सहदेवी एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है। पारंपरिक रूप से इसका इस्तेमाल दस्त, घाव, अस्थमा और डाइसेंटरी के उपचारों के लिए किया जाता है। इसे अंग्रेजी में वर्नोनिया सिनेरेआ (Vernonia cinerea) कहा जाता है। यह एक आयुर्वेदिक औषधीय पौधा है, जिसका इस्तेमाल पूरे पौधों को सूखाकर किया जाता है। इसे सहदेई, वरन गोथा, झुरझुरी जैसे नामों से भी जाना जाता है। बारिश के सीजन में इसका उत्पादन ज्यादा होता है। इसमें ट्राइटरपेन, लैक्टोन, अल्कालॉइड्स (Alkaloids) जैसे विभिन्न घटक जाए जाते हैं। गाजियाबाद स्वर्ण जयंती के आयुर्वेदाचार्य राहुल चतुर्वेदी बताते हैं कि सहदेवी के पौधे का सबसे खास गुण यह है कि इसका कोई भी साइड-इफेक्ट नहीं होता है। यह स्वभाव से गर्म होता है। इसके पचाने में काफी ज्यादा आसानी होती है। इसके इस्तेमाल से आप शरीर में सूजन, दर्द जैसी समस्याओं से राहत पा सकते हैं। इसके अलावा इसके कई अन्य फायदे हैं, चलिए जानते हैं इस बारे में-
सहदेवी के फायदे और उपयोग करने का तरीका (Health Benefits and Uses of Vermonia Cinerea)
1. गुर्दे की पथरी
सहदेवी के तनों और जड़ों से तैयार काढ़े को पीने से गुर्दे की पथरी भी ठीक हो सकती है। आयुर्वेदाचार्य के मुताबिक, नियमित रूप से 40 से 50 मिलीलीटर सहदेवी का काढ़ा पीने से किडनी में होने वाली पथरी की समस्या ठीक हो सकती है।
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2. अनिद्रा को करे गायब
इन दिनों अनिद्रा की शिकायत कम उम्र के लोगों को भी हो रही है। अनिद्रा की परेशानी को दूर करने के लिए आप सहदेवी का इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे आपकी यह परेशानी कुछ ही समय में ठीक हो सकती है। अनिद्रा होने पर सहदेवी की जड़ों का गाढ़ा पेस्ट तैयार कर लें। अब इस पेस्ट को अपने सिर पर लगाएं। इससे अनिद्रा की परेशानी दूर हो सकती है।
3. घाव और सूजन को करे कम
शरीर में घाव और सूजन होने पर सहदेवी का पौधा आपके लिए गुणकारी साबित हो सकता है। इसके लिए सहदेवी की पत्तियों और तने का पेस्ट तैयार कर लीजिए। अब इसे अपने प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे सूजन और घाव से तुरंत राहत मिल सकेगा।
4. पेशाब में जलन को करे दूर
पेशाब में जलन की शिकायत होने पर भी सहदेवी का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसके लिए सहदेवी की जड़ों और तनों का काढ़ा बना लें। इस काढ़े को नियमित रूप से पीएं। इसके पीने से पेशाब की जलन दूर होगी।
5. बुखार का करे इलाज
आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि सहदेवी का इस्तेमाल बुखार को दूर करने के लिए किया जा सकता है। बुखार होने पर इसकी जड़ और तनों से तैयार हुए काढ़े को मरीज को दिया जाता है। मरीज को एक बार में 50 से 60 मिलीलीटर काढ़ा पीने के लिए दें, इससे बुखार की परेशानी दूर हो सकती है।
6. स्किन रोग से छुटकारा
स्किन से जुड़ी समस्या होने पर आप सहदेवी का इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपकी स्किन पर दाग-धब्बे या फिर किसी तरह की परेशानी हो रही है, तो सहदेवी का काढ़ा पिएं। इसके अलावा आप सहदेवी की पत्तियों से पेस्ट तैयार करके इसे अपने प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे त्वचा रोग से राहत मिल सकेगा।
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7. आंतों के कीड़े से राहत
सहदेवी का काढ़ा पीने से आंतों में कीड़ों की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। इसके लिए आपको नियमित रूप से 30 से 40 मिलीलीटर खुराक लेने की आवश्यता है।
सहदेवी के इस्तेमाल से आप शरीर की कई परेशानियों को दूर कर सकते हैं। हालांकि, इसका इस्तेमाल करने से पहले एक बार आयुर्वेदाचार्य से जरूर संपर्क करें।
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