शमिता शेट्टी ने बताया माइक्रोन्यूट्रीएंट सप्लीमेंट्स और दवाइयों के बीच अंतर, न हो कंफ्यूज

बॉलिवुड की जानी मानी एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी की बहन शमिता शेट्टी ने माइक्रोन्यूट्रीएंट्स सप्लीमेंट्स पर कंफ्यूजन को लेकर कुछ टिप्स शेयर की हैं। 
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शमिता शेट्टी ने बताया माइक्रोन्यूट्रीएंट सप्लीमेंट्स और दवाइयों के बीच अंतर, न हो कंफ्यूज


बॉलिवुड की जानी मानी एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी की बहन शमिता शेट्टी ने माइक्रोन्यूट्रीएंट्स सप्लीमेंट्स पर कंफ्यूजन को लेकर कुछ टिप्स शेयर की हैं। उन्होंने कहा कि माइक्रोन्यूट्रीएंट्स सप्लीमेंट्स की बात आती है तो लोग आमतौर पर कंफ्यूज होते हैं। शमिता ने एक हाल ही में एक पोस्ट में लिखा कि बहुत से लोग दवाओं और सप्लीमेंट्स के बीच के अंतर को नहीं पहचान पाते हैं। दरअसल, दवाएं बीमारियों को ठीक करने के लिए होती हैं और सप्लीमेंट्स शारीरिक क्षमता को सुधारने और स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए होता है। 

शरीर के लिए जरूरी होते हैं माइक्रोन्यूट्रीएंट सप्लीमेंट्स 

शमिता ने बताया कि हेल्थ केयर इंडस्ट्री पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। सेहत को दुरुस्त रखने के लिए कॉपर, मैग्नीशियम, जिंक और विटामिन बी जैसे बहुत से पोषक तत्व हैं, जिनका सेवन करने से शरीर हेल्दी रहता है। माइक्रोन्यूट्रीएंट सप्लीमेंटेशन को बॉडी के लिए काफी महत्तवपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि आज के समय में खान-पान में इतना बदलाव आ गया है कि उनमें न्यूट्रीएंट्स की मात्रा काफी कम होती है। 

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क्यों जरूरी है माइक्रोन्यूट्रीएंट सप्लीमेंट्स 

शरीर के लिए माइक्रोन्यूट्रीएंट सप्लीमेंट्स लेना बेहद जरूरी होता है। दरअसल, उम्र के साथ-साथ माइक्रोन्यूट्रीएंट्स लेने या फिर उन्हें अवशोषित करने की क्षमता पर भी असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि आज के समय के लाइफस्टाइल के चलते शरीर में माइक्रोन्यूट्रीएंट्स की कमी हो रही है। जमीन में या फिर पौधों पर पेप्टिसाइड्स डालने से वे दूषित हो जाते हैं साथ ही वायु प्रदूषण और वाटर पॉल्यूशन के कारण भी शरीर में न्यूट्रीएंट्स नहीं पहुंच पा रहे हैं। 

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कुकिंग से डैमेज हो जाते हैं माइक्रोन्यूट्रीएंट्स 

शमिता ने बताया कि खाना बनाने की प्रक्रिया जैसे खाने को उबालना, माइक्रोवेव में गर्म करना, तलना या फिर फ्रिज में लंबे समय तक रखने से उसमें मौजूद माइक्रोन्यूट्रीएंट्स मर जाते हैं। ऐसे में एक्सरसाइज करने से शरीर माइक्रोन्यूट्रीएंट्स को अवशोषित करने में अधिक सक्षम बनता है। शारीरिक गतिविधियां बढ़ने से शरीर न्यूट्रीएंट्स को स्टोर करने में अधिक सक्षम बनती है।

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