद्र में जाता है। इस दौरान खेत, नाले और दूषित पानी नदियों और मछली पालन वाली जगहों पर जाता है। ऐसे में पानी में केमिकल्स, कीटनाशक, प्लास्टिक और कचरा भी आ जाता है। इससे मछलियों का निवास स्थान प्रदूषित हो जाता है, जिससे वे बीमार हो सकती हैं। बीमारियों मछलियां खाने से शरीर में टॉक्सिन जाकर आपको भी बीमार बना सकते हैं।

2. फूड पॉइजनिंग का खतरा

मानसून में नमी और तापमान मछलियों के शरीर में पनपने वाले परजीवियों को जन्म देते हैं। इससे मछली के शरीर में बैक्टीरिया और संक्रामक का खतरा बढ़ जाता है। बारिश में संक्रमित मछली खाने से फूड पॉइजनिंग, उल्टी, दस्त की समस्या हो सकती है।

3. फूड एलर्जी

मानसून में लोगों को स्किन एलर्जी, फंगल इंफेक्शन और डर्मेटाइटिस जैसी बीमारियां अधिक होती हैं। Food and Agriculture Organization की रिसर्च बताती है कि मानसून में मछली खाने से शरीर में Histamine नामक केमिकल रिलीज होते हैं। इससे त्वचा पर एलर्जी, खुजली और रैशेज की समस्या होती है।

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4. स्किन एलर्जी

इस मौसम में कुछ लोगों को मछली खाने से स्किन रैश, खुजली या एलर्जी रिएक्शन हो सकता है। बारिश में अगर मछली को सही तरीके से पकाकर न खाया जाए तो ये स्किन एलर्जी का कारण बन सकती है।

5. टाइफॉइड और हेपेटाइटिस A

गंदे पानी में मौजूद बैक्टीरिया मछलियों को भी संक्रमित करती है। संक्रमित मछली खाने से टाइफॉइड, हेपेटाइटिस A और अमीबिक संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

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6. सांस की समस्या

जिन लोगों को अस्थमा या एलर्जी होती है, उनके लिए मानसून में मछली खाना खतरनाक हो सकता है। इसमें मौजूद प्रोटीन एलर्जन सांस की नली को प्रभावित कर सकता है। नेथनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा कि गई रिसर्च बताती है कि बारिश में अगर मछली खाई जाए तो ये अस्थमा के मरीजों की परेशानियों को बढ़ाती है।

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निष्कर्ष

बारिश का मौसम जितना सुंदर और ताजगी देने वाला होता है, उतना ही सेंसेटिव भी होता है। मछली स्वाद और सेहत के लिए यूं तो बहुत फायदेमंद होती है। लेकिन बारिश में मछली खाई जाए तो ये स्वास्थय को नुकसान पहुंचा सकती है। अगर आपको मछली बहुत पसंद हैं और बारिश में आप मछली खाना चाहते हैं, तो इस विषय पर पहले डॉक्टर से बात जरूर करें।

FAQ

  • मानसून में सी-फूड खाने के नुकसान

    मानसून में सी-फूड खाने से कई प्रकार की बीमारियों का खतरा होता है। मानसून में सी-फूड खाने से बैक्टीरियल इंफेक्शन, एलर्जी और पाचन समस्याएं हो सकती हैं। मानसून में तलाब, समुद्र और नदी का पानी दूषित हो जाता है। इस तरह के पानी में मछलियों में हानिकारक टॉक्सिन और बैक्टीरिया पनपते हैं। दूषित पानी की मछलियां और सी-फूड खाने से कई प्रकार की बीमारियों का खतरा रहता है।
  • मानसून में मछली खाने से कौन सी बीमारियां होती हैं

    नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन पर प्रकाशित एक रिसर्च बताती है कि मानसून में मछली खाने से त्वचा और शारीरिक बीमारियां होती हैं। मानसून में मछली खाने से पेट दर्द, उल्टी, दस्त, थ्रोट इंफेक्शन और स्किन एलर्जी जैसी बीमारियां होती हैं।
  • क्या मानसून में मछली में मर्करी (पारा) बढ़ जाता है?

    हां, मानसून में पानी में मर्करी सहित अन्य प्रदूषण बढ़ने की वजह से मछलियों में पारा जमा हो सकता है। मानसून में हाई मर्करी युक्त मछली खाने से कई प्रकार की बीमारियां होती हैं।

 

 

 

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