कई बार ऐसा होता है कि खाना खाने के बाद आपको भारीपन लगता है और महसूस होता है कि खाना पचा नहीं है। इसे ही अपच की समस्या कहते हैं। अक्सर ऐसी दिक्कत जरूरत से ज्यादा खाने, खाने के तुरंत बाद सोने, देर रात में खाना खाने या भारी खाना (तेल-मसाले वाला या मांस आदि) खाने के कारण होती है। इस समस्या का मूल कारण यह होता है कि खाना पचाने वाले एंजाइम्स ठीक से काम नहीं करते। ये एंजाइम्स लिवर बनाता है। इसीलिए आपने देखा होगा कि जिन लोगों का पेट ज्यादा खराब होता है, उन्हें डॉक्टर अक्सर लिवर की कमजोरी की समस्या बताते हैं। दरअसल भोजन को पचाने में लिवर द्वारा बनाए गए इन एंजाइम्स की बड़ी भूमिका होती है।
कभी-कभार अपच की समस्या हो तो चिंता की बात नहीं है क्योंकि इसका कारण खाने की गरिष्ठता, तनाव या मौसम आदि हो सकता है। लेकिन अगर आपको अक्सर ही अपच की शिकायत बनी रहती है और खाना खाने के बाद पेट फूलना, पेट दर्द और ऐंठन जैसी समस्याएं होती हैं, तो आपको इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से संपर्क करके अपनी जांच करानी चाहिए क्योंकि ये पाचनतंत्र या लिवर से जुड़ी किसी गंभीर समस्या का भी संकेत हो सकता है। अगर आप लंबे समय तक अपच को नजरअंदाज करते हैं तो इससे कई अन्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे-
अपच के कारण हो सकती हैं ये 5 बीमारियां
- एलर्जी
- अर्थराइटिस
- ऑटोइ्म्यून डिजीज
- त्वचा का इंफेक्शन और मुंहासे
- थकान और मूड डिस्आर्डर
पेट की समस्या का कारण
आपका पाचन तंत्र ही इस बात का निर्धारण करता है कि आखिर अपने भोजन से आप कौन से पोषक तत्व प्राप्त करते हैं और कौन से विषैले तत्वों को शरीर से बाहर निकाल पाते हैं। यानी हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य का नियंत्रण कहीं न कहीं हमारी पाचन क्रिया पर निर्भर करता है। हमारे अंदरूनी स्वास्थ्य में सही पाचन, सही अवशोषण और भोजन का सही प्रकार से विखंडन शामिल होता है। हमारा लिवर मेटाबॉलिज्म के बायप्रोडक्ट के रूप में कई विषैले तत्वों को पित्त में छोड़ देता है। और अगर यह चीज उलटा असर दिखाये तो आप कब्ज के शिकार हो सकते हैं, और कब्ज के कारण आपके शरीर में विषैले तत्व बढ़ जाते हैं।
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इन कारणों से भी हो सकता है अपच
- अगर आपके भोजन में फाइबर की मात्रा कम है और शर्करा की मात्रा अधिक तो आपको पाचन संबंधी समस्यायें हो सकती हैं। पोषक तत्वों की कमी और उच्च कैलोरी युक्त आहार के कारण आपके शरीर में बुरे बैक्टीरिया का स्तर बढ़ सकता है जिससे आंत्रों का पारिस्थितिक तंत्र बिगड़ सकता है।
- अगर आप ऐसी दवाओं का अधिक उपयोग करते हैं जो सामान्य पाचन तंत्र में बाधक बन सकती हैं, तो यह अच्छा नहीं है। एस्प्रिन और प्रिलोसेक आदि दवाओं का अधिक सेवन पाचन तंत्र को बिगाड़ सकता है।
- पारा और मोल्ड टॉक्सिन के स्तर में इजाफा आपकी पाचन क्रिया को बिगाड़ सकता है।
- तनाव के कारण भी आपका नर्वस सिस्टम बिगड़ सकता है, इससे पाचन क्रिया खराब हो सकती है और साथ ही आंत में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ सकता है।
पाचन क्रिया में बैक्टीरिया
हमारे पेट में बैक्टीरिया की पांच सौ प्रजातियां मौजूद होती हैं, जो भोजन को पचाने में मदद करती हैं। इसके साथ ही ये बैक्टीरिया हार्मोंस को संतुलित रखने, टॉक्सिन को बाहर निकालने तथा विटामिन व अन्य हीलिंग तत्वों के निर्माण में भी सहायक होती हैं, इससे आपकी पाचन क्रिया और शरीर स्वस्थ रहता है। अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि यह पारिस्थितिक तंत्र भी संतुलन में रहे।
अगर आपके शरीर में पैरासाइट्स या यीस्ट जैसे बुरे बैक्टीरिया का स्तर बढ़ जाये या फिर लैक्टोबासिलस अथवा बिफिडोबैक्टीरिया जैसे अच्छे बैक्टीरिया कम हो जाएं तो आपकी सेहत बिगड़ सकती है। तो सही पाचन क्रिया और अच्छे स्वास्थ्य के लिए बैक्टीरिया का सही संतुलन बेहद जरूरी होता है।
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