यदि कोई बीमारी जन्म लेती है, तो निश्चित तौर पर उसका तोड़ भी होता है। हां, ये बात अलग है कि उस बीमारी के इलाज का हल ढूढंने में थोड़ा वक्त जरूर जाया होता है। मलेरिया महामारी वैसे तो युगों से भारत में अपने पैर पसारे हुए है लेकिन चिकित्सकों ने इस महामारी से लड़ने के हल भी खोज निकाले है। मलेरिया से बचाव के लिए मलेरिया वैक्सीन को उपयोग में लाया जा रहा है। हालांकि मलेरिया वैक्सीन का असर जरूरी नहीं हमेशा सकारात्मक ही हो। कई बार मलेरिया वैक्सीन के अतिरिक्त प्रभाव भी पड़ते है। आइए जाने क्या हैं मलेरिया वैक्सीन के प्रभाव और लाभ।
मलेरिया वैक्सीन के लाभ
- जब से मलेरिया वैक्सीन का प्रयोग होना शुरू हुआ है तभी से इस पर कई शोध किए जा रहे है। मलेरिया वैक्सीन एक इंजेक्शन/टीका ही है जो कि मलेरिया के दुष्प्रभावों को कम करने में मदद करता है।
- शोधों के मुताबिक, वैक्सीन न सिर्फ सुरक्षा की दृष्टि से फायदेमंद है बल्कि यह मलेरिया बुखार की काट करने में काफी प्रभावशाली भूमिका भी निभाता है।
- मलेरिया से बचाव के लिए लगाया जाने वाले वैक्सीन का शोधों में परिणाम निकलें कि यदि बच्चों को शुरूआत में ही मलेरिया निरोधी वैक्सी न दे दिया जाए तो भविष्य में भी उनमें मलेरिया पनपने की कम उम्मीद होती है।
- हालांकि मलेरिया वैक्सीन संक्रमित बच्चों में पूरी तरह से मलेरिया संक्रमण को खत्मा नहीं करता लेकिन उसको आगे फैलने से रोकता है।
- मलेरिया वैक्सीन के अतिरिक्त प्रभावों को लेकर आज भी वाद-विवाद है लेकिन यदि बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मलेरिया वैक्सीन दिया जा रहा है तो डॉक्टर्स की सलाह अवश्या लेनी चाहिए।
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मलेरिया बुखार में बरतें ये सावधानियां
- यदि आप अपने आपको मलेरिया से मुक्ति करना चाह रहे हैं या फिर मलेरिया वैक्सीन के अतिरिक्त प्रभावों से आप बचना चाहते हैं तो आपको कुछ बातों का ध्यान अवश्यी रखना होगा।
- यदि आप मलेरिया वैक्सीन ले रहे हैं तो डॉक्टर्स की सलाह अवश्य लें।
- गर्भवती महिलाएं वैक्सीन लेने से पहले पुष्टि करा लें कि उन्हें या उनके बच्चे को मलेरिया वैक्सीन लेने से भविष्यन में तो कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।
- गर्भवती महिलाओं को डॉक्टसे यह भी जानकारी ले लेनी चाहिए कि मलेरिया वैक्सीन लेने से उन्हें किन-किन परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
- बच्चों को वैक्सीन दिलवाते समय यह पुष्टि कर लें कि इस इंजेक्शन से बच्चों के विकास में तो किसी तरह की बाधा नहीं आएगी या बच्चों में किसी और तरह का विकार तो उत्पन्न नहीं हो जाएगा। खासकर किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त बच्चे।
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- यह भी जानकारी ले लेनी चाहिए कि वैक्सीन लेने के बाद दवाईयों की आवश्यकता है या नहीं या फिर बच्चे को कितने समय के अंतराल के बाद टीका लगवाएं।
- नवजात शिशु के जन्म के बाद कब और कितनी बार शिशु को टीका लगवाएं ये भी पुष्टि कर लें।
- बच्चे, गर्भवती महिलाएं और 65 साल या उससे अधिक उम्र के लोग, एड्स मरीज से जान लें कि वैक्सीन शरीर के किस हिससे में लगवाना सुरक्षा की दृष्टि से सही रहेगा।
- इन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान में रखकर आप भी मलेरिया संक्रमण से जूझने के लिए तैयार हो सकते हैं।
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