स्किन कैंसर यानि त्वचा का कैंसर दुनियाभर में एक गंभीर खतरे के तौर पर देखा जा रहा है। इसके मरीजों की संख्या और मोत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस कैंसर के कारण हर साल लाखों लोगों की जान जाती है। हाल ही में यूरोपियन अकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड वीनेरोलॉजी (European Academy of Dermatology and Venerology) में पेश की गई एक स्टडी में वैज्ञानिकों ने स्किन कैंसर की मौत बढ़ने के पीछे एक नई वजह बताई है।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक?
दरअसल, स्किन कैंसर के दो प्रकार होते हैं मेलानोमा और नॉन मेलानोमा। वैज्ञानिकों के मुताबिक लोग आमतौैर पर मेलानोमा स्किन कैंसर को ज्यादा खतरनाक और मौत होने के पीछे का कारण मानते हैं। जबकि नॉन मेलोनोमा तेजी से मरीजों की जान ले रहा है। यह स्टडी विश्व स्वास्थ्य संगठन और इंटरनेश्नल एजेंसी फॉर रिसर्च द्वारा लिए गए डेटा के आधार पर की गई है। वैज्ञानिकों के मुताबिक गोरी त्वचा वाले लोगों में स्किन कैंसर का अधिक खतरा रहता है। ऐसे में फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, यूके, यूएस और जर्मनी में इसके मामले ज्यादा देखे जाते हैं।
नॉन मेलानोमा कैंसर से होती हैं ज्यादा मौतें
स्टडी के मुख्य लेखक, डर्मेटोलॉजिस्ट और फ्रांस के नाइस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के प्रोफेसर थेइरी पैसेरोन के मुताबिक नॉन मेलानोमा कैंसर एक बड़े खतरे के रूप में उभर रहा है। साल 2020 में नॉन मेलानोमा कैंसर के मामले अधिक आने के साथ ही 78 प्रतिशत मौतें भी हुई थीं।
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स्किन कैंसर से बचने के तरीके
- स्किन कैंसर से बचने के लिए आपको नियमित तौर पर योग और एक्सरसाइज करनी चाहिए साथ ही शारीरिक रूप से सक्रिय भी रहना चाहिए।
- स्किन कैंसर से बचाव के लिए धूप की किरणों के संपर्क में ज्यादा जाने से बचें।
- इसके लिए हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें। ऐसे में आप ओमेगा 3 फैटी एसिड और सेलेनियम से भरपूर आहार ले सकते हैं।
- त्वचा को नियमित तौर पर चेक करें और बदलाव दिखने पर चिकित्सक से सलाह लें।
- धूप में जाने से पहले सनस्कीन का इस्तेमाल करें। कोशिश करें कि सुबह 10 बजे से 4 बजे तक धूप के संपर्क में न रहें।