पिछले कुछ समय में स्किन कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं, जिसे देखते हुए हाल ही में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) ने इस कैंसर के लिए एक नई और एडवांस सर्जरी की खोज की है। स्किन कैंसर का कारगर उपचार नहीं मिल पाने के कारण हर साल सैकड़ों लोगों की मौत हो जाती है। इस सर्जरी के जरिए मरीजों में कैंसर से प्रभावित हिस्से को शरीर से अलग किया जाएगा। चलिए विस्तार से जानते हैं इस सर्जरी के बारे में।
क्या है Mosh सर्जरी?
एम्स द्वारा स्किन कैंसर के मरीजों को ठीक करने के लिए मोश (Mosh Surgery) की शुरुआत की गई है। कैंसर के उपचार के लिए यह एक नई और एडवांस तकनीक है, जिसे मोहस माइक्रोग्राफिक सर्जरी के नाम से जाना जाता है। दरअसल, इस सर्जरी के तहत स्किन कैंसर से पीड़ित मरीजों की त्वचा के उस हिस्से को काटकर निकाला जाएगा, जिसमें कैंसर फैल चुका है। इससे कैंसर कोशिकाएं शरीर के अन्य हिस्सों को प्रभावित नहीं कर सकेंगी। इस सर्जरी के जरिए शरीर में मौजूद हेल्दी टिशु को भी बहुत कम नुकसान पहुंचेगा।
कैंसर की सर्जरी के लिए एम्स पहला अस्पताल
एम्स के डर्मेटोलॉजी विभाग के हेड डॉ. कौशल कुमार वर्मा के मुताबिक स्किन कैंसर को ठीक करने के लिए इस तरह की सर्जरी की शुरुआत करने वाला एम्स भारत का पहला अस्पताल है। इस सर्जरी के जरिए हेल्दी टिशु को नुकसान नहीं पहुंचने के साथ ही कैंसर के दोबारा उभरने की आशंका भी काफी कम होगी। वहीं, एम्स के निदेशक प्रोफेसर एम. श्रीनिवास के मुताबिक मरीजों को इस कैंसर का इलाज करने के लिए अब विदेशों में नहीं भटकना पड़ेगा। वे अपने देश में रहकर ही इसका उपचार ले सकेंगे।
इसे भी पढ़ें - सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन किस उम्र में लगवानी चाहिए? एक्सपर्ट से जानें
विदेशों में इस्तेमाल की जा रही है यह तकनीक
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक विदेशों में इस तकनीक का इस्तेमाल का ट्रेंड काफी प्रचलित है। इस सर्जरी का उपयोग खासतौर पर नॉन मेलेनोमा स्किन कैंसर के लिए किया जाता है। शनिवार को उद्घाटन के मौके पर भी स्किन कैंसर से पीड़ित 12 मरीजों को बुलाया गया था।