
मौसम बदल रहा है और अब दिन ढलते ही मच्छर आपके कान के पास आकर 'मधूर' संगीत सुनाते हैं। ये मच्छर अपने साथ तमाम तरह की बीमारियां लेकर आते हैं। मलेरिया उनमें से एक है। एक छोटे के मच्छर के काटने से होने वाली यह बीमारी दुनिया भर में लाखों लोगों की जान ले लेती है। वैज्ञानिक तमाम कोशिशों के बाद भी इस बीमारी पर काबू नहीं पा सके हैं। इस बीमारी को फैलाने वाले जीवाणु एनोफिलिस मच्छर में पाये जाते हैं। एक प्रकार से देखा जाए तो मच्छर इन जीवाणुाओं के संवाहक के रूप में काम करता है।
मलेरिया का इलाज करवाने से बेहतर यही है कि इस बीमारी को होने से रोका जाए क्योंकि बीमारी होने के बाद मरीज की हालत काफी तेजी से खराब होती है। ठीक होने के बाद भी मरीज को कमजोरी का अहसास होता रहता है।
मलेरिया मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर अलग-अलग रूपों में शरीर पर आक्रमण कर मलेरिया बुखार फैलाते है। आमतौर पर मलेरिया बारिश के दौरान अधिक फैलता है क्योंकि बारिश के समय जगह-जगह पानी इकट्ठा होने से इन मच्छरों को पनपने का जरिया मिल जाता है। आइए जानें मलेरिया फैलने के कारण और क्या-क्या है।
सुबह शाम काटते हैं मच्छर
मलेरिया एनोफिलिस मादा मच्छर के काटने से होता है। ये मच्छर प्लाज्मोडियम नामक जीवाणु को शरीर में पहुँचाते है। आमतौर पर ये मच्छर सुबह और शाम के वक्त ही काटते है। दिन के वक्त ये मच्छर निष्क्रिय हो जाते हैं।
रुके हुए पानी में पनपते हैं
इन मच्छरों के पैदा होने का कारण जगह-जगह गड्ढ़ो में, कूड़े-करकट और खराब पड़े टायरों, बर्तनों कूलर आदि में पानी इकट़्ठा होना है। इसलिए जरूरी है कि अपने आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर को यदि साफ कर पाना संभव न हो हर सप्ताह या सप्ताह में दो बार उसमें एक बड़ा चम्मच मिट्टी का तेल या पेट्रोल डाल दें।
इसे भी पढें: बुखार, सिरदर्द के साथ ठंड लगना मलेरिया होने के हैं संकेत, गर्भवती महिलाएं रहें सतर्क
बारिश का मौसम होता है अनुकूल
लगातार बारिश भी एनोफिलिस मच्छरों के प्रजनन का कारण बनती है। दरअसल, बारिश के दौरान जगह-जगह पानी इकट्ठा हो जाता है जिससे इन मच्छरों के पनपने की आशंकायें भी लगातार बनी रहती हैं। बारिश के मौसम की नमी इन्हें पनपने और बढ़ने में मदद करती है।
यहां भी होते हैं मच्छर
गंदगी, भींड़भाड, गंदे नाले, अंधेरी जगहों में भी एनोफिलिस मच्छर के प्रजनन की क्षमता बढ़ जाती है जिससे ये मच्छर लगातार भारी माञा में पैदा होते हैं और मलेरिया फैलाते है। इसलिए जहां तक हो सके ऐसे इलाकों से दूर रहें।
इसे भी पढें: कैसे पहचानें कि आपका बुखार डेंगू है या चिकनगुनिया? जानें लक्षण
मौसम के बदलाव का असर
लगातार मौसम के उतार-चढ़ाव से भी मलेरिया फैलने का खतरा बना रहता है। मौसम का यह बदलाव भी इन मच्छरों के लिए माकूल परिस्थितियां बनाता है। ऐसे में जरूरी है कि आप बदलते मौसम में अपनी सेहत का अधिक खयाल रखें पूरी बाजू के कपड़े पहनें।
सामान्यतः मलेरिया का मुख्य कारण मच्छर ही है जो कि मौसम के बदलाव, पर्यावरण, आसपास के माहौल आदि के चलते पनपता है। ऐसे में मच्छरों के पनपने के कारणों को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए।
Read More Article on Other Diseases in Hindi