यदि आपको पुराना दमा है तो आपको अपने डॉक्टर के साथ लिखित दमा प्रबंधन योजना पर काम करना चाहिए । यह योजना दमा के ट्रिगर से बचाव करेगी कि कब और कैसे नियमित रूप से दवाइंया लेनी चाहिए, दमा के तीव्र हमलों से कैसे निपटा जाये और चोटी-प्रवाह-रीडिंग का कैसे इस्तमाल किया जाये । यह भी महत्वपूर्ण है कि दमा निर्धारित दवाइयों को जैसे बताई गई है लक्षण न होने पर भी लेते रहें ।
दमा के इलाज के लिए कई प्रकार कि दवा उपलब्ध है कुछ गम्भीर हमलों के लिए हैं और कुछ दौरे न पड़ें उसकी रोकथाम के लिए हैं
• ब्रांकोडायलेटर
ब्रांकोडायलेटर वायु-मार्ग के आसपास कि मांस-पेशियों को आराम देता है, हवा के प्रभाव में सुधार लाता है ,आमतौर पर इसे सांस के द्वारा लिया जाता है । ब्रोंकोडायलेटर का एक प्रकार बेटा -अगोनिस्ट कहलाता है यह हलके और कभी कभी आने वाले लक्षणों में बचाव दवा के रूप में दौरे को रोकता है। यह श्वसन यंत्र के द्वारा साँस में जा सकता है या नेबूलाइजर के साथ लिया जा सकता है। यह अलग अलग नामों और ब्रांडो के नाम से बेचा जाता है और दमा को नियंत्रण के लिए इसका इस्तमाल किया जाता है। यह दमा के हमले में लाभदायक नहीं है क्योंकि ये काम शुरू करने में लंब समय लेते हैं सलमीटररोल केवल एक साँस कोर्टीकोस्टरओइड या अन्य विरोधी भड़काउ दवा के साथ संयोजन में उपयोग किया जाना चाहिए।
• विरोधी भड़काऊ दवाएं
विरोधी भड़काऊ दवा दमा के दौरे को रोकने के लिए नियमित तौर पर ली जाती हैं ये दवाएं सूजन को कम करती हैं और बलगम का बनना कम होता है तथा वायु-मार्ग कि मांस-पेशियों कि जकडन कम होती है। वे लोग जिनको सप्ताह में दो बार दमा का हमला होने के लक्षण होते हैं उन्हें यह विरोधी भड़काऊ दवा लेनी चाहिए पहली पसंद कोर्टीकोसटर होना चाहिए जो हलके या गम्भीर हमलों को रोक सके क्रोमोलीन सोडइंम और नेडोक्रोमिल भी साँस से ले सकते हैं यह दमा ट्रिगर होने से पहले भी इस्तमाल कर सकते हैं जैसे जानवरों सम्पर्क होने से पहले या व्यायाम से पहले । लेकोट्रीईन संशोधक मौखिक दवाएं भी सूजन को कम करने में मदद कर रही हैं । लिउकोटीइन को यह दवाएं बंद करती हैं जो बहुत सारे केमिकल में से एक है जो सूजन और वायु-मार्ग को संकरा करने का कारण है ।
डॉक्टर मौखिक कोर्टीकोस्टेरायड दवा भी देते हैं जैसे प्रेडीनिसोन, दमा के भड़कने पर कोर्टीकोस्टेरायड एक या दो सप्ताह तक आहार के साथ लिया जाता है । साँस के साथ कोर्टीकोस्टेरायड के साथ दूसरी दवा भी ली जा सकती है । लोगों को आवश्यकता है एक आपातकालीन देखरेख विभाग की जिसमे कोर्टिकोस्टेरायड आसानी से प्राप्त किया जा सके ।
ओमालीजम्ब (क्सोलैर )सूजन को रोकती है। एंटीबाडी एलर्जी प्रतिक्रियाओं में प्रमुख भूमिका निभाता है और यह गम्भीर एलर्जी वाले लोगों के लक्षणों को काबू करने मदद करती है, जिनपर किसी और थेरेपी का असर नहीं होता और उन्हें लगातार मौखिक कार्टीकोस्टेरायड की आवश्यकता होती है । यह दवा सुई के द्वारा 4 हफ्तों में एक बार त्वचा में दी जाती है । ओमालिजम्ब की प्रतिक्रिया जीवन के लिये खतरा हो सकती है जिसे अनाफाईलैक्सिस कहते हैं इसलिए सुई डॉक्टर के कार्यालय में ही दी जानी चाहिए।
कुछ दमा के रोगियों को इमयूनो थेरेपी से लाभ होता है । जिसमें व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली को असंवेदनशील बनाने के लिए एलर्जी की बढ़ती मात्रा को घना किया जाता है। यह एक उदारवादी लक्षण है और यह काफी प्रभावी है । यह उन लक्षणों को हल्का करती है जो अंदर की एलर्जी की संवेदनशीलता जैसे धूल के कण, मोल्ड और जानवरों से होते हैं ।
यदि अवस्था गम्भीर है तो दमा का इलाज अस्पताल में होना चाहिए, जहाँ ऑक्सीजन प्रशासित किया जा सकता है और दवा नाड़ीसे के द्वारा या नेबुलाइज़र के साथ दी जा सकती है।
जीवन के खतरों के मामले में रोगी को साँस पाइप की जरूरत पड़ती है, जो उसके वायु-मार्ग के बड़े हिस्से में रखी जाती है और एक गहन केयर यूनिट में कृत्रिम वेंटीलेशन पर रखा जाता है ।
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