Right Way To Give Solid Food To Babies According To Age in Hindi: बच्चे के जन्म के बाद उन्हें शुरुआत के 6 महीने सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। मां का दूध शिशु के लिए पौष्टिक और हेल्दी माना जाता है, जो उनके विकास में मदद करता है। लेकिन, 6 महीना पूरा होने के बाद पेरेंट्स धीरे-धीरे शिशु की डाइट में सॉलिड फूड्स शामिल करना शुरू कर देते हैं। शिशु जैसे-जैसे बढ़ते हैं उनका पाचन तंत्र भी विकसित होता है और सॉलिड फूड उनकी डाइट में शामिल करना शुरू कर दिया जाता है। लेकिन, ठोस आहार पर बच्चों की शुरुआत कैसे करें? या शिशु को ठोस आहार कैसे खिलाएं? इस बारे में सोच रहे हैं तो परेशान न हो आइए यूएचएम, जिला अस्पताल, कानपुर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राम आशीष यादव (Dr. Ram Ashish Yadav, Pediatrician, UHM, District Hospital, Kanpur) से जानते है कि शिशुओं को सॉलिड फूड कैसे खिलाएं?
शिशुओं को ठोस आहार खिलाने का सही तरीका क्या है? - What is The Correct Way To Give Solid Food To Babies in Hindi?
शिशुओं के आहार की शुरुआत एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनकी सेहत और विकास में अहम भूमिका निभाता है। शिशु के पहले छह महीने केवल मां के दूध पर निर्भर रहते हैं, लेकिन जब वह 6 महीने के होते हैं, तो उन्हें ठोस आहार देना शुरू किया जा सकता है। यह समय उनके शारीरिक विकास और पोषण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। ठोस आहार की शुरुआत और उसकी प्रक्रिया को सही तरीके से समझना जरूरी है, ताकि शिशु का पोषण सही तरीके से हो सके। आइए जानते हैं कि शिशुओं को ठोस आहार खिलाने का सही तरीका क्या है, और किस उम्र में कौन सा आहार देना चाहिए।
1. 6-8 महीने: मसला हुआ खाना
जब शिशु 6 महीने का हो जाता है, तो उन्हें धीरे-धीपे सॉलिड फूड देना शुरू किया जाता है। इस समय शिशुओं का पाचन तंत्र पूरी तरह विकसित नहीं होता है, इसलिए उन्हें हल्का और मुलायम खाना देने की सलाह दी जाती है। इसलिए, 6 से 8 महीने के दौरान शिसुओं को आसानी से पचने वाला आहार देना चाहिए, जिसमें दाल का पीनी, सूप, चावल का पानी या फल और सब्जियों को स्टीम करके मसल कर खिला सकते हैं।
इसे भी पढ़ें: क्या छोटे बच्चों को सिर्फ प्यूरी खिलाना उनकी सेहत के लिए सही है? जानें एक्सपर्ट से
2. 7-8 महीने: थोड़ा गाढ़ा और बारीक प्यूरी
जब शिशु 7 से 8 महीने का हो जाता है, तो आप उनके सॉलिड फूड में थोड़ा सा बदलाव कर सकते हैं। इस समय आप उन्हें हल्का गाढ़ा और बारीक प्यूरी खिला सकते हैं। इस उम्र में शिशु के दांत निकलने की प्रक्रिया शुरू होने लगती है, इसलिए आप शिसु को हल्के ठोस आहार भी खिला सकते हैं। इस उम्र में आप अपने शिशुओं को उबली हुई सब्जियां और प्यूरी दैसे, गाजर मटर और आलू और फलों में सेब, केला या नाशपाती की प्यूरी शामिल कर सकते हैं। ये फूड्स खाने में आसान और शिशु के सेहत के लिए भी फायदेमंद होते हैं।
3. 9-11 महीने: बारीक कटा हुआ खाना
जब शिशु 9 महीने का हो जाता है, तब आप उनकी डाइट में ठोस आहार और बारीक कटा हुआ खाना शामिल कर सकते हैं। इस उम्र में शिशु के दांत और मसूड़े मजबूत होने लगते हैं, जिससे वह ज्यादा ठोस आहार चबा सकते हैं। इतना ही नहीं, आप उनकी डाइट में सब्जियों के छोटे टुकड़ें, कटा हुआ फल औऱ दलिया या रोटी भी शामिल कर सकते हैं।
4. 12 से 24 महीने: घर का नॉर्मल खाना
जब शिशु 12 महीने यानी एक साल का पूरा हो जाता है तो वह धीरे-धीरे बड़ों की तरह नॉर्मल खाना शामिल कर सकते हैं। 1 साल की उम्र तक शिशुओं का पाचन तंत्र पहले से ज्यादा मजबूत हो चुका होता है। ऐसे में वे नॉर्मल खाना आसानी से पचा सकते हैं। इस उम्र में शिशु को आप अपनी खाली के ज्यादा व्यंजन खिला सकते हैं, लेकिन, उनके स्वास्थ्य और सेहत का ध्यान रखते हुए। इसके अलावा, शिशु को पानी और जूस जैसे तरल पदार्थ भी धीरे-धीरे देना शुरू करें, ताकि वह हाइड्रेटेड रहे।
इसे भी पढ़ें: शिशुओं को ठोस आहार शुरू कराते समय न करें ये 6 गलतियां, मिलेगा पर्याप्त पोषण
निष्कर्ष
शिशु की डाइट में सॉलिड फूड शामिल करना काफी मुश्किल होता है, क्योंकि पेरेंट्स अक्सर इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं कि शिशु को ठोस आहार कब देना चाहिए? इसलिए, अगर आप भी इस बात को लेकर कंफ्यूज रहते हैं तो डॉक्टर के बताएं इन बातों का ध्यान रख सकते हैं और उनकी बढ़ती उम्र के हिसाब से उन्हें ठोस आहार दे सकते हैं।
Image Credit: Freepik
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version