गर्मी के मौसम में सेहतमंद रहने के लिए सबसे जरूरी है कि आप अपनी डाइट में मौसम के अनुसार उचित बदलाव करें। बढ़ते तापमान, लू और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं शरीर पर बुरा असर डाल सकती हैं, ऐसे में ऐसी चीजों का सेवन करना जरूरी हो जाता है जो शरीर को ठंडक देने के साथ-साथ एनर्जी भी प्रदान करें। पारंपरिक भारतीय भोजन में सत्तू एक ऐसा सुपरफूड है जिसका सेवन सदियों से गर्मियों में किया जाता रहा है। सत्तू खासतौर पर भुने हुए चने को पीसकर बनाया जाता है, जो प्रोटीन, फाइबर और कई जरूरी मिनरल्स से भरपूर होता है। इसका सेवन कई तरह से किया जा सकता है, सत्तू का शरबत, सत्तू का पराठा और खासकर सत्तू की रोटी, जो स्वाद और सेहत दोनों का मेल है। सत्तू की रोटी न सिर्फ पेट को ठंडक देती है, बल्कि यह लंबे समय तक भूख को भी कंट्रोल रखती है, जिससे आप ओवरईटिंग से बच सकते हैं। इस लेख में न्यूट्रिशनिस्ट उज्मा बानो (Uzma Bano, Nutritionist, Msc. Nutrition, DNHE) से जानिए, क्या सत्तू रोटी सेहत के लिए अच्छी होती है और इसके क्या फायदे होते हैं?
क्या सत्तू रोटी सेहत के लिए अच्छी होती है? - Is Sattu Roti Good For Health
न्यूट्रिशनिस्ट उज्मा बानो बताती हैं कि सत्तू खासतौर पर भुने हुए चने को पीसकर बनाया जाता है, जो प्रोटीन, फाइबर और कई जरूरी मिनरल्स से भरपूर होता है। सत्तू से बनी रोटी सेहत के लिए बहुत लाभकारी होता है और यह न सिर्फ पेट को ठंडक देती है, बल्कि यह लंबे समय तक भूख को भी कंट्रोल (sattu ki roti khane ke fayde) रखती है, जिससे आप ओवरईटिंग से बच सकते हैं।
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सत्तू की रोटी खाने के फायदे - Sattu Roti Benefits
- गर्मियों में शरीर का तापमान बढ़ना आम है। सत्तू की तासीर ठंडी मानी जाती है और इसकी रोटी खाने से शरीर अंदर से ठंडा रहता है। यह हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन से भी बचाती है।
- सत्तू की रोटी धीमे पचने वाले कार्बोहाइड्रेट से बनी होती है, जिससे शरीर को दिनभर एनर्जी (sattu ki roti calories) मिलती रहती है। यह खासकर मेहनत करने वाले लोगों और बच्चों के लिए फायदेमंद है।
- सत्तू में घुलनशील और अघुलनशील दोनों प्रकार के फाइबर पाए जाते हैं, जो पेट साफ रखने और पाचन क्रिया को ठीक बनाए रखने में मदद करते हैं। यह कब्ज, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं से राहत (sattu ki roti ke fayde) देता है।
- जो लोग वजन घटाना चाहते हैं उनके लिए सत्तू की रोटी (sattu ki roti for weight loss) एक अच्छा विकल्प है। इसमें मौजूद प्रोटीन और फाइबर लंबे समय तक पेट भरा रखता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती।
- सत्तू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है। इसलिए यह ब्लड में शुगर का लेवल अचानक नहीं बढ़ाता। डायबिटीज मरीज भी इसे सुरक्षित रूप से खा सकते हैं।
- सत्तू में मौजूद कैल्शियम, आयरन और प्रोटीन हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ मांसपेशियों की ग्रोथ में भी मदद करते हैं।
- सत्तू में मौजूद जिंक, आयरन और विटामिन्स त्वचा को निखारने और बालों को मजबूत बनाने में सहायक होते हैं। यह शरीर को भीतर से डिटॉक्स भी करता है।
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100 ग्राम सत्तू की न्यूट्रिशनल वैल्यू - Sattu Nutritional Value Per 100g
- कैलोरी: 350–450 किलो कैलोरी
- प्रोटीन: 20–25 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट: 50–60 ग्राम
- डायटरी फाइबर: 10–15 ग्राम
- वसा (फैट): 4–7 ग्राम
खनिज - Minerals
- कैल्शियम: 38–100 मि.ग्रा.
- आयरन (लोहा): 2.5–6 मि.ग्रा.
- मैग्नीशियम: 70–90 मि.ग्रा.
- पोटैशियम: 300–400 मि.ग्रा.
- फॉस्फोरस: 140–350 मि.ग्रा.
विटामिन्स - Vitamin
- विटामिन B6: 0.2–0.4 मि.ग्रा.
- फोलेट (विटामिन B9): 150–200 माइक्रोग्राम
- विटामिन B3 (नायसिन): 2.4 मि.ग्रा.
- विटामिन B1 (थायमिन): 0.2 मि.ग्रा.
- विटामिन B2 (राइबोफ्लेविन): 0.2 मि.ग्रा.
निष्कर्ष
गर्मियों में जब स्वास्थ्य और स्वाद दोनों का ख्याल रखना हो, तो सत्तू की रोटी एक बेहतरीन विकल्प है। यह न केवल शरीर को पोषण देती है, बल्कि लाइफस्टाइल संबंधी रोगों से भी बचाती है। गर्मियों में ठंडक पहुंचाने, शरीर को एनर्जी देने और पाचन को मजबूत करने के लिए सत्तू की रोटी का नियमित सेवन बेहद लाभदायक हो सकता है। अगर आप भी हेल्दी और संतुलित जीवन की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं, तो आज ही से अपनी डाइट में सत्तू की रोटी शामिल करें।
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FAQ
सत्तू किसका बना होता है?
सत्तू मुख्य रूप से भुने हुए चने से बनाया जाता है। इसे तैयार करने के लिए चनों को पहले भूनकर ठंडा किया जाता है, फिर बारीक पीसकर उसका पाउडर तैयार किया जाता है, जिसे सत्तू कहते हैं। कुछ क्षेत्रों में सत्तू बनाने के लिए जौ, मक्का या गेहूं का भी उपयोग किया जाता है, लेकिन चने का सत्तू सबसे अधिक लोकप्रिय और पोषक होता है। यह प्रोटीन, फाइबर, आयरन और अन्य जरूरी मिनरल्स से भरपूर होता है। सत्तू को गर्मियों में विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है।सत्तू पीने से क्या-क्या फायदे होते हैं?
सत्तू पीने से शरीर को अनेक स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, विशेषकर गर्मियों में। यह शरीर को ठंडक देता है और हीट स्ट्रोक से बचाने में मदद करता है। सत्तू में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और कब्ज की समस्या दूर करता है। यह एनर्जी बूस्टर की तरह काम करता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता, जिससे वजन नियंत्रण में रहता है। सत्तू में प्रोटीन, आयरन और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व भी होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और थकान दूर करने में मदद करते हैं।सत्तू पीने का सही समय क्या है?
सत्तू पीने का सबसे सही समय सुबह खाली पेट होता है। इससे पाचन तंत्र सक्रिय होता है और दिनभर ऊर्जा बनी रहती है। गर्मियों में इसे सुबह या दोपहर के समय पीना विशेष रूप से लाभकारी होता है क्योंकि यह शरीर को ठंडक देता है और लू से बचाता है। अगर आप वजन घटाना चाहते हैं, तो इसे नाश्ते के रूप में पी सकते हैं। सत्तू को पानी या मठ्ठे में मिलाकर थोड़ा सा नींबू और काला नमक डालकर पिया जाए तो यह और भी लाभकारी होता है। रात में इसका सेवन करने से बचना चाहिए।