पाचनतंत्र का सही रहना शरीर के बाकी अंगों को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है। जैसे कि अगर आपका पाचन तंत्र (digestion system) सही है, तो आपका वजन भी संतुलित रहता है, किडनी भी सही काम करते हैं और स्किन भी बेहतर होती है। पर हमारी कुछ आदतें पाचन तंत्र के कामकाज को नुकसान पहुंचा सकती हैं। जैसे कि खाने के साथ पीना। जी हां, आयुर्वेद की मानें तो, किसी भी व्यक्ति को ठोस खाना खाते समय तरल पदार्थ वाली चीजों को बीच में लेने से बचना चाहिए। पर आप ज्यादातर लोगों को देखेंगे कि वो खाने वाली चीजों को और पीने वाली चीजों को साथ-साथ लेते रहते हैं। पर प्रश्न ये है कि आयुर्वेद में पाचनतंत्र से जुड़े इस नियम ( ayurvedic tips for better digestion) के पीछे कारण क्या है? तो, आइए जानते हैं पाचन तंत्र को मजबूत करने के लिए आयुर्वेदिक के इस नियम के बारे में और फिर जानेंगे डाइटिशियन डेलनाज चंदूवाडिया (Delnaaz Chanduwadia), मुख्य आहार विशेषज्ञ, जसलोक अस्पताल और अनुसंधान केंद्र से की इसे लेकर मेडिकल साइंस क्या कहता है।
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ठोस खाद्य पदार्थ के साथ तरल पदार्थ क्यों ना लें-Why Liquid and solid foods should not be taken together?
आयुर्नेद की मानें तो, खाने की ठोस पदार्थों (solid foods) के साथ तरल पदार्थों (Liquid foods) को लेने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए कि तरल पदार्थ (Liquid foods) तुरंत फूड पाइप से होते हुए शरीर के आखिरी अंगों तक पहुंच जाते हैं। ऐसे में तरह पदार्थ जब हमारी आंतों से गुजरते हैं तो, सभी डाइजेस्टिव एंजाइम्स को अपने साथ बाहर ले जाते हैं जिससे शरीर को खाना पचाने में मुश्किल होती है। इसलिए आयुर्वेद के नियम अनुसार हर किसी को खाने से लगभग 20 मिनट पहले ही तरह पदार्थों का सेवन कर लेना चाहिए। साथ ही कोशिश करें कि तरल पदार्थों को खाने के बीच में या खाने के बाद लगभग 1 घंटे तक लेने से बचें।
खाने के साथ पीने के नुकसान
1. भोजन से पोषक तत्व नहीं मिल पाते
खाने के साथ पीने से शरीर को भोजन से पर्याप्त पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं।पानी हमेशा खाना खाने से आधा घंटा पहले और खाना खाने के आधा घंटा बाद पीना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि पेट में अगली प्रक्रिया खाना खाने के करीब 30 मिनट बाद शुरू हो जाती है। इसके बाद पानी पीने से पाचन संबंधी समस्या नहीं होती है, बल्कि खाना ज्यादा आसानी से पच जाता है और शरीर को खाने ने मिलने वाले सभी माइक्रोन्यूट्रिएंट्स मिल जाते हैं। इसलिए भोजन से पोषक तत्वों को लेने से बचना चाहिए।
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2. अपच की समस्या
खाना खाने के बीच में पानी पीने से गैस, अपच, एसिडिटी जैसी समस्याएं होने की संभावना ज्यादा रहती है। होता ये है कि खाने और पीने का ये दोनों प्रोसेस एक दूसरे को डिस्टर्ब करने लगता है और आपके पाचक एंजाइम खाना पचाने पर सही से काम नहीं कर पाते। जिससे अपच की समस्या होती है और इसके कारण सीने में जलन और लंबे समय तक भारीपन महसूस होता रहता है।
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3. मेटाबोलिज्म को धीमा कर देता है
भोजन के साथ तरल पदार्थ पीने के खिलाफ एक तीसरा लोकप्रिय तर्क यह बताता है कि तरल पदार्थ उस गति को बढ़ाते हैं जिससे ठोस खाद्य पदार्थ आपके पेट से बाहर निकलते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह पेट के एसिड और पाचन एंजाइमों के साथ भोजन के संपर्क समय को कम करता है, जिसके मेटाबोलिज्म खराब हो जाता है और ये धीमा पड़ जाता है। मेटाबोलिज्म खराब होने से आपको कब्ज की समस्या या फिर मोटापा आदि की परेशानी हो सकती है।
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पर डाइटिशियन डेलनाज चंदूवाडिया (Delnaaz Chanduwadia) की मानें तो, अधिकांश विशेषज्ञ तरल और ठोस पदार्थों का एक साथ सेवन करने के लिए सहमत नहीं जताते। हालांकि, खाने के साथ पानी पीने से पाचन क्रिया पर कोई असर नहीं पड़ता। असल में यह पाचन की प्रक्रिया में मदद कर सकता है और पोषक तत्वों के अवशोषण और आत्मसात करने में मदद कर सकता है। इन दोनों का एक साथ सेवन करने के खिलाफ चेतावनी देने का एकमात्र कारण यह होगा कि तरल पदार्थों के सेवन से आपकी भूख कम हो सकती है और ठोस पदार्थ विस्थापित हो सकते हैं।
इसलिए आयुर्वेद की बात मानते हुए खाने से 20 मिनट पहले पानी पी लें या फिर खाने के एक घंटे बाद पानी पी लें। साथ ही ध्यान रखें कि जूस, स्मूदी, कोल्ड ड्रिंक और शराब जैसे चीजों को खाने के बीच में ना लें। दरअसल, अल्कोहल और कोल्ड ड्रिंक जैसे तरल पदार्थों में एसिड की मात्रा ज्यादा होती है और जब हम खाने के बीच में इनका सेवन करते हैं तो, ये पाचन या पोषक तत्वों के अवशोषण पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। पर अगर आप चाहें तो भोजन के साथ हल्का-हल्का सा बीच में पानी पी सकते हैं। इससे आपकी भूख को नियंत्रित करने, अधिक खाने से रोकने और वजन घटाने में मदद मिल सकती है।
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