Roti for Hypothyroid: हाइपोथायरायडिज्म, एक ऐसी स्थिति है जिसमें हमारे थायराइड ग्लैंड, थायराइड हार्मोन बनाना कम कर देते हैं। इसकी वजह से होता यह है कि शरीर में तमाम प्रकार की समस्याएं होती हैं जिसमें कि थकान से लेकर गर्मी लगना, हाथ कांपना और फिर प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में सही इलाज के साथ डाइट को भी सही रखना जरूरी हो जाता है जिसमें कि आपको कुछ अनाज से जुड़े बदलाव करने चाहिए। इसी कड़ी में बात करते हुए Suparna Mukherjee, Clinical Nutrition & Dietetics, Narayana Health City, Bengaluru से बात की जिन्होंने विस्तार से बताया कि हाइपोथायरायडिज्म में क्या खाएं और क्या नहीं।
हाइपोथायरायडिज्म में कौन सी रोटी खानी चाहिए-Which flour roti is best for hypothyroid patients
Suparna Mukherjee बताती हैं कि हाइपोथायरायड के रोगियों के लिए, रोटी के लिए सही आटा चुनना और यह समझना कि कौन से अनाज फायदेमंद हैं या किसे सीमित मात्रा में खाने चाहिए, स्थिति को नियंत्रित करने में काफी मदद कर सकता है। जैसे कि आम तौर पर, मल्टीग्रेन आटे की सलाह दी जाती है जिसमें कई तरह के फायदेमंद अनाज शामिल होते हैं। कुछ खास आटे और उनके लाभों में शामिल हैं:
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ज्वार की रोटी (Jowar or Sorghum Roti)
ज्वार को अक्सर हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों के लिए अनुशंसित किया जाता है क्योंकि माना जाता है कि यह असंतुलित हार्मोन को संतुलित करने और वजन प्रबंधन में सहायता करता है, जो अक्सर हाइपोथायरायडिज्म के साथ एक चिंता का विषय होता है। यह प्रकृति में ठंडा भी होता है, जो इसे गर्म जलवायु के लिए उपयुक्त बनाता है।
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बाजरे की रोटी (Pearl Millet)
बाजरा भी फायदेमंद हो सकता है, खासकर जब ज्वार के साथ मिलाया जाता है, क्योंकि यह अच्छा आयरन, जिंक और प्रोटीन प्रदान करता है। हालांकि, कुछ स्रोतों का सुझाव है कि बाजरा बड़ी मात्रा में गोइट्रोजेनिक यानी थायरॉयड फंक्शन में हस्तक्षेप कर सकता है, इसलिए संयम महत्वपूर्ण है और खाना पकाने के सही तरीकों को अपनाकर इन प्रभावों को कम किया जा सकता है।
अमरनाथ या राजगिरा आटे की रोटी (Amaranth or Rajgira Flour Roti)
अमरनाथ एक अच्छा ग्लूटेन-मुक्त विकल्प है जो हाइपोथायरायडिज्म के रोगियों में हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकता है। थायराइड के लिए विशेष रूप से तैयार मल्टीग्रेन आटा के सेवन करें जो कि इस बीमारी को कंट्रोल करने में मदद कर सकता है।
इन अनाजों का भी कर सकते हैं सेवन
क्विनोआ, हरा चना, ब्राउन राइस, लाल चावल, रागी, काला चना और साइलियम भूसी जैसी सामग्री थायराइड के मरीजों के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। खासकर कि क्विनोआ का आटा बनाकर इसकी रोटी खाना भी थायराइड कंट्रोल करने में मदद कर सकता है। यह प्रोटीन और फाइबर का एक अच्छा स्रोत है, जो हाइपोथायरायडिज्म को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा ब्लैक राइस के आटे की रोटी भी इस स्थिति में मददगार है। इसके अलावा आप ओट्स का सेवन भी कर सकते हैं, जो कि फाइबर से भरपूर है और यह समग्र थायराइड स्वास्थ्य में योगदान दे सकता है।
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इन अनाजों के सेवन में सावधानी बरतनी चाहिए
हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित कुछ लोग, खास तौर पर हाशिमोटो थायरायडाइटिस, एक ऑटोइम्यून स्थिति जो हाइपोथायरायडिज्म का कारण बनती है से पीड़ित लोगों को ग्लूटेन-मुक्त आहार का सेवन करना चाहिए। ग्लूटेन, छोटी आंत में जलन पैदा कर सकता है और संभावित रूप से थायराइड हार्मोन की दवा के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है। अगर आपको सीलिएक रोग या ग्लूटेन संवेदनशीलता है, तो ग्लूटेन से बचना बहुत जरूरी है। अगर आपको ग्लूटेन का सेवन करने में कोई संवेदनशीलता नहीं है, तो साबुत अनाज वाली किस्मों का सेवन करें।
कुछ गोइट्रोजेनिक अनाज (Goitrogenic Grains) हैं जिन्हें पकाने से आम तौर पर गोइट्रोजेनिक यौगिक निष्क्रिय हो जाते हैं, लेकिन फिर भी इनके सेवन से पहले सावधानी रखना जरूरी है। जैसे बाजरा।
इसके अलावा सोया उत्पादों में फाइटोएस्ट्रोजेन और गोइट्रोजेनिक यौगिक होते हैं जो थायराइड हार्मोन का उपयोग करने और थायराइड दवा को अवशोषित करने की शरीर की क्षमता में बाधा डाल सकते हैं। आमतौर पर सोया का सेवन सीमित करने या कम से कम थायराइड दवा लेने से कुछ घंटे पहले या बाद में इसका सेवन करने की सलाह दी जाती है।
तो हाइपोथायरायडिज्म के मरीजों को अपनी डाइट में इन बातों का ख्याल रखना चाहिए और इन अनाजों के सेवन से पहले एक्सपर्ट से बात जरूर कर लेनी चाहिए।
FAQ
थायराइड ग्लैंड बढ़ने से क्या होता है?
थायराइड ग्लैंड बढ़ने से थायरॉयड ग्रंथि थायरॉयड हार्मोन का अधिक उत्पादन करती है जिससे शरीर में कई सारी समस्याएं हो सकती हैं। जैसे वजन असंतुलित हो सकता है, पीरियड्स से लेकर प्रेग्नेंसी तक में दिक्कत आ सकती है।थायराइड में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?
थायराइड की समस्या में आयोडीन और विटामिन बी से भरपूर खाद्य पदार्थों का ज्यादा सेवन करना चाहिए। इसके अलावा, साबुत अनाज और फल व सब्जियों का सेवन इस स्थिति में काफी फायदेमंद है।थायराइड में कौन सी सब्जी ना खाएं?
थायराइड में क्रूसिफेरस सब्जियां जैसे पत्तागोभी, फूलगोभी, और ब्रोकली आदि के सेवन से बचें क्योंकि यह थायराइड हार्मोन में गड़बड़ी पैदा कर सकती है और इसे असंतुलित कर सकती है।