Cogan's Syndrome Early Symptoms: शरीर के सभी दूसरे अंगों की तरह ही कान और आंख भी बेहद महत्वपूर्ण अंग हैं। शरीर के इन अंगों का सही ध्यान न रखने से कई गंभीर परेशानियों का खतरा रहता है। आंख और कान भी एक गंभीर ऑटोइम्यून डिजीज का शिकार हो सकते हैं, इसे कोगन सिंड्रोम (Cogan's Syndrome in Hindi) कहते हैं। कोगन सिंड्रोम के शुरुआती लक्षणों को पहचानकर सही समय पर डॉक्टर की सलाह लेने से आप गंभीर रूप से इसका शिकार होने से बच सकते हैं। कान और आंख में सूजन कोगन सिंड्रोम का पहला लक्षण होता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कोगन सिंड्रोम के बारे में।
कोगन सिंड्रोम क्या है?- What is Cogan's Syndrome in Hindi
बाबू ईश्वर शरण हॉस्पिटल के सीनियर फिजीशियन डॉ समीर कहते हैं, "कोगन सिंड्रोम ऑटोइम्यून विकार है, जो आंखों और रक्तवाहिकाओं में सजून की वजह बनता है। इस डिसऑर्डर में शरीर की स्वस्थ कोशिकाएं शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाने लगती है। इसकी वजह से व्यक्ति को दिखाई और सुनाई देने में समस्या आ सकती है।" हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली शरीर की कोशिकाओं को हेल्दी रखने के लिए काम करती हैं।
इसे भी पढ़ें: ऑटोइम्यून डिजीज क्यों होती हैं? डॉक्टर से जानें कारण और इलाज
कोगन सिंड्रोम में प्रतिरक्षा प्रणाली हेल्दी टिश्यू और हानिकारक एंटीजन के बीच अंतर नहीं कर पाता है तो यह शरीर के हेल्दी टिश्यू को भी नुकसान पहुंचाना शुरू कर देता है। इसमें आंखों और कान के स्वस्थ टिश्यू को नुकसान पहुंचता है। विशेष रूप से कॉर्निया को प्रभावित करता है। कार्निया आंखों की बाहरी परत है जो आंख की पुतली को कवर करती है। इसमें कॉर्नियल सूजन के साथ ही आंखे लाल हो जाती हैं। साथ ही, यह स्थिति दर्द का कारण बन सकती है।
इसे भी पढ़ें: जानें कितने प्रकार की होती हैं ऑटोइम्यून बीमारियां और क्या हैं इनके लक्षण
कोगन सिंड्रोम के शुरुआती लक्षण- Cogan's Syndrome Early Symptoms in Hindi
कोगन सिंड्रोम के कुछ प्रमुख शुरुआती लक्षण इस तरह से हैं-
- आंखों में दर्द और सूजन
- कम या धुंधला दिखाई देना
- तेज रोशनी में भी कम दिखाई देना
- आंखों का लाल होना
- कान में घंटी सुनाई देना
- कानों में सूजन
- कानों में लिक्विड बनना
- कानों में अजीब सा दबाव महसूस होना
- रक्त वाहिकाओं में सूजन
- हार्ट में हल्का दर्द
ऑटोइम्यून बीमारियों का सटीक कारण फिलहाल अभी ज्ञात नहीं हैं। इसके लिए कई कारण और जोखिम कारक जिम्मेदार हो सकते हैं। इसके लिए आमतौर पर व्यक्ति के जीन को एक प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है। इसके अलावा कुछ वायरस, बैक्टीरिया या माइक्रोन्यूट्रिएंट्स भी हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है। इस बीमारी के लक्षण दिखने पर सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
(Image Courtesy: Freepik.com)