How To Start Solids For Baby 6 Months: बच्चे के पैदा होने से लेकर छह माह की उम्र तक केवल मां का दूध देने की सलाह दी जाती है। इसके बाद ही उन्हें ठोस पदार्थ की शुरुआत कराई जाती है। ऐसे में अधिकतर लोग अपनी दादी-नानी के तरीकों से बच्चों को ठोस पदार्थ देना शुरू करते हैं। जैसे कि शुरुआत से ही खाने में घी ज्यादा देना या रोज दाल के पानी का सेवन कराना। कई बार हम अनजाने में ऐसी गलतियां कर रहे होते हैं, जो बच्चों को फायदे की जगह नुकसान कर रही होती हैं। अब सवाल आता है कि कैसे समझें कि शिशुओं को ठोस पदार्थ शुरू कराने का सही तरीका क्या है? इस विषय पर बात करते हुए डॉ माधवी भारद्वाज (MD paeds) ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है। जिसमें उन्होंने शिशुओं को ठोस पदार्थ शुरू करते दौरान कुछ गलतियों पर ध्यान देने की बात की है।
शिशुओं को ठोस आहार शुरू कराते समय न करें ये गलतियां- What not to do when starting solids to infants ?
दाल या चावल का पानी देना
छह माह की उम्र के दौरान शिशु के दांत नहीं निकले होते हैं। इसलिए ज्यादातर लोग शिशुओं को दाल या चावल का पानी देते हैं। ऐसा करने से बच्चे के शरीर को पोषण नहीं मिलता है, क्योंकि इस तरीके से केवल अधिक पानी ही उसके शरीर में जाता है। इसलिए शिशुओं को दाल या चावल का पानी देने के बजाय दाल चावल मिलाकर देने चाहिए।
केवल दूध से पेट न भरना
कुछ लोग शिशुओं को ठोस पदार्थ के साथ फॉर्मूला मिल्क या गाय का दूध भी देते हैं। लेकिन इससे बच्चे के शरीर को सभी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। इसलिए बच्चे को जब भी भूख लगे, तो उसे ठोस पदार्थ ही दें। इसके बावजूद अगर बच्चा दूध पीना चाहता है, तो उसे ब्रेस्ट फीड कराया जा सकता है।
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फल की जगह फ्रूट जूस देना
शिशुओं के दांत न निकलने की वजह से ज्यादातर लोग फ्रूट जूस देते हैं। लेकिन जूस बनाते वक्त ही पोषक तत्व कम हो जाते हैं। इसलिए बच्चे को फल ही खाने के लिए दें, जिससे उन्हें फल खाने की आदत बन पाए।
दूध में बिस्किट भिगोकर खिलाना
कई लोग शिशुओं को दूध या चाय बिस्किट में भिगोकर खिलाते हैं। लेकिन यह शिशु की सेहत को नुकसान भी कर सकता है। दरअसल, बिस्किट को मैदा और चीनी से तैयार किया जाता है, जिसके सेवन से शिशु को पोषण नहीं मिलेगा। इसलिए ठोस पदार्थ के रूप में दूध में बिस्किट भिगोकर कभी न दें।
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दानेदार चीजों का सेवन कराना
इस उम्र में बच्चे के दांत नहीं निकले होते हैं, तो ऐसे में बच्चा चीजें निगलने लगता है। दानेदार चीजें बच्चे के गले में अटक सकती है और बच्चे को परेशान कर सकती हैं। इसलिए बच्चे की डाइट में दानेदार चीजें जैसे कि मूंगफली, चना या ड्राई फ्रूट्स न दें।
मील में पैकेज्ड फूड देना
कुछ लोग बच्चों को शुरुआत से ही पैकेज्ड फूड की आदत डालना शुरू कर देते हैं। लेकिन इनमें मौजूद प्रिजर्वेटिव बच्चे की सेहत खराब कर सकते हैं। इसलिए बच्चे को पैकेज्ड जूस, शेक और अन्य चीजों से दूर ही रखें।
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