Cogan's Syndrome in Hindi: शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखे और कान बेहद महत्वपूर्ण होते हैं। इन दोनों ही अंगों से आप लोगों दुनिया को देख पाते हैं और सुन पाते हैं। लेकिन, कई बार आंखों और कानों में सूजन की वजन से दर्द होने लगता है। इसके अलावा, कुछ लोगों को आंखों में दर्द होने लगता है। यह समस्या कोगेन सिंड्रोम का संकेत हो सकती हैं। इस समस्या एक ऑटोइम्यून विकार है, जो आंखों और रक्तवाहिकाओं में सजून की वजह बनता है। इस डिसऑर्डर में शरीर की स्वस्थ कोशिकाएं शरीर के अंगों को नुकसान पहुंचाने लगती है। इसकी वजह से व्यक्ति को दिखाई और सुनाई देने में समस्या आ सकती है। आगे एनएमसी के फिजीशियन डॉक्टर विनोद कुमार से जानते हैं कि यह समस्या शरीर में किस तरह शुरु होती है।
कोगैन सिंड्रोम के शरीर में किस तरह शुरु होता है? - How Cogan's Syndrome Occurs In Body in Hindi
कोगैन सिंड्रोम आपकी आंखों और कान के कार्य में बाधा उत्पन्न कर सकते हैं। डॉक्टर के अनुसार कोगैन सिंड्रोम एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है। इसकी शुरुआत में इम्यून सिस्टम जो शरीर को बाहरी संक्रमण से बचाने का कार्य करता है, वह व्यक्ति के स्वस्थ अंगों को भी डैमेज करने लगता है। दरअसल, इस डिसऑर्डर में ब्लड वैसेल (रक्त वाहिकाएं) प्रभावित होती है। इसमें आंखों और कान के स्वस्थ टिश्यू को नुकसान पहुंचता है। विशेष रूप से कॉर्निया को प्रभावित करता है। कार्निया आंखों की बाहरी परत है जो आंख की पुतली को कवर करती है। इसमें कॉर्नियल सूजन के साथ ही आंखे लाल हो जाती हैं। साथ ही, यह स्थिति दर्द का कारण बन सकती है। इस दौरान व्यक्ति की आंखों से पानी आने लगता है। जिससे व्यक्ति को धुंधला दिखाई दे सकता है। इस डिसऑर्डर के कारण का पता नहीं लगाया है। यह आनुवांशिक रोग नहीं है। व्यक्ति को किसी भी समय यह समस्या हो सकती है। यह समस्या आंखों के साथ ही कानों को भी प्रभावित कर सकती है।
कोगैन सिंड्रोम के लक्षण - Symptoms Of Cogan's Syndrome In Hindi
कोगेन सिंड्रोम होने पर व्यक्ति को आंखों में दर्द, कम या धुंधला दिखाई देना, तेज रोशनी में दिखाई देने में समस्या होना, आंखों का लाल होने के लक्षण दिखाई दे सकते है। जबकि, कुछ लोगों के कान प्रभावित होने पर उनको कानों में घंटी सुनाई देना, सिर घुमना, कानों पर कुछ द्रव भरा होना व कानों में अजीब सा दबाव महसूस होने की समस्या हो सकती है। अगर, रक्त वाहिकाएं में सूजन या अन्य समस्याएं होती है, तो व्यक्ति को हार्ट में हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
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आंखों से जुड़ी समस्याओं को नजरअंदाज न करें। यह आपके कान और आंखों को प्रभावित कर सकती है। इससे बचने के लिए आप को डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं। इसमें डॉक्टर मरीज की स्थिति के आधार पर इलाज को चुन सकते हैं। इस विकार के इलाज में एंटीबायोटिक्स या कोर्टिकोस्टेरॉइड्स दे सकते हैं।