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आखिर बच्चों को मानसून में क्यों नहीं देना चाहिए स्ट्रीट फूड? एक्सपर्ट से जानें इसके 4 कारण

मानसून के दिनों में बच्चों को स्ट्रीट फूड खाने के लिए नहीं देना चाहिए। इससे बच्चे को पेट दर्द, पेट में संक्रमण और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इश्यू हो सकते हैं।
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आखिर बच्चों को मानसून में क्यों नहीं देना चाहिए स्ट्रीट फूड? एक्सपर्ट से जानें इसके 4 कारण

Side Effects Of Eating Street Food In Monsoon For Kids In Hindi: मानूसन का सीजन अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। इन दिनों कभी बहुत तेज बारिश हो रही है, तो कभी बहुत तेज धूप निकल रही है। बार-बार और अचानक मौसम में हो रहा बदलाव कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए बिल्कुल सही नहीं है। इन दिनों लोगों को अपनी डाइट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्वों को महत्व देना चाहिए। लेकिन, बारिश का मौसम है। इन दिनों लोग तला-भुना और स्ट्रीट फूड से खुद को दूर नहीं कर पाते हैं। वयस्क ही नहीं, बल्कि छोटे बच्चे भी स्ट्रीट फूड जैसे गोल-गप्पे, आलू टिक्की, चाऊमीन आदि का खूब सेवन करते हैं। भले ही इस तरह की चीजें खाने में बहुत मजा आता है। लेकिन, विशेषज्ञों की सलाह है कि इस मौसम में बच्चों को स्ट्रीट फूड (Street Food Khane Ke Nuksan) से दूर रखना चाहिए। सवाल है, ऐसा क्यों कहा जाता है? आइए, जानते हैं Divya Gandhi's Diet & Nutrition Clinic की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से।

आखिर बच्चों को मानसून में क्यों नहीं देना चाहिए स्ट्रीट फूड?- Why Should Kids Not Eat Street Food In Monsoon In Hindi

Why Should Kids Not Eat Street Food In Monsoon In Hindi

पेट के संक्रमण का जोखिम

मानूसन के दिनों में बच्चों को स्ट्रीट फूड नहीं खिलाना चाहिए, क्योंकि अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट में संक्रमण होने का खतरा रहता है। दरअसल, स्ट्रीट फूड्स में में बारिश की काफी बूंदें गिरती हैं, जिससे खाने की चीजें कंटामिनेटेड यानी दूषित हो जाती हैं। बारिश के गंदे पानी की वजह से खाने की चीजों में ई.कोली और सैल्मोनेला बैक्टीरिया पहुंच सकते हैं। अगर स्ट्रीट फूड के साथ इस तरह के बैक्टीरिया पेट में पहुंच जाए, तो इससे पेट का संक्रमण हो सकता है।

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वॉटरबोर्न डिजीज का जोखिम

Why Should Kids Not Eat Street Food In Monsoon In Hindi

मानसून के दिनां में वॉटरबोर्न डिजीज यानी पानी से होने वाली बीमारियों का जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसका मुख्य कारण दूषित पानी पीना और दूषित फूड खाना। आमतौर पर स्ट्रीट फूड्स की रेहड़ी ऐसी जगह लगी होती है, जहां आसपास नाला या कोई ड्रेनेज सिस्टम होता है। ऐसे में वहां की हवा भी दूषित हो जाती है और बारिश का पानी भी स्ट्रीट फूड से घुल जाता है। यही नहीं, स्ट्रीट फूड बेचने वाले अक्सर अपने यहां मौजूद बर्तनों को सही तरह से साफ नहीं करते हैं। ऐसे में पेट की बीमारिया का जोखि बढ़ जाता है। साथ ही, वॉटरबोर्न डिजीज का खतरा भी होने लगता है

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आधे-पके फूड आइटम्स

वैसे तो स्ट्रीट फूड्स ओवर कुक्ड होते हैं। वहीं कुछ फूड आइटम्स ऐसे भी होते हैं, जो पूरी तरह कुक नहीं होते हैं। मानसून के दिनों में आधा-पका खाना बच्चों की सेहत को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकते हैं। इससे पेट में बैक्टीरिया के पनपने का डर रहता है। ऐसे में बच्चे को पट में दर्द और पाचन संबंधी समस्या भी हो सकती है

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इश्यूज

मानसून के दिनों में अगर काफी ज्यादा मात्रा में बच्चे स्ट्रीट फूड का सेवन कर बैठते हैं, तो इससे उन्हें गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल इश्यूज भी हो सकते हैं। यही नहीं, अगर खाने की चीज काफी ज्यादा कंटामिनेटेड है यानी दूषित है, तो इसकी वजह से बच्चे को उल्टी, बुखार, पेट दर्द और मतली की समस्या भी हो सकती है। आपके बच्चे के साथ इस तरह की समस्या न हो, इसके लिए आवश्यक है कि मानसून के दिनों में आप अपने बच्चे को स्ट्रीट फूड से दूर रखें।

All Image Credit: Freepik

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