पब्लिक प्लेस पर शर्म या डर से टॉयलेट यूज न करना एक तरह की बीमारी है जिसे हम शाई ब्लैडर सिंड्रोम या पैरुरिसिस के नाम से जानते हैं। शॉर्ट में कहें तो सोशल एंग्जाइटी के कारण व्यक्ति टॉयलेट जाने से कतराता है खासकर तब जब वहां लोग मौजूद हों। इस स्थिति में व्यक्ति पेशाब को रोककर रखते हैं और कई तरह के इंफेक्शन का शिकार हो जाते हैं। महिलाओं में इस बीमारी के कारण यूट्रस इंफेक्शन या यूटीआई की समस्या हो सकती है। इस लेख में हम इस बीमारी के कारण, लक्षण और इलाज पर बात करेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
पैरुरिसिस या शाई ब्लैडर सिंड्रोम क्या है? (What is shy bladder syndrome)
पैरुरिसिस या शाई ब्लैडर सिंड्रोम एक तरह की सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर है। अगर आपको लोगों के आसपास होने के कारण टॉयलेट में जाकर पेशाब करने में घबराहट या हिचकिचाहट महसूस हो रही है तो ऐसा हो सकता है आप भी इस बीमारी के मरीज हों। ये हिचकिचाहट धीरे-धीरे दिमाग के हिस्से में बस जाती है जिससे व्यक्ति को आगे चलकर समस्या होती है।
पैरुरिसिस या शाई ब्लैडर सिंड्रोम के लक्षण (Symptoms of shy bladder syndrome or paruresis)
जिन लोगों को पैरुरिसिस या शाई ब्लैडर सिंड्रोम होती है उनमें ये निम्न लक्षण नजर आते हैं-
- अगर टॉयलेट यूज करते समय ज्यादा प्राइवेसी की जरूरत होती है।
- पब्लिक टॉयलेट यूज करने से बचना।
- शौचालयों को यूज करने में असहज महसूस करना।
- पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने के बारे में सोचते ही चिंता होना।
- बाहर कुछ भी खाने या पीने से बचना ताकि टॉयलेट न जाना पड़े।
शाई ब्लैडर सिंड्रोम के कारण (Causes of shy bladder syndrome)
- अगर आप टॉयलेट यूज करने के तरीके में किसी तरह की प्रताड़ना का शिकार हुए हैं तो आपमें ऐसे लक्षण नजर आ सकते हैं।
- बात-बात पर लोग आपको शर्मिंदा करते हैं तो भी आपको शाई ब्लैडर सिंड्रोम की समस्या हो सकती है।
- कई लोगों को जेनिटिक कारणों से भी इस तरह की समस्या होती है।
- अगर आपको डिप्रेशन की समस्या है तो भी आप पैरुरिसिस या शाई ब्लैडर सिंड्रोम का शिकार हो सकते हैं।
शाई ब्लैडर के नुकसान (Side effects of shy bladder syndrome)
शाई ब्लैडर के कारण आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं जैसे-
- शाई ब्लैडर की समस्या होने पर किडनी में स्टोन बनने की समस्या हो सकती है।
- शाई ब्लैडर सिंड्रोम के शिकार हैं तो ब्लैडर में तेज दर्द हो सकता है।
- शाई ब्लैडर सिंड्रोम के शिकार व्यक्ति को यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन की समस्या हो सकती है।
- अगर आप ज्यादा समय तक पेशाब को रोककर रखेंगे तो पेशाब लीक होने की समस्या हो सकती है।
- पेशाब के दौरान तनाव महसूस होना भी इस आदत का लक्षण है कि आप ज्यादा देर के लिए पेशाब को रोककर रखते हैं।
- पूरी तरह से ब्लैडर खाली न कर पाने की स्थिति भी इसी बीमारी की देन हो सकती है।
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पैरुरिसिस से निकलने के लिए लें थैरेपी
इस बीमारी से बाहर आने के लिए डॉक्टर थैरेपीज लेने की सलाह देते हैं जिनके बारे में हम आगे जानेंगे-
- इस बीमारी से बाहर आने के लिए रिलेक्सेशन तकनीक अपनाई जाती है जिसमें चिंता को कम करने के गुर सिखाए जाते हैं।
- ग्रेजुएटेड एक्सपोजर थैरेपी के जरिए भी इस बीमारी का इलाज किया जाता है।
- बिहेवियर थैरेपी की मदद से भी इस बीमारी का इलाज किया जाता है।
आपको बता दें कि लंबे समय तक पेशाब रोककर रखना अच्छी आदत नहीं है, वैसे तो पब्लिक टॉयलेट कम से कम यूज करना चाहिए पर पेशाब रोककर रखने से बेहतर है आप टॉयलेट यूज करें क्योंकि यूरिन स्टोर करने से बॉडी के अंदर इंफेक्शन हो सकता है।
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