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बच्चों की ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है हंटर सिंड्रोम, जानें इसके लक्षण और कारण

बच्चों यदि चीजों को देरी से सीखता है और उसकी ग्रोथ भी धीमी है तो यह हंटर सिंड्रोम का संकेत हो सकता है। आगे जानते हैं इस रोग के बारे में
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बच्चों की ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है हंटर सिंड्रोम, जानें इसके लक्षण और कारण


बच्चों को कई तरह अनुवांशिक रोग होने का खतरा होता है। कुछ अनुवांशिक रोग बच्चों को जन्म से ही प्रभावित करते हैं, जबकि कुछ उनके शरीर में बाद में उभरते हैं। हंटर सिंड्रोम इसी तरह का एक रेयर जेनेटिक डिसऑर्डर है। इसे म्यूकोपॉलीसेकेराइडोसिस टाइप II (MPS II) के नाम से भी जाना जाता है। इस रोग में मुख्यतः पुरुषों को प्रभावित करती है और इसका कारण शरीर में एंजाइम की कमी है, जो म्यूकोपॉलीसेकेराइड्स (जटिल शर्करा) को तोड़ने का काम करता है। एंजाइम की कमी के कारण ये शर्करा शरीर के विभिन्न अंगों और टिश्यू में जमा होने लगती है, जिससे शरीर के कई अंगों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। साथ ही, इससे बच्चे की मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा उत्पन्न हो सकती है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के पीडियेट्रिक्स डॉक्टर दीपिका रुस्तगी से जानते हैं कि हंटर सिंड्रोम क्या होता है और इसके लक्षण और कारण क्या हो सकते हैं। 

हंटर सिंड्रोम के कारण - Causes of Hunter Syndrome In Hindi 

हंटर सिंड्रोम एक आनुवंशिक विकार है जो X-कोमोसोम्स (X-chromosome) में मौजूद एक डिफेक्ट जीन के कारण होता है। यह बीमारी हर्पेरनेज एंजाइम (iduronate-2-sulfatase) की कमी के कारण होती है, जो म्यूकोपॉलीसेकेराइड्स को तोड़ने और उन्हें शरीर से बाहर निकालने के लिए आवश्यक होता है। क्योंकि इस बीमारी का मुख्य कारक X-कोमोसोम्स है, तो यह पुरुषों में अधिक पाई जाती है। महिलाओं में X-कोमोसोम्स के दो सेट होते हैं, जिससे एक सामान्य जीन डिसऑर्डर को संतुलित कर सकता है। लेकिन पुरुषों में केवल एक X-कोमोसोम्स होता है, इसलिए अगर उसमें डिफेक्ट जीन होता है, तो ऐसे में हंटर सिंड्रोम विकसित हो सकता है।

Symptoms Of Hunter Syndrome

हंटर सिंड्रोम के लक्षण - Symptoms Of Hunter Syndrome in Hindi 

हंटर सिंड्रोम के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं, और समय के साथ ये गंभीर होते जाते हैं। 

शारीरिक लक्षण

  • चेहरे में बदलाव: हंटर सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों के चेहरे में कुछ विशेष बदलाव होते हैं, जैसे चौड़ा चेहरा, होठों का मोटा होना, चपटी नाक, और बड़ी जीभ आदि।
  • शरीर के जोड़ों की जकड़न: इस बीमारी के कारण शरीर के विभिन्न जोड़ों में कठोरता और जकड़न होती है। इससे चलने-फिरने और हाथों को हिलाने में कठिनाई हो सकती है।
  • ग्रोथ में देरी होना: हंटर सिंड्रोम से प्रभावित बच्चों की शारीरिक वृद्धि सामान्य से धीमी होती है। आमतौर पर उनकी लंबाई कम रहती है और किशोरावस्था के बाद उनकी वृद्धि रुक जाती है।
  • श्वसन संबंधी समस्याएं: हंटर सिंड्रोम से प्रभावित बच्चे अक्सर श्वसन तंत्र की समस्याओं से ग्रसित होते हैं। उन्हें सांस लेने में कठिनाई हो सकती है, खासकर सोते समय। इसके अलावा, यह स्थिति श्वसन संक्रमणों का कारण भी बन सकती है।

मानसिक और संज्ञानात्मक (Cognitive) लक्षण

  • ब्रेन ग्रोथ में देरी: हंटर सिंड्रोम से पीड़ित बच्चों में मानसिक विकास में देरी हो सकती है। यह स्थिति धीरे-धीरे मस्तिष्क के विकास को प्रभावित करती है, जिससे सीखने और सोचने की क्षमता कमजोर हो जाती है।
  • बोलने में समस्या होना: बच्चे धीरे-धीरे भाषा समझने और बोलने में कठिनाई महसूस करने लगते हैं। उनके बोलने की क्षमता प्रभावित होती है और वे सामान्य रूप से बोलने और समझने में असमर्थ हो सकते हैं।
  • व्यवहार में बदलाव: हंटर सिंड्रोम से ग्रस्त बच्चों में व्यवहारिक समस्याएँ भी देखने को मिलती हैं, जैसे अत्यधिक चिड़चिड़ापन, ध्यान की कमी, और हाइपरएक्टिविटी।

हंटर सिंड्रोम का उपचार - Treatment Of Hunter Syndrome in Hindi 

हंटर सिंड्रोम में डॉक्टर मरीज की खून, यूरीन की जांच के साथ ही डीएनए टेस्ट किया जाता है। फिलहाल, इसका कोई स्थायी उपचार नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए कुछ इलाज किया जा सकता है।

एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरेपी (ERT)

इस थेरेपी में शरीर में कमी हो रहे एंजाइम को इंजेक्शन के माध्यम से दिया जाता है। यह प्रक्रिया लक्षणों को कम करने में सहायक होती है, लेकिन यह मस्तिष्क पर असर नहीं डालती।

स्टेम सेल थेरेपी

स्टेम सेल प्रत्यारोपण से कुछ मामलों में सुधार देखा गया है, लेकिन यह प्रक्रिया अभी प्रयोगात्मक चरण में है और इसके दीर्घकालिक प्रभाव पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं।

सर्जरी

कुछ मामलों में, हंटर सिंड्रोम के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है, जैसे हर्निया या हृदय की समस्याओं के लिए।

सपोर्टिव केयर

फिजिकल थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, और स्पीच थेरेपी से बच्चे के जीवन को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।

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हंटर सिंड्रोम एक गंभीर और दुर्लभ बीमारी है, जो आनुवंशिक रूप से व्यक्ति को प्रभावित करती है। यह बीमारी मस्तिष्क, हृदय, और शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करती है। हंटर सिंड्रोम के लक्षण समय के साथ गंभीर होते जाते हैं, लेकिन सही समय पर पहचान से लक्षणों के प्रभाव को कम कियाजा सकता है। 

 

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