अस्थमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति का सांस लेना तक दूभर हो जाता है। इंसान चाह कर भी सांस नहीं ले पाता है। वर्तमान समय में प्रदूषण, दूषित खानपान, बिगड़ता लाइफस्टाइल, खान-पान में मिलावट व शुद्धता में कमी के चलते अस्थमा का कहर दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। लेकिन जिन लोगों को अस्थमा है अगर वह इस आयुर्वेदिक उपाय का नियमित रूप से सेवन करेंगे तो इस बीमारी को हरा सकते है। आज हम अस्थमा के रोगियों के लिए एक ऐसा आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं जिसे अपनाकर आप सांस की इस बीमारी को आसानी से मात दे सकते है।
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अस्थमा के लिए कलौंजी
जी हां भारतीय रसोई का अहम मसाला यानि कलौंजी अस्थमा का आयुर्वेदिक इलाज है। कलौंजी प्रयोग विभिन्न व्यंजनों जैसे दालों, सब्जियों, नान, ब्रेड, केक और आचार आदि में किया जाता है। व्यंजनों की विस्तृत विविधता में कलौंजी की खुशबू और स्वाद का आनंद लिया जा सकता है। अपनी खुशबू के अलावा कलौंजी रोगों के इलाज में भी उपयोगी मानी जाती है। आयुर्वेद में भी इसके उपयोग का विवरण मिलता है।
अस्थमा की रोकथाम के लिए कई दवायें मौजूद हैं। हालांकि इन दवाओं के कई साइड इफेक्ट भी होते हैं। अगर आप प्रभावी रूप से प्राकृतिक रूप से विभिन्न अस्थमा की समस्याओं से राहत पाना चाहते हैं तो कलौंजी जैसे अद्वितीय विकल्प को चुना जा सकता है। कलौंजी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और हेल्दी फैट जैसे पोषक तत्व होते है। साथ ही इसमें आवश्यक वसीय अम्ल जैसे ओमेगा-6 (लिनोलिक अम्ल), ओमेगा-3 (एल्फा- लिनोलेनिक अम्ल) और ओमेगा-9 (मूफा) भी होते हैं। इसके अलावा निजेलोन में एंटी-हिस्टेमीन गुण सांस नली की मसल्स को ढीला कर इम्यूनिटी को मजबूत कर खांसी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस आदि को ठीक करती है। कलौंजी में एंटी-आक्सीडेंट भी मौजूद होता है जो कैंसर जैसी बीमारी से बचाता है।
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क्या कहते हैं शोध
हाल ही में हुए एक शोध के अनुसार, कलौंजी में मौजूद आवश्यक घटक, थाइमोक्विनोन में अस्थमा के लक्षणों पर काबू पाने की शक्ति होती है। शोधकताओं ने पाया कि यह कलौंजी के बीज में अस्थमा रोगियों के फेफड़ों को अंदर से मजबूत बनाकर सूजन के खिलाफ लड़ने में मदद करता है और इस तरह की समस्याओं के खिलाफ राहत प्रदान करता है। कलौंजी में थाइमोक्विनोन और निजेलोन नामक तत्व सूजन कम करने और दर्द निवारण की तरह काम करते हैं। अस्थमा के अलावा, कलौंजी अन्य संबंधित समस्याओं जैसे साइनसाइटिस, स्ट्रेस ब्रीथिंग और छाती पर दबाव आदि के इलाज में भी प्रभावी होती है।
कलौंजी के उपयोग के उपाय
- कलौंजी को इस्तेमाल करने के लिए आप इसके बीज को कुचलकर पानी या दूध के साथ मिक्स करके इस्तेमाल करें।
- आप अस्थमा के लक्षणों से राहत पाने के लिए शहद के साथ भी कलौंजी के बीज के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- इसके अलावा, आप कलौंजी के बीज को दाल, सब्जियों और इसके स्वास्थ्य लाभ उठाने के लिए आप इसका इस्तेमाल चपाती पर भी कर सकते हैं।
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