What is Marfan Syndrome: मार्फन सिंड्रोम एक दुर्लभ आनुवंशिक बीमारी है, जो शरीर के कनेक्टिव टिशूज को प्रभावित करती है। कनेक्टिव टिशूज शरीर के कई अंगों को सहारा और मजबूती देते हैं। जब इन टिशूज में समस्या होती है, तो इसका असर शरीर के कई खास हिस्सों, जैसे हड्डियों, आंख, हार्ट और ब्लड वैसल्स पर पड़ता है। यह बीमारी मुख्य रूप से फाइब्रिलिन-1 नामक प्रोटीन में गड़बड़ी के कारण होती है, जो इन टिशूज को लचीलापन और मजबूती देने का काम करता है। मार्फन सिंड्रोम की पहचान अक्सर बचपन या किशोरावस्था में होती है, लेकिन कभी-कभी इसके लक्षण देर से भी सामने आ सकते हैं। अगर इस बीमारी का समय पर इलाज न किया जाए, तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इस लेख में हम जानेंगे मार्फन सिंड्रोम के लक्षण, कारण और इलाज। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
मार्फन सिंड्रोम के लक्षण- Marfan Syndrome Symptoms
इस बीमारी के लक्षण हर व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं-
- रोगी की हड्डियां असामान्य रूप से लंबी और पतली हो सकती हैं।
- कंधे और छाती का आकार असामान्य हो सकता है।
- दृष्टि में धुंधलापन, लेंस का अपनी जगह से खिसक जाना या ग्लूकोमा जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- यह बीमारी हार्ट की वाल्वों को कमजोर बना सकती है और ब्लड वैसल्स में सूजन या फटने का जोखिम बढ़ा सकती है।
- त्वचा खिंचाव वाली और कमजोर हो सकती है, जिससे आसानी से खरोंच या चोट लग सकती है।
- सांस लेने में समस्या, रीढ़ की हड्डी में टेढ़ापन और मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं।
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मार्फन सिंड्रोम के कारण- Marfan Syndrome Causes
यह सिंड्रोम फाइब्रिलिन-1 (FBN1) नामक जीन में म्यूटेशन (गड़बड़ी) के कारण होता है। यह जीन एक खास प्रकार के प्रोटीन के निर्माण के लिए जिम्मेदार होता है, जो टिशूज को मजबूत और लचीला बनाता है। यह समस्या वंशानुगत होती है, यानी यह समस्या माता-पिता से बच्चे में आ जाती है।
मार्फन सिंड्रोम का इलाज- Marfan Syndrome Treatment
मार्फन सिंड्रोम का अभी तक कोई पक्का इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है-
- इस बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर लक्षणों का गहराई से परीक्षण करते हैं।
- इसमें पारिवारिक इतिहास, शारीरिक जांच, आंखों की जांच और हार्ट व ब्लड वैसल्स का टेस्ट किया जाता है।
- कुछ मामलों में जेनेटिक टेस्ट भी किया जा सकता है।
- हाई बीपी कंट्रोल करने के लिए और हार्ट की वाल्व की सेफ्टी के लिए दवाएं दी जाती हैं।
- गंभीर मामलों में हार्ट के वाल्व को रिपेयर करने के लिए सर्जरी की जाती है।
- मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए फिजिकल थेरेपी की भी मदद ली जाती है।
जीवनशैली में बदलाव करें
- मार्फन सिंड्रोम से प्रभावित व्यक्ति को जीवनशैली में सुधार करने की सलाह दी जाती है।
- इसमें हल्की एक्सरसाइज, संतुलित आहार और स्ट्रेस को कम करने वाले उपाय शामिल हैं।
- ज्यादा शारीरिक श्रम करने से बचना चाहिए, खासकर ऐसा जो हार्ट पर जोर डालता हो।
मार्फन सिंड्रोम एक गंभीर बीमारी है। समय पर इलाज मिलने से व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।
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image credit: almostadoctor.co.uk