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शिशु को सॉलिड फूड खिलाना शुरू कर रहे हैं? डॉक्टर से जानें क्या करें और क्या न करें

शिशुओं को ठोस आहार देते समय पेरेंट्स को कई जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए, ताकि उनके सेहत पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। ऐसे में शिशुओं को ठोस आहार देते समय क्या करना चाहिए और क्या नहीं, आइए जानते हैं? 
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शिशु को सॉलिड फूड खिलाना शुरू कर रहे हैं? डॉक्टर से जानें क्या करें और क्या न करें


Do's And Don'ts While Giving Solid Food To Baby: नवजात शिशुओं के जन्म के 6 महीने तक उन्हें सिर्फ मां का दूध पिलाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि शिशु की सही ग्रोथ के लिए ब्रेस्ट फीडिंग ही बेस्ट माना जाता है। लेकिन, जैसे-जैसे शिशु बड़ा होता है, उसके शरीर को ज्यादा पोषण की जरूरत पड़ती है। इसलिए, 6 महीने पूरे होने के बाद शिशुओं को सॉलिड फूड देने की सलाह दी जाती है। लेकिन, जब भी पेरेंट्स अपने शिशुओं को सॉलिड फूड देना शुरू करते हैं, तो उनके मन में कई तरह की कंफ्यूजन रहती है। इतना ही नहीं कई बार पेरेंट्स शिशुओं को ठोस आहार देते समय कुछ ऐसी गलतियां कर देते हैं, जिसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। ऐसे में आइए एस.डी.एन. अस्पताल के पीडीअट्रिशन डॉ. ललित हरि प्रसाद सिंह से जानते हैं कि शिशुओं को सॉलिड फूड देते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? (How to feed your baby solid food)

6 महीने के बाद शिशु को सॉलिड फूड खिलाने के लिए क्या करें और क्या न करें | Do's And Don'ts To Feed Your Baby After 6 Months in Hindi

6 महीने के बाद शिशु सॉलिड फूड्स खाना शुरू कर देते हैं। इसलिए, शिशुओं को ठोस आहार देते समय पेरेंट्स को कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेेहद जरूरी है। ऐसे में पीडीअट्रिशन डॉ. ललित हरि प्रसाद सिंह शिशुओं को सॉलिड फूड्स देते समय कुछ खास बातों का पर फोकस करने की सलाह देते हैं।

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शिशु को सॉलिड फूड खिलाने के लिए क्या करें? - How to feed solid food to baby in Hindi?

  • अपने शिशु को अलग-अलग तरह के खाद्य पदार्थ खिलाएंं। पहले प्यूरी से शुरुआत करें, फिर धीरे-धीरे फलों, सब्जियों और प्रोटीन से भरपूर फूड्स को शामिल करें।
  • अपने बच्चे को रोजाना तय समय पर खाने की आदत डालने के लिए आमतौर पर दिन में 2 से 3 बार सॉलिड फूड खाने को दें।
  • बच्चे के खाना खिलाने के दौरान अपने बच्चे के साथ जुड़ें, उनसे बात करें, और खाने के साथ पॉजिटिव जुड़ाव बनाने के लिए उससे आंख से आंख मिलाएं।
  • आप सॉलिड फूड के रूप में 8 से 10 महीने के बच्चे को नरम फल, सब्जियां आदि जैसे फिंगर फूड्स खिला सकते हैं, जो उन्हें खुद से खाने की आदत बनाने और मोटर कौशल विकास को बढ़ावा देता है।
  • अपने बच्चे के पेट भरे होने के संकेतों पर ध्यान दें, जैसे कि मुंह फेरना या चम्मच को दूर धकेलना, ताकि आप उसे ज्यादा खाना खिलाने से बच सकें।
  • शिशु को खाना खिलाने के सही तरीके को लेकर किसी भी तरह की कंफ्यूजन होने पर आप हमेशा अपने डॉक्टरसे कंसल्ट करें।

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Solid Foods For Babies

शिशु को सॉलिड फूड खिलाते समय क्या न करें? - what to avoid to feed solid food to baby in Hindi?

    • अगर आपका बच्चा खाने में दिलचस्पी नहीं दिखाता है, तो उसे कभी भी खाने के लिए मजबूर न करें, क्योंकि इससे खाने के साथ उसका नकारात्मक जुड़ाव हो सकता है।
    • 1 साल से पहले अपने बच्चे के सॉलिड फूड में चीनी या नमक शामिल करने से बचें। चीनी या नमक शामिल करने से बच्चे को स्वाद तो मिल सकता है, लेकिन इससे स्वाद से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
    • जब तक आपका बच्चा कम से कम 1 साल का न हो जाए, उसे पैकेज्ड डेयरी उत्पाद या जूस देने से बचें, क्योंकि इनमें बैक्टीरिया होने की संभावना ज्यादा होती है, जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
    • खाने के दौरान हमेशा अपने शिशु पर नजर रखें, ताकि वो कुछ ऐसा न खा लें, जो उनके गले में अटक सके और घुटन का कारण बन सके।
    • 1 साल से कम उम्र के बच्चों में एलर्जी के जोखिम को कम करने के लिए मूंगफली, अंडे और मछली जैसे खाद्य पदार्थ शामिल करने से बचें।

शिशुओं को सॉलिड फूड्स देते समय पेरेंट्स इन बातों का ध्यान रखें, तो उनकी डाइट में ठोस आहार शामिल करना आसान हो सकता है और उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखा जा सकता है।
Image Credit: Freepik

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