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हाइपोथायरायडिज्म की समस्या में कैसी हो आपकी डाइट? एक्सपर्ट से जानें

जब आपकी थायराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती है तो इसका प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है और हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) की समस्या होने लगती है। ऐसे में आपके लिए हेल्दी डाइट लेने भी जरूरी होता है।
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हाइपोथायरायडिज्म की समस्या में कैसी हो आपकी डाइट? एक्सपर्ट से जानें

Diet For Hypothyroidism in Hindi: थायराइड हमारे गले में मौजूद एक ग्लैंड है जो निचले हिस्से में स्थित होती है और यह तितली के आकार की होती है। यह ग्लैंड थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) नाम के हार्मोन रिलीज करते हैं, जो हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं और शरीर को एनर्जी देते हैं। लेकिन, जब आपकी थायराइड ग्रंथि पर्याप्त मात्रा में हार्मोन नहीं बनाती है तो इसका प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है और हाइपोथायरायडिज्म (Hypothyroidism) की समस्या होने लगती है, जिस कारण आपके शरीर का मोटापा बढ़ना, स्किन से जुड़ी समस्याएं और पाचन से जुड़ी परेशान बढ़ जाती है। इसलिए, हाइपोथायरायडिज्म की समस्या को ठीक करने या इसे कंट्रोल रखने के लिए सिर्फ दवाइयों पर निर्भर रहना जरूरी नहीं है, बल्कि सही डाइट फॉलो करना भी जरूरी है। ऐसे में आइए डायटेटिक प्लेस की फाउंडर और न्यूट्रिशनिस्ट साक्षी सिंह से जानते हैं कि हाइपोथायरायडिज्म की समस्या में डाइट में क्या शामिल करें?

हाइपोथायरायडिज्म कंट्रोल करने के लिए क्या खाएं? - What To Add in Your Diet For Hypothyroidism in Hindi?

न्यूट्रिशनिस्ट साक्षी सिंह के अनुसार हाइपोथायरायडिज्म की समस्या से राहत पाने के लिए जरूरी है कि आप अपने खाने में पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स शामिल करें, जिसमें -

1. सेलेनियम से भरपूर फूड्स - Selenium-rich Foods

सेलेनियम एक जरूरी मिनरल है, जो थायराइड हार्मोन को एक्टिव करने और थायराइड ग्लैंड की सूजन को कम करने में मदद करता है। आप अपनी डाइट में सेलेनियम से भरपूर फूड्स ब्राजील नट्स, सूरजमुखी के बीज, चिया सीड्स, अंडे, साबुत अनाज और मछलियां शामिल कर सकते हैं। रोजाना थोड़ी मात्रा में सेलेनियम से भरपूर फूड्स खाने से थायराइड ग्लैंड बेहतर तरीके से काम करता है।

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2. आयोडीन - Iodine

थायराइड हार्मोन के निर्माण के लिए आयोडीन बहुत जरूरी होता है। आयोडीन की कमी से थायराइड की कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिससे शरीर हाइपोथायरायडिज्म की समस्या हो सकती है। इसलिए, आप अपनी डाइट में आयोडीन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे- आयोडीन युक्त नमक, सी शैवाल, दूध और दूध से बने प्रोडक्ट्स, अंडे और मछली शामिल कर सकते हं। लेकिन ध्यान रखें कि आयोडीन का ज्यादा सेवन भी आपके शरीर में थायराइड ग्लैंड को नुकसान पहुंचा सकता है, इसलिए इसकी संतुलित मात्रा होना जरूरी है।

3. जिंक से भरपूर फूड्स - Zinc-rich Foods

जिंक आपके थायरायड हार्मोन के निर्माण में बहुत मदद करता है और थायराइड ग्लैंड को ठीक से काम करने में सहायक होता है। इसलिए, आप अपनी डाइट में जिंक से भरपूर फूड्स जैसे कद्दू के बीज, तिल के बीज, काजू, मसूर, मूंग और चना जैसी दालें, अंडी या साबुत अनाज शामिल कर सकते हैं। इन फूड्स के सेवन से आपके शरीर में जिंक की कमी पूरी हो सकती है, जिससे थकाम, बाल, झड़ने और कमजोर इम्यूनिटी से जुड़ी समस्याओं से राहत मिल सकती है।

4. प्रोटीन - Protein

प्रोटीन का सेवन आपके शरीर में मेटाबॉलिज्म को बेहतर करता है और थायराइड हार्मोन को शरीर के सेल्स तक पहुंचाने में मदद करता है। इसलिए आप अपनी डाइट में प्रोटीन से भरपूर फूड्स जैसे अंडा, दूध, दही, दालें, बीन्स, चिकन, मछली, टोफू और सोया प्रोडक्ट्स शामिल कर सकते हैं। प्रोटीन से भरपूर इन फूड्स से तैयार ब्रेकफास्ट आपके शरीर को दिनभर एनर्जी देता है, जिससे थकाम दूर होती है और थायराइड से जुड़ी समस्या से भी राहत मिल सकती है।

Diet For Hypothyroidism

5. फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स - Fiber and Antioxidants

हाइपोथायरायडिज्म में अक्सर पाचन तंत्र धीमा हो जाता है, जिससे कब्ज की समस्या हो सकती है। ऐसे में फाइबर से भरपूर डाइट आपके डाइजेशन में सुधार करने और एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाने में मदद करता है। इसलिए, आप अपनी डाइट में फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें, जिसमें पालक, मेथी जैसी हरी पत्तेदार सब्जियां, सेब, नाशपाती, जामुन और अनार जैसे फल, गाज, चुकंदर, टमाटर, ओट्स और ब्राउन राइस हो। इन खाद्य पदार्थों से न सिर्फ पाचन तंत्र बेहतर रहता है, बल्कि इम्यूनिटी भी मजबूत होती है।

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6. हेल्दी फैट्स - Healthy Fats

हेल्दी फैट्स जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड थायराइड की सूजन को कम करते हैं और हार्मोन संतुलन में मदद करते हैं। ऐसे में आप अपनी डाइट में हेल्दी फैट्स से भरपूर एवोकाडो, अखरोट, अलसी के बीज, सैल्मन या टूना जैसी मछली, एक्स्ट्रा वर्जिन ऑलिव ऑयल आदि चीजों को शामिल कर सकते हैं। इन फैट्स को अपनी डाइट में शामिल करने से हार्मोन बैलेंस बना रहता है और शरीर एक्टिव रहता है।

निष्कर्ष

हाइपोथायरायडिज्म के इलाज में दवाइयों के साथ-साथ संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट भी बहुत जरूरी होती है। सेलेनियम, आयोडीन, जिंक, प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सिडेंट्स और हेल्दी फैट्स से भरपूर फड्स अपनी डाइट में शामिल करें। और खाने में किसी भी नई चीज को शामिल करने से पहले अपने डॉक्टर या न्यूट्रिशनिस्ट से कंसल्ट करें।
Image Credit: Freepik

FAQ

  • हाइपो थायराइड बढ़ने से क्या होता है?

    हाइपोथायरायडिज्म बढ़ने के कारण शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती है, जिसमें थकाम, वजन बढ़ना, ठंड लगना, कब्ज या स्किन से जुड़ी परेशानियां शामिल हैं। अगर समय पर इसका इलाज नहीं किया जाता है तो यह नर्व सिस्टम को डैमेज कर सकता है, जिससे फर्टिलिटी भी प्रभावित होती है।
  • हाइपोथायरायड में क्या क्या नहीं खाना चाहिए?

    हाइपोथायरायडिज्म में कुछ तरह के फूड्स से परहेज करना चाहिए, जिसमें चीनी से भरपूर फूड्स, प्रोसेस्ड फूड्स, कुछ पत्तेदार सब्जियां और सोया प्रोडक्ट्स शामिल है।
  • थायराइड की पहचान कैसे होती है?

    थायराइड की पहचान के लिए सामान्य तौर पर एक ब्लड टेस्ट किया जाता है, ताकि थायराइड हार्मोन (T3, T4) और थायराइड स्टिम्युलेटिंग हार्मोन (TSH) के लेवल की जांच की जा सके। इसके अलावा, लक्षणों के आधार पर, डॉक्टर अन्य कई टेस्ट भी कर सकते हैं।

 

 

 

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