मलेरिया (Maleria Fever), प्लास्मोडियम परजीवी (Plasmodium parasites) के कारण होने वाला एक जानलेवा रोग है, जो आमतौर पर मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने के कारण फैलता है। यदि यह किसी व्यक्ति को काटता है तो इसके परजीवी लिवर में जाकर एक के बाद एक परजीवी पैदा होने लगते हैं और यह तेजी से फैलने लगते हैं, जिसके कारण आपका पूरा सिस्टम संक्रमित होने लगता है। पी फाल्सीपेरम और पी विवैक्स को सबसे घातक मलेरिया प्रजाति माना जाता है। आपको बता दें कि, मलेरिया पिछले 1,00,000 वर्षों से अस्तित्व में है और बीमारी को नियंत्रित करने में विज्ञान और चिकित्सा द्वारा की गई प्रगति के बावजूद, यह मानव जाति के सबसे बड़े हत्यारों में से एक है।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, "एक अध्ययन में पाया गया है कि भारत में पिछले साल मलेरिया के कारण 274,000 मौतें हुईं। हालांकि, एक जानलेवा बीमारी होने के बावजूद, मलेरिया को ठीक किया जा सकता है और उचित उपायों और त्वरित कार्रवाई कर इसे रोका जा सकता है"
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) के अनुसार, वर्ष 2006 में अकेले दक्षिण एशियाई क्षेत्र में मलेरिया के कारण भारत में 89 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हुई और देश की आधी से अधिक आबादी इस बीमारी की चपेट में आ गई। संगठन का यह भी कहना है कि 2014 के बाद से डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के यलो फीवर और ज़ीका के प्रमुख प्रकोपों ने कई देशों की भारी आबादी प्रभावित है। एक विशेषज्ञ की मानें तो, ग्यारह साल बाद, भारत में मलेरिया के मामलों में 24 प्रतिशत की कमी के साथ प्रगति का संकेत दिया है, जिसके कारण वह इस बीमारी से निपटने में शीर्ष देशों की सूची में खुद को शामिल करने में सफल रहा है।
मलेरिया के लक्षण- Malaria Symptoms in Hindi
किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचने के लिए लोगों को मलेरिया के लक्षणों की पहचान करना महत्वपूर्ण है। मलेरिया के लक्षण फ्लू के समान होते हैं, और इस प्रकार, कई मामलों में, अनिर्धारित या गलत निदान किया जाता है। नतीजतन, बुखार और ठंड लगना मलेरिया के सबसे प्रमुख लक्षणों में से एक हैं, जो अल्पावधि में नुकसान का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा गंभीर सिरदर्द, मतली और उल्टी शामिल हैं। मलेरिया में बुखार हर 24-48 घंटों में एक बार आ सकता है। सांस की तकलीफ, चेतना में कमी, शरीर में ऐंठन इस बीमारी के अन्य लक्षण हैं। कुछ लक्षण अवांछित होते हैं जैसे असामान्य रक्तस्राव, श्वसन विफलता, कोमा, पीलिया और यहां तक कि महत्वपूर्ण अंगों की विफलता भी हो सकती है।
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मलेरिया का निदान और इलाज- Malaria Diagnosis and Treatment in Hindi
डब्ल्यूएचओ कहता है कि सभी संदिग्ध मलेरिया के मामलों को परजीवी-आधारित क्लिनिकल टेस्टिंग के माध्यम से मान्य किया जाना चाहिए, क्योंकि इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए केवल 30 मिनट की आवश्यकता होती है। केवल जब परीक्षण अनुपलब्ध है, तो किसी को लक्षणों का अवलोकन करके निदान करना चाहिए। संगठन के अनुसार, फाल्सीपेरम मलेरिया के इलाज के लिए आर्टीमिसिनिन-बेस्ड कॉम्बिनेशन थेरेपी (Artemisinin-based Combination Therapy) और विवैक्स मलेरिया के लिए क्लोरोक्विन-बेस्डे थेरेपी (Chloroquine-based therapy) का उपयोग करने का भी सुझाव देता है।
मलेरिया का संचरण- Malaria Transmission In Hindi
मलेरिया के ट्रांसमिशन यानी संचरण की तीव्रता परजीवी के प्रकार, वेक्टर प्रजातियों, शरीर की स्थिति और आसपास के वातावरण सहित कई कारकों पर निर्भर करती है। यदि परजीवी पी फाल्सीपेरम या पी विवैक्स किस्म का है तो यह तीव्रता हमेशा अधिक होगी। एक संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से बहुत सारे मामले सामने आते हैं जो खून चूसने के लिए हमेशा तैयार रहती हैं और इनका प्रवास ठहरे हुए पानी में होता है यहीं पर वो अंडे भी देती हैं। अगर जलभराव अधिक समय तक रहेगा तो वह अंडे मच्छर बन जाएंगे और इससे मलेरिया के फैलने की संभावना बढ़ जाती है।
मलेरिया का ट्रांसमिशन जलवायु परिस्थितियों जैसे वर्षा पैटर्न, तापमान में उतार-चढ़ाव, और आर्द्रता पर निर्भर करता है। गर्भवती महिलाओं में इस बीमारी के होने का खतरा अधिक होता है, और अगर तुरंत इलाज न किया जाए तो यह बच्चे में भी फैल सकता है। कैसा हो मलेरिया में खान-पान
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मलेरिया से बचाव- Malaria Prevention in Hindi
मच्छर के काटने से मलेरिया का होना सबसे आम कारण है, इस पर अंकुश लगाने और संचरण को कम करने का सबसे प्रभावी तरीका वेक्टर नियंत्रण है, जो एक कीटनाशक उपचारित नेट का उपयोग करके, और इन परजीवियों को खुद से दूर रखकर इनसे बचा जा सकता है। कीटनाशकों के अलावा आप जल जमाव को रोककर भी इससे बच सकते हैं साथ शुद्ध और साफ सुथरा वातावरण मलेरिया की रोकथाम में मदद कर सकता है। अपने आसपास मच्छरों को पनपने से रोकें और उनसे खुद को बचाएं।
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