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बच्चों को प्रेशर अल्सर की समस्या क्यों होती है? जानें कारण और बचाव के तरीके

1 साल से छोटे बच्चों में प्रेशर अल्सर (Pressure Ulcers) की समस्या हो सकती है, जिसमें बच्चे के शरीर पर घाव बनने लगता है।
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बच्चों को प्रेशर अल्सर की समस्या क्यों होती है? जानें कारण और बचाव के तरीके

शरीर में किसी एक स्थान पर लगातार ज्यादा दवाब पड़ने के कारण कई बार 1 साल से छोटे बच्चों में प्रेशर अल्सर (Pressure Ulcers) की समस्या हो जाती है। इसमें बच्चे के शरीर पर फफोले या घाव दिखने लगते हैं, जिनमें पस भी पड़ सकता है। ऐसा अक्सर 1 साल से छोटे बच्चों में होता है जिनका सबसे ज्यादा समय एक ही तरह से बिस्तर पर लेटे हुए गुजरता है। 1 साल से छोटे बच्चे अपने आप से करवट लेने में असमर्थ होते हैं और बचपन में उनके शरीर की खाल बेहद नाजुक होती है, ऐसे में अगर उनकी देखभाल अच्छे से न हो तो प्रेशर अल्सर होने का चांस बढ़ जाता है। इस लेख में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अछल्दा के सीनियर मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर गौरव कुमार से जानेंगे, बच्चों में प्रेशर अल्सर का कारण (What is the major cause of pressure ulcers) और बचाव के तरीके।

बच्चों में प्रेशर अल्सर होने का कारण- Causes Of Pressure Ulcers In Children In Hindi

  • बच्चे बिना किसी की मदद के करवट नहीं बदल सकते हैं, जिस वजह से उन्हें प्रेशर अल्सर की समस्या हो सकती है।
  • बच्चों की स्किन मुलायम और कमजोर होती है, यह एक बड़ा कारण है प्रेशर अल्सर का।
  • कई बार छोटे बच्चे पेशाब करने के बाद भी देर तक गीले में ही पड़े रहते हैं, ऐसे में नमी के कारण प्रेशर अल्सर हो सकता है।
  • जो बच्चे ज्यादा समय तक नैपकिन पहनते हैं उन्हें भी ये समस्या हो सकती है।

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बच्चों में प्रेशर अल्सर से बचाव के तरीके- Tips To Prevent Pressure Ulcers In Children In Hindi

  • बच्चों को एक ही बिस्तर पर देर तक न लेटा रहने दें। आप समय-समय पर अपने बच्चे को उठाकर गोद में घुमाएं।
  • बच्चों के बिस्तर के कपड़ों को रोजाना बदलें और किसी माइल्ड साबुन से कपड़ों को धोएं।
  • बच्चों का बिस्तर सूती कपड़े का बनाएं।
  • बच्चों की पीठ और कूल्हों पर अच्छे से पाउडर लगाएं।
  • बच्चों की रोजाना मालिश करें। मालिश के लिए आप जैतून के तेल, तिल के तेल या बादाम के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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  • बच्चों की मालिश करते हुए पूरे शरीर को ध्यान से रोजाना देखें कि कहीं उसे दबाव के कारण दर्द या घाव तो नहीं हुआ है।
  • 6 महीने से छोटे बच्चे को सुलाते वक्त दोनों तरफ तकिया लगाएं।
  • कई बार बच्चे नैपकिन पहनते हैं, जिसके कारण उनके कूल्हों पर घाव होने लगते हैं। अगर आप बच्चों को नैपकिन पहनाते हैं तो जब इसे उतारें तो हल्के हाथों से थपथपाकर ही सुखाएं।
  • बच्चे को माइल्ड साबुन से नहलाएं।
  • बच्चे को कॉटन के हल्के कपड़े पहनाएं। ध्यान रखें कि बच्चे को कोई भी ऐसा कपड़ा न पहनाएं जो उसकी स्किन पर चुभे। कई बार कपड़े के कारण भी फफोले पड़ जाते हैं।

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